बेहद कुशल महिलाओं को बच्चों के पालन पोषण के लिए भरना पड़ता है भारी जुर्माना
बेहद कुशल और उच्च शिक्षित महिलाओं को बच्चों के लालन पालन के लिए नौकरी से छुट्टी लेने की बहुत अधिक कीमत अदा करनी पड़ती है । हर बच्चे के हिसाब से उन्हें अपने वेतन , पदोन्नति आदि में औसतन दस फीसदी की कटौती का नुकसान उठाना पड़ता है । शोधकर्ताओं का कहना है कि ऐसी माएं जो अपने बच्चों के पालन पोषण के लिए छुट्टी लेती हैं उन्हें इन छुट्टियों की बड़ी कीमत अदा करनी पड़ती है । जब वे कार्यालय में वापस लौटती हैं तो उनके वेतन में कटौती इस पीड़ा को साफ दर्शाती है । अमेरिका में न्यूयार्क यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 1976 से 2010 तक एक सर्वेक्षण किया और 4658 महिलाओं को इसमें शामिल किया । ये महिलाएं 14 से 21 साल की आयु वर्ग की थीं । 2010 में ये सब 45 से 52 साल की उम्र में पहुंच चुकी थीं और उनके बच्चे बड़े बड़े हो चुके थे । विवि में प्रोफेसर पाउला इंग्लैंड ने बताया कि उनका अपने काम में अधिक कुशल और उच्च पदों पर होने का मतलब है कि उन्हें बच्चों के पालन पोषण के लिए अवकाश लेने पर खामियाजा भी अधिक भुगतना पड़ता है । इंग्लैंड ने इस बात केा लेकर अध्ययन किया था कि मातृत्व किस प्रकार श्वेत और अश्वेत महिलाओं को प्रभावित करता है और इसका उनके कौशल एवं रोजगार पर क्या असर पड़ता है । उन्होंने पाया कि बेहद उच्च कुशल श्वेत महिलाओं को हर बच्चे के हिसाब से दस फीसदी का नुकसान झेलना पड़ता है । लेकिन कम कुशल और कम वेतन वाली महिलाओं को यह नुकसान कम होता है । वह कहती हैं, ‘‘ ऐसे युग में जब सीईओ पदों पर आज भी कम महिलाएं हैं और देश में महिला राष्ट्रपति को चुना जाना अभी बाकी है , ऐसे में यह समझना महत्वपूर्ण है कि मातृत्व किस प्रकार महिलाओं के कैरियर को प्रभावित करता है । हमें यह देखना है कि इसे कैसे बदला जा सकता है ।’’