Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

कोरोनावायरस: जम्मू कश्मीर में लॉकडाउन के बीच पुणे के फिल्ममेकर का सहारा बना मुस्लिम परिवार

कोरोनावायरस: जम्मू कश्मीर में लॉकडाउन के बीच पुणे के फिल्ममेकर का सहारा बना मुस्लिम परिवार

Saturday April 18, 2020 , 2 min Read

भद्रवाह, जिस वक्त कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिये देशव्यापी बंद की घोषणा हुई उस वक्त पुणे के रहने वाले फिल्ममेकर नचिकेत गुट्टीकर यहां से सामान बांधकर महाराष्ट्र स्थित अपने घर निकलने की तैयारी कर रहे थे।


k

सांकेतिक चित्र (फोटो क्रेडिट: the logical indian)



गुट्टीकर अपने सहयोगी शमिन कुलकर्णी और निनाद दातार के साथ एक डॉक्यूमेंट्री की शूटिंग के लिये 15 मार्च को यहां पहुंचे थे। उन्हें 25 मार्च को जम्मू से पुणे के लिए उड़ान पकड़नी थी लेकिन 24 मार्च को देशव्यापी बंद की घोषणा का मतलब था कि उन्हें कम से कम अगले तीन हफ्ते उसी जगह पर गुजारने थे।


गुट्टीकर ने कहा,

“सरकार ने जब बंद की घोषणा की तो स्थिति भयावह थी। हम घबराये हुए थे क्योंकि जमीनी और हवाई यातायात बंद था तथा होटल भी बंद थे।”


इसके बाद गाथा गांव में एक मुस्लिम परिवार ने उन्हें अपने घर में रहने की पेशकश की।


गुट्टीकर ने कहा,

“हम खुशकिस्मत थे कि यह परिवार सामने आया और हमें रहने के लिये अपने घर की पेशकश की।”


उन्होंने कहा,

“हमें इस परिवार के साथ रहने कुछ हफ्ते हो गए। परिवार के सदस्यों के मित्रवत व्यवहार से हमें अपने घर जैसा ही महसूस हो रहा है।”


उन्होंने कहा,

“मुझे पूरा विश्वास है कि इस प्रकार का आतिथ्य किसी दूसरी जगह नहीं मिल सकता। यह वह असली कश्मीरियत है जिसके बारे में हम अक्सर सुनते हैं।”


वहीं नाजिम मलिक का परिवार खुद को खुशकिस्मत मानता है कि उन्हें महामारी के कारण मुश्किल में फंसे अजनबियों की मदद करने का मौका मिला।


मलिक ने कहा,

“हमनें उनपर कोई एहसान नहीं किया है। कल को अगर हमारे बच्चे ऐसी ही स्थिति में फंस जाएं तो निश्चित ही कोई उनकी मदद के लिये हाथ बढ़ाएगा।”


उन्होंने कहा,

“जब तक ऐसी स्थिति है मेरे घर पर ठहरने के लिये मेहमानों का स्वागत है।”


Edited by रविकांत पारीक