रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा, कोविड-19 संक्रमण के खिलाफ कारगर नहीं मलेरिया की दवाई हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन
न्यूयॉर्क, एक अध्ययन में पता चला है कि मलेरिया के इलाज में काम आने वाली दवाई हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन कोविड-19 के खिलाफ प्रभावी नहीं है। अध्ययन में वैश्विक महामारी से निपटने के लिए दुनिया के कई देशों द्वारा इस दवाई के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करने को लेकर चिंता भी जताई गई है।
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोविड-19 से निपटने में हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन को ‘गेम चेंजर’ बताया था।
प्रिप्रिंट सर्वर मेडआरएसआईवी में प्रकाशित इस अध्ययन में अमेरिका के कई बड़े स्वास्थ्य प्रशासन चिकित्सा केंद्रों में भर्ती कोविड-19 के मरीजों का विश्लेषण किया गया। शोधकर्ताओं ने हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन और एजिथ्रोमाइसिन दवाओं के इस्तेमाल तथा नैदानिक निष्कर्षों के बीच संबंध देखा।
शोधकर्ताओं का मानना है कि सुनी-सुनाई बातों के आधार पर कोविड-19 के उपचार में अकेले हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन या एजिथ्रोमाइसिन के मेल के साथ इसका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहा है।
अध्ययन में वैज्ञानिकों ने 11 अप्रैल तक अमेरिका के सभी वेटरन्स हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन मेडिकल सेंटर्स में भर्ती सार्स-सीओवी-2 से संक्रमित मरीजों के डेटा का विश्लेषण किया।
उन्होंने 368 मरीजों को अलग-अलग श्रेणी में बांटा। एक में ऐसे मरीज जिन्हें केवल हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन दी गई, एक में ऐसे मरीज जिन्हें हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन और एजिथ्रोमाइसिन का मेल दिया गया।
शुरूआती निष्कर्षों में पता चला कि कुछ मरीजों की मौत हुई और कुछ को वेंटिलेटर की आवश्यकता पड़ी।
इसके आधार पर वैज्ञानिकों ने कहा कि ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है जिससे यह पता चलता हो कि हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन कोविड-19 से संक्रमित मरीजों में मेकैनिकल वेंटिलेशन की जरूरत को कम करती हो।
Edited by रविकांत पारीक