इंटरनेशनल क्रिकेट में अपने डेब्यू मैच में हाफ सेंचुरी मारने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी ईशान किशन की कहानी
उनसे पहले ये रिकॉर्ड अंजिक्य रहाणे के नाम था। ईशान किशन ने 32 गेंदों में 56 रन बनाए। उन्होंने अपनी पारी में 5 चौके और 4 छक्के मारे। ईशान ने अपना अर्धशतक भी छ्क्का मारकर पूरा किया। उनकी शानदार पारी के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच भी दिया गया है।
भारत ने हाल ही में कप्तान विराट कोहली के नॉटआउट 73 और ईशान किशन के 56 रनों की बदौलत इंग्लैंड को हराकर पांच मैचों की टी20 सीरीज में 1-1 से बराबरी कर ली है।
इसी मैच के साथ ईशान किशन ने इंटरनेशनल क्रिकेट में अपना डेब्यू किया है, और डेब्यू मैच में अर्धशतक (फिफ्टी) मारने वाले वह दूसरे भारतीय बल्लेबाज है। उनसे पहले ये रिकॉर्ड अंजिक्य रहाणे के नाम था। ईशान किशन ने 32 गेंदों में 56 रन बनाए। उन्होंने अपनी पारी में 5 चौके और 4 छक्के मारे। ईशान ने अपना अर्धशतक भी छ्क्का मारकर पूरा किया। उनकी शानदार पारी के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच भी दिया गया है।
कोच के पिता को समर्पित की पारी
ईशान किशन अपनी इस पारी को अपने कोच के पिता को समर्पित करते हैं। किशन ने बताया कि उनके कोच के पिता का कुछ दिन पहले ही निधन हुआ है और ये पारी उन्हीं को समर्पित है।
मैच के बाद उन्होंने कहा कि, "यह अर्धशतक मेरे कोच के पिता को समर्पित, जिनका हाल ही में देहांत हुआ। कोच ने मुझसे कहा था कि पिता के लिए तुम्हें शतक लगाना होगा। मेरा पहला मैच था, नर्वस था। बैटिंग पर जाने से पहले रोहित भाई ने आकर मुझे कहा कि जाओ IPL की तरह बेखौफ खेलो।"
रात को भूखे सोना पड़ा
ईशान के लिए भारत के लिए खेलने तक का सफर इतना आसान नहीं रहा है। एक दौर में वह रात में खाना भी नहीं खाया करते थे और इसके पीछे की कहानी उनके पिता प्रणव कुमार पांडे ने इंडियन एक्सप्रेस के साथ साझा की है।
उनके पिता ने बताया, "छोटी उम्र में ईशान को उनके फैमिली ने पटना से रांची भेज दिया, ताकि वह क्रिकेट को अपना करियर बना सकें। जहां 12 साल की उम्र में जिला क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए उन्हें स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) की टीम में चुना गया था।"
उनके पिता ने आगे बताया, "ईशान के कोच और सभी ने कहा कि अगर वह क्रिकेट में ऊंचाई हासिल करना चाहता है, तो उसे रांची जाना चाहिए। उसकी मां परेशान थीं, लेकिन बहुत बहुत सोचने के बाद हमने उसे पड़ोसी राज्य भेजने का फैसला किया। मन में कुछ डर था, लेकिन ईशान रांची जाने की जिद पर अड़ा था। वहां किशन को चार अन्य सीनियर के साथ एक कमरा साझा करना पड़ा और उसे सफाई और पानी भरने के लिए लगाया गया क्योंकि वह खाना बनाना नहीं जानता था।"
उनके पिता ने खुलासा किया, "ईशान के सीनियर्स रात में क्रिकेट खेलने जाते थे, और ऐसे में वह बिना खाना खाए सो जाता था। ये बात उसने हमें कभी नहीं बताई। ऐसा दो साल तक जारी रहा। वह चिप्स, कुरकुरे... जैसी चीजें खाकर सो जाता था। जब हम फोन करते थे, तो वह झूठ बोलता था कि उसने खाना खा लिया है। पता चलने पर हमने तय किया कि हम रांची में किराए पर फ्लैट लेंगे। इसके बाद किशन की मां सुचित्रा अपने बेटे के साथ नए घर में चली गईं।"
फिर आगे चलकर उन्होंने 2016 में अंडर-19 विश्व कप में भारतीय टीम का नेतृत्व किया, जिसमें ऋषभ पंत, वॉशिंगटन सुंदर और खलील अहमद जैसे खिलाड़ी उनके साथ थे।
'वीरू' ने की तारीफ
इंटरनेशनल क्रिकेट में अपने डेब्यू मैच में हाफ सेंचुरी मारने वाले ईशान किशन की भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने खूब तारीफ की।
सहवाग ने ईशान की बल्लेबाजी पर कहा, "ईशान किशन ने जो पारी खेली, उसने सबके ऊपर से दबाव हटा दिया। जब भी टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज रन बनाते हैं तो नीचे वालों के लिए आसान हो जाता है। मुझे उनके बारे में ये बात अच्छी लगी कि वो ये सोचकर नहीं खेल रहे थे कि इंटरनेशनल मैच खेल रहे हैं। शायद वो सोच रहे थे कि वो आईपीएल में खेल रहे हैं। जिस तरह से उन्होंने शॉट्स खेले वो देखकर लग रहा था कि वो आईपीएल या दूसरे टी20 फॉर्मेट्स में खेलते हैं, वैसे ही खेल रहे हैं। इन गेंदबाजों को वहां भी खेलते हैं।"
गौरतलब हो कि इस मैच में ईशान किशन के साथ सूर्य कुमार यादव ने भी भारत की ओर से इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया, हालांकि उन्हें बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला।
आपको बता दें कि 22 साल के ईशान किशन घरेलू क्रिकेट में झारखंड और आईपीएल में मुंबई इंडियंस के लिए खेलते हैं। वह आईपीएल में गुजरात लॉयन्स का भी प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।