देश के सबसे बड़े बैंक घोटालों की होगी जांच, क्या लपेटे में आएंगे RBI अधिकारी?
याचिका में मांग की गई है कि किंगफिशर, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, नीरव मोदी, यस बैंक, लक्ष्मी विलास बैंक, रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड, फर्स्ट लीजिंग कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड के घोटालों में आरबीआई अधिकारियों की भूमिका की सीबीआई जांच की जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसमें उन्होंने विभिन्न बैंकिंग घोटालों में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अधिकारियों की कथित भूमिका की जांच करने को कहा था. जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने केंद्रीय जांच ब्यूरो और भारतीय रिजर्व बैंक को नोटिस जारी कर स्वामी की याचिका पर उनसे जवाब मांगा. पीठ ने कहा, ''हम विचार करेंगे. नोटिस जारी की जाए.''
स्वामी ने आरोप लगाया है कि किंगफिशर, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और यस बैंक जैसी विभिन्न संस्थाओं से जुड़े घोटालों में आरबीआई अधिकारियों के शामिल होने की जांच नहीं की गई.
याचिका में मांग की गई है कि किंगफिशर, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश स्थित प्राइवेट सुगर ऑर्गेनाइजेशन, नीरव मोदी/पंजाब नेशनल बैंक, IL&FS बैंक, यस बैंक, लक्ष्मी विलास बैंक, रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड, फर्स्ट लीजिंग कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड के घोटालों में आरबीआई अधिकारियों की भूमिका की सीबीआई जांच की जाए.
याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि आरबीआई के अधिकारियों ने भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, बैंकिंग विनियमन अधिनियम और भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम सहित विभिन्न कानूनों के प्रत्यक्ष उल्लंघन में ''सक्रिय रूप से मिलीभगत'' की.
बता दें कि, शराब कारोबारी विजय माल्या ने एसबीआई समेत कई बैंकों को कुल 9000 करोड़ रुपये से भी अधिक का चूना लगाया. इसमें 1600 करोड़ का सबसे ज्यादा कर्ज एसबीआई का रहा, इसके बाद पीएनबी (800 करोड़), आईडीबीआई (650 करोड़) और बैंक ऑफ बड़ौदा का नंबर है.
वहीं, हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने अपने मामा मेहुल चोकसी के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक में 14000 करोड़ रुपये का घोटाला किया, जो साल 2018 में सामने आया. लेकिन पर्दाफाश होने से पहले ही दोनों देश छोड़कर फरार हो गए. नीरव मोदी के खिलाफ लंदन में मुकदमा चल रहा है और उसे भारत वापस लाने की कोशिशें की जा रही हैं. इस वक्त नीरव मोदी लंदन की एक जेल में बंद है.
जबकि सीबीआई के अनुसार, यस बैंक के को-फाउंडर राणा कपूर और उनके परिवार के सदस्यों को हाउसिंग फाइनेंस कंपनी डीएचएफएल के डिबेंचर में बैंक के किए गए 3,700 करोड़ रुपये के निवेश के लिए कथित तौर पर लगभग 600 करोड़ रुपये की रिश्वत मिली थी.
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, भारत को पिछले 7 सालों में हर रोज औसतन करीब 100 करोड़ रुपये का नुकसान सिर्फ बैंक फ्रॉड या स्कैम के जरिए हुआ है.
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