कोरोना से लड़ने वाले चिकित्साकर्मियों के लिए महिंद्रा बना रही 'खास' कवच, शुरू हुआ प्रोडक्शन
भारत सहित पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना महामारी से जूझ रही है। इससे लड़ने के लिए कई बड़े उद्योगपति सरकार की मदद को आगे आए हैं। इनमें आनंद महिंद्रा, मुकेश अंबानी, रतन टाटा, अनिल अग्रवाल और विजय शेखर शर्मा जैसे बड़े नाम शामिल हैं। सरकार की मदद को आगे आगे वालों में सबसे पहला नाम महिंद्रा ग्रुप का है।
सबसे पहले महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने ट्वीट कर बताया था कि जरूरत पड़ने पर उनकी कंपनी अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स में अस्थाई वेंटिलेटर्स बनाने का काम शुरू करेगी। इसके अलावा आनंद महिंद्रा ने कहा था कि सभी महिंद्रा रिसॉर्ट्स अस्थाई तौर पर मेडिकल फैसिलिटी के लिए उपलब्ध रहेंगे। अब महिंद्रा ग्रुप कोरोना से लड़ने वाले डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों के लिए खास तरह के फेस शील्ड (चेहरा रक्षाकवच) बना रहा है। इन्हें बनाने का काम 30 मार्च (सोमवार) से महिंद्रा एंड महिंद्रा कांदिवली में शुरू होगा।
इस बारे में महिंद्रा के मैनेजिंग डायरेक्टर पवन गोयनका ने ट्वीट कर जानकारी दी। पवन गोयनका ने ट्वीट में लिखा,
'अपडेट- हमारे पार्टनर फोर्ड मोटर के तैयार किए गए डिजाइन के साथ अब हम चिकित्सा सेवा देने वाले कर्मियों के लिए ये फेस शील्ड बनाने के लिए तैयार हैं। हमने इस सोमवार (30 मार्च) को 500 फेस शील्ड बनाने का लक्ष्य रखा है जिसे बाद में बढ़ाया जाएगा। बाकी वेंटिलेटर्स के बारे में सभी को सोमवार को अपडेट दूंगा।'
इस पर आनंद महिंद्रा ने कहा,
'इतनी जल्दी काम करने के लिए पवन और उनकी टीम का धन्यवाद। साथ ही फोर्ड के सीओओ जिम फारले को भी एक बिग थैंक यू जिन्होंने तेजी से इस फेस शील्ड के प्रोडक्शन के बारे में जानकारी साझा की।'
कंपनी केवल फेस शील्ड ही नहीं बल्कि वेंटिलेटर्स बनाने पर भी काम कर रही है। इस बारे में कंपनी पहले ही बता चुकी है। महिंद्रा की टीम ने संभावित वेंटिलेटर्स का प्रोटोटाइप तैयार कर लिया है। महिंद्रा की टीम तीन प्रकार के वेंटिलेटर्स बनाने पर काम कर रही है। सबसे जरूरी बात यह है कि इनमें से एक प्रकार के वेंटिलेटर की कीमत 7,500 रुपये से कम होगी।
इस बारे में कंपनी के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने पहले ही ट्वीट कर जानकारी दी है। आनंद महिंद्रा ने बताया था कि उनकी कंपनी ICU वेंटिलेटर बनाने वाली एक स्वदेशी कंपनी के साथ काम कर रही है। ये बहुत जरूरी मशीनें होती हैं जिनकी कीमत 5-10 लाख के बीच होती है। यह जीवन के लिए बहुत जरूरी हैं और हमारी टीम मानती है कि इसकी कीमत 7,500 रुपये से नीचे होगी।
मालूम हो, कोरोना से लड़ने के लिए पूरे देश के बिजनेसमैन सरकार के साथ खड़े हैं। महिंद्रा ग्रुप से लेकर रिलायंस और टाटा से लेकर वेदांता ग्रुप, हर कोई इस महामारी से बचने के लिए सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। हर किसी ने अपने स्तर पर सरकार की मदद की है। जहां टाटा ग्रुप ने 1500 करोड़ की मदद की है, वहीं वेदांता ग्रुप ने 100 करोड़ की। रिलांयस ने मुंबई में कोरोना समर्पित एक 100 बेड का अस्पताल बनवाया तो महिंद्रा ग्रुप अस्थाई वेंटिलेटर्स बनाने पर काम कर रहा है।