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कोरोनावायरस : लॉकडाउन के बावजूद महानगरों से परे स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर रहा है कोटा का यह स्टार्टअप

कोरोनावायरस : लॉकडाउन के बावजूद महानगरों से परे स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर रहा है कोटा का यह स्टार्टअप

Monday April 06, 2020 , 5 min Read

अकेले भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया COVID-19 महामारी से जूझ रही है। ऐसे में कोटा स्थित मेडकॉर्ड्स (MedCords) हजारों भारतीय रोगियों को योग्य डॉक्टरों के साथ परामर्श दिलाने और आवश्यक दवाओं को ऑर्डर करने में मदद कर रहा है। ये स्टार्टअप मरीजों की भौगोलिक सीमाओं के बावजूद, अपने आयू (Aayu) और सेहत साथी (Sehat Sathi) नामक प्लेटफॉर्म के साथ लोगों की मदद कर रहा है।


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MedCords के कॉ-फाउंडर्स



कोटा स्थित मेडकॉर्ड्स रोगियों, डॉक्टरों और फार्मेसियों को आसान पहुंच और चिकित्सा डेटा साझा करने के लिए एक दूसरे से जोड़ता है। यह राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार और छत्तीसगढ़ में 20 लाख से अधिक यूजर्स को अपनी सेवाएं प्रदान करता है। तीन लाख से कम आबादी वाले शहरों और गांवों सहित स्टार्टअप टियर- III और उससे नीचे के शहरों को टागरेट करता है।


श्रेयांस मेहता, निखिल बाहेती और सईदा धनवथ द्वारा 2017 में शुरू किए गए, मेडकॉर्ड्स का उद्देश्य शहरी और ग्रामीण भारत में गुणवत्ता स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच के बीच असमानता को खत्म करना है। स्टार्टअप को इन्फोएज, वॉटरब्रिज वेंचर्स, एस्टार्क वेंचर्स जैसे अन्य निवेशकों के द्वारा समर्थित किया गया है।


मेडकॉर्ड्स 'योरस्टोरी 2018 टेक 30 स्टार्टअप्स' में से एक था, और जून 2019 में व्हाट्सएप-स्टार्टअप इंडिया ग्रैंड चैलेंज जीतने वाले पांच स्टार्टअप्स में से भी एक था, और इसे 50,000 डॉलर से सम्मानित किया गया था।


स्टार्टअप काम कैसे करता है?

'आयु' का उपयोग करते हुए, ग्राहक ऐप पर विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श (कंसल्टेशन) प्राप्त कर सकते हैं। अगर यूजर के पास स्मार्टफोन नहीं है तो वह उन्हें कॉल भी कर सकते हैं। ऐप में कोरोना वायरस को लेकर एक व्यापक गाइड दी गई है जो इससे जुड़े मिथकों को दूर करता है व यूजर्स के लक्षणों की जांच करने में सहायक है। एक व्यक्ति जो स्मार्टफोन उपयोगकर्ता नहीं है वह भारत में कहीं से भी डॉक्टरों से परामर्श प्राप्त करने के लिए 7816811111 पर कॉल कर सकता है।


ऐप मरीजों को न केवल डॉक्टरों, बल्कि दवाओं की खरीद के लिए मेडिकल स्टोर से जोड़कर उनकी कई समस्याओं को एक साथ हल करता है। प्लेटफॉर्म सेहत साथी एक Android App है जो रिमोट एरिया में यूजर्स को उपलब्ध मेडिकल स्टोर के बारे में बताता है। यह सेमी-अर्बन एरिया में मेडिकल स्टोर को ऑनलाइन बनाने और अपने ग्राहकों के साथ चैट करने में सक्षम बनाता है। Android ऐप्स, Aayu & Sehat Saathi, और इसके हेल्पलाइन नंबर को हिंदी व अंग्रेजी में उपयोग किए जा सकता है, जिससे भारतीयों के लिए इसका उपयोग करना आसान हो जाता है।





मेडकॉर्ड्स के सह-संस्थापक और सीईओ श्रेयांस मेहता कहते हैं,

“COVID-19 महामारी वास्तव में देश के लिए एक परीक्षा का समय है। लॉकडाउन के कारण सार्वजनिक परिवहन पर प्रतिबंध ने आम लोगों को चिकित्सा सहायता तक पहुंचने से रोक दिया है। महामारी ने ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे शहरों में डॉक्टरों की कमी को भी जन्म दिया है, जिससे भारत के करोड़ों लोगों को परेशानी हो रही है। हमारे दो एप्स के माध्यम से हमारा इंटीग्रेटेड सलूशन - आयू और सेहत साथी, इस अंतर को पाटने और लोगों की उंगलियों पर भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए एक प्रभावी हेल्थकेयर इकोसिस्टम लाने का एक प्रयास है।”
टेक प्लेटफॉर्म के लाभों के बारे में ग्रामीणों को शिक्षित करता एक मेडकॉर्ड्स प्रतिनिधि।

टेक प्लेटफॉर्म के लाभों के बारे में ग्रामीणों को शिक्षित करता एक मेडकॉर्ड्स प्रतिनिधि।  


श्रेयांश आगे बताते हैं कि मरीज सभी प्रकार की बीमारियों और स्वास्थ्य समस्याओं के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों से ई-परामर्श लेने के लिए ऐप का उपयोग कर सकते हैं, वह भी घर से मात्र 99 रुपये में।


वे कहते हैं,

"हम सिर्फ 30 मिनट में एक परामर्श पूरा करने की कोशिश करते हैं।"


ई-कंसल्टेशन के बाद, रोगी को अपने आयु ऐप में एक दवा का पर्चा मिलता है, और यदि यूजर्स स्मार्टफोन उपयोगकर्ता नहीं है, तो उन्हें एसएमएस पर वह पर्चा मिलेगा।


उपयोगकर्ता चाहें तो प्रभावी निदान के लिए अपने पुराने चिकित्सा रिकॉर्ड भी अपलोड कर सकते हैं। एप्लिकेशन हाइपर-लोकल चैट और मेडिकल स्टोर से छूट की अनुमति देता है। रोगी पास के मेडिकल स्टोर को खोजने के लिए 'ऑर्डर मेडिसिन’ सुविधा का उपयोग कर सकता है और दवा ऑर्डर करने के लिए उनके साथ चैट कर सकता है।


वे बताते हैं,

"ऐप में एक हेल्थ कार्ड है, जिसका उपयोग पास के मेडिकल स्टोर पर छूट पाने के लिए किया जा सकता है। ऐप एक सब्सक्रिप्शन मॉडल पर भी काम करता है, जहाँ यूजर्स Aayu Card खरीद सकते हैं, और 12 महीनों के लिए 999 रुपये में 25 ई-परामर्श प्राप्त कर सकते हैं। आमतौर पर गांवों के मरीज कम से कम 1500 रुपये खर्च करते हैं, जब वे शहर में डॉक्टरों से मिलते हैं।"





कोरोनावायरस पर फोकस

सह-संस्थापक बताते हैं कि कंपनी बड़े पैमाने पर टेक्नोलॉजी का उपयोग कर भारत को कोरोनावायरस संकट से निपटने में मदद करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। मेडकॉर्ड्स के सह-संस्थापक निखिल बाहेती कहते हैं,

“देश के प्रत्येक व्यक्ति को सही जानकारी, योग्य डॉक्टरों और उनकी समस्या के पूर्ण समापन तक पहुंच होनी चाहिए। और यही हम मेडकॉर्ड्स में प्रदान करते हैं।”


मेडकॉर्ड्स अपने सभी यूजर्स को पहली बार मुफ्त परामर्श भी दे रहा है ताकि वे इस महामारी की स्थिति के बीच उपलब्ध नवीनतम जानकारी और संभावित समाधानों के बारे में सुरक्षित और जागरूक रह सकें।


श्रेयांस ने कहा,

“हमारे इस सलूशन के साथ, आप लंबी अस्पताल लाइनों से बच सकते हैं और घर से ई-परामर्श ले सकते हैं। यदि आप कोरोनावायरस के किसी भी लक्षण को देखते हैं, तो कृपया नजदीकी अस्पताल में जाएँ और इस महामारी के बारे में कोई अफवाह न फैलाएँ।”


वह बताते हैं कि आयु टीम Aayu ऐप पर प्रतिदिन 10,000 से अधिक यूजर्स को जानकारी जारी कर रही है। अब तक Aayu ऐप और Sehat Sathi के 20 लाख से अधिक पंजीकृत उपयोगकर्ता हैं, जिनमें कम से कम 1000 सक्रिय डॉक्टर उनकी मदद करते हैं।


हाल ही में, कोटा जिला प्रशासन ने कोटा में लोगों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए कंपनी के साथ साझेदारी की है, और कोरोनोवायरस-संबंधित प्रश्नों और यहां तक कि अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के लिए मेडकॉर्ड्स से मुफ्त ई-परामर्श का उपयोग करने की सलाह दी है।