IRCTC ने बदला अपना अंदाज, अब पहले ही पता चलेगा वेटिंग टिकट कन्फर्म होगी या नहीं
आईआरसीटीसी की वेबसाइट में बड़ा परिवर्तन...
पहले ट्रेनों में वेटिंग टिकट मिलने पर लोग दुविधा में पड़ जाते थे और प्राइवेट साइट्स पर अपना पीएनआर डालकर यह देखते थे कि टिकट कन्फर्म होने के कितने प्रतिशत चांसेंज हैं। हालांकि वह तरीका उतना कारगर नहीं होता था और जानकारी भी सटीक नहीं होती थी। IRCTC ने अब यह सुविधा अपनी ही वेबसाइट पर मुहैया करा दी है।
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इस सुविधा के शुरू हो जाने से आपको सटीक तौर पर पता चल सकेगा कि आपकी वेटिंग टिकट होने की संभावना कितनी है। इसके लिए IRCTC वेबसाइट को मैनेज करने वाले सेंटर फॉर रेलवे इन्फॉर्मेशन सिस्टम यानी CRIS के द्वारा तैयार सॉफ्टवेयर की मदद लेगा।
भारतीय रेलवे टिकट बुकिंग करने की सुविधा प्रदान करने वाली इंडियन टूरिज्म एंड कैटरिंग कॉर्पोरेशन (IRCTC) की वेबसाइट का अंदाज आज यानी 29 मई से बदल चुका है। IRCTC ने ग्राहकों की सुविधा का ख्याल रखते हुए कई सारे परिवर्तन किए हैं। सबसे पहली सुविधा वेटिंग टिकट के कन्फर्मेशन से जुड़ी जानकारी की है। पहले ट्रेनों में वेटिंग टिकट मिलने पर लोग दुविधा में पड़ जाते थे और प्राइवेट साइट्स पर अपना पीएनआर डालकर यह देखते थे कि टिकट कन्फर्म होने के कितने प्रतिशत चांसेंज हैं। हालांकि वह तरीका उतना कारगर नहीं होता था और जानकारी भी सटीक नहीं होती थी। IRCTC ने अब यह सुविधा अपनी ही वेबसाइट पर मुहैया करा दी है।
इस सुविधा के शुरू हो जाने से आपको सटीक तौर पर पता चल सकेगा कि आपकी वेटिंग टिकट होने की संभावना कितनी है। इसके लिए IRCTC वेबसाइट को मैनेज करने वाले सेंटर फॉर रेलवे इन्फॉर्मेशन सिस्टम यानी CRIS के द्वारा तैयार सॉफ्टवेयर की मदद लेगा। रेलवे के आधिकारिक सूत्रों ने बताया, 'पूर्वानुमान के नए फीचर के तहत कोई भी बुकिंग ट्रेंड्स के आधार पर यह पता लगा सकता है कि उनके वेटिंग या आरएसी टिकट के कन्फर्म होने की कितनी संभावना है। पहली बार हम पैसेंजर ऑपरेशंस और बुकिंग पैटर्न्स डेटा की माइनिंग करेंगे।' यह डेटा माइनिंग इन दिनों आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसे अनुप्रयोगों में बहुतायत रूप से इस्तेमाल की जा रही है।
सूत्रों ने बताया कि यह विचार रेलमंत्री पीयूष गोयल ने दिया था और उन्होंने इस सेवा को आईआरसीटीसी की वेबसाइट से जोड़ने के लिए 1 साल की डेडलाइन भी तय की थी। सॉफ्टवेयर एक ठोस व्यावहारिक मॉडल तक पहुंचने के लिए पिछले 13 साल के डेटा का उपयोग करेगा। रेलवे के अधिकारी ने बताया कि कुछ प्राइवेट प्लेयर्स पुर्वानुमान सुविधा दे रहे हैं, लेकिन रेलवे का सिस्टम अधिक भरोसेमंद होगा, क्योंकि इसके पास डेटाबेस का एडवांटेज है।
इसके अलावा अब आपको ट्रेनों में सीट की जानकारी या ट्रेन का शेड्यूल चेक करने के लिए अपनी आईडी से लॉग इन भी नहीं करना होगा। इसके पहले किसी भी गतिविधि के लिए ग्राहकों को IRCTC की वेबसाइट पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होता था। लेकिन अब ट्रेनों और सीटों की उपलब्धता सर्च करने के लिए अब आपको वेबसाइट पर लॉग इन की जरूरत नहीं होगी। पुराने वर्जन में केवल रजिस्टर्ड यूजर्स को यह सुविधा मिलती थी। रेलवे बताया, 'बुकिंग के दौरान प्रत्येक यात्री को एक अलग कार्ड दिया जाएगा, जिसमें वह अपनी डीटेल उपलब्ध कराएंगे। पहले से भरी हुई जानकारी जल्दी टिकट बुकिंग सुनिश्चत करेगी। 'My Profile'सेक्शन में यूजर पेमेंट विकल्प के रूप में छह बैंकों की वरीयता सूची बना सकते हैं।'
IRCTC का नया लेआउट काफी यूजर फ्रेंडली बनाया गया है। यात्रा की जानकारी और सीट की उपलब्धता के साथ ही किराये की भी बेहतर जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही जरूरत पड़ने पर 'विकल्प' सुविधा के सहारे बोर्डिंग पॉइंट चेंज करने, कैंसिलेशन, प्रिंटिंग, एसएमएस के लिए रिक्वेस्ट जैसी गतिविधियां आसानी से संपन्न की जा सकती हैं। हालांकि पुरानी वेबसाइट अभी भी परिचालन में है, नई वेबसाइट का अनुभव लेने के लिए पुरानी साइट पर एक विकल्प दिया गया है। अभी ये सुविधा प्रायोगिक तौर पर शुरू की गई है, लेकिन कुछ ही दिनों में इसे नियमित कर दिया जाएगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि IRCTC की वेबसाइट से हर दिन करीब 13 लाख टिकट बुक होते हैं।
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