Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

2 करोड़ से एक साल में खड़ी कर ली 6 करोड़ सालाना टर्नओवर की कंपनी

न्यूयॉर्क छोड़ भारत लौटीं वीणा आशिया के जूतों के शौक ने उन्हें बना दिया सक्सेसफुल बिज़नेस वुमन...

2 करोड़ से एक साल में खड़ी कर ली 6 करोड़ सालाना टर्नओवर की कंपनी

Wednesday January 10, 2018 , 6 min Read

वीणा आशिया को जूतों का शौक है। उन्होंने नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नॉलजी (बेंगलुरु) से पढ़ाई की है। जूतों के अपने शौक के चलते ही उन्होंने खुद का बिजनेस शुरू करने का फैसला लिया। आज वीणा मॉनरो नाम से एक ब्रैंड चला रही हैं, जिसके प्रोडक्ट्स ऑफलाइन और ऑनलाइन, दोनों ही प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध हैं। फिलहाल कंपनी का सालाना टर्नओवर 6 करोड़ रुपए का है...

वीणा आशिया

वीणा आशिया


वीणा 2011 में भारत आईं, पहले तो उन्होंने अपने फैमिली बिजनेस को ही आगे बढ़ाने के बारे में सोचा, लेकिन उसी बीच उन्होंने महसूस किया कि भारत में महिलाओं को अच्छे जूतों के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है और यही वो समय था जब उन्होंने ये महसूस किया कि अब अपना जूतों का बिजनेस शुरू किया जाना चाहिए।

वीणा आशिया को जूतों का शौक है। उन्होंने नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नॉलजी (बेंगलुरु) से पढ़ाई की है। जूतों के अपने शौक के चलते ही उन्होंने खुद का बिजनेस शुरू करने का फैसला लिया। आज वीणा मॉनरो नाम से एक ब्रैंड चला रही हैं, जिसके प्रोडक्ट्स ऑफलाइन और ऑनलाइन, दोनों ही प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध हैं। फिलहाल कंपनी का सालाना टर्नओवर 6 करोड़ रुपए का है।

उनकी कहानी शुरू होती है, न्यूयॉर्क से। न्यूयॉर्क में वह वरसाचे के साथ काम करती थीं। शहर में वह ऑफिस मीटिंग्स और व्यक्तिगत कामों के लिए घूमा करती थीं। उनकी एक दिलचस्प आदत थी कि वह हमेशा एक जोड़ी जूते अपने साथ लेकर चलती थीं, जो चलने में आरामदायक हों। वीणा बताती हैं कि हील्स के बारे में उनकी राय कुछ अजीब सी है। उन्हें हील्स का डिजाइन पसंद हैं, लेकिन हील्स उन्हें आरामदायक नहीं लगतीं। 33 वर्षीय वीणा कहती हैं कि ऐसे जूते, जो दिखने में भी अच्छे हों और पहनने में आरामदायक हों और साथ ही उनका दाम भी किफायती हो; ऐसे जूतों का आइडिया लंबे समय से उनके दिमाग में था।

वीणा 2011 में भारत आईं और उन्होंने पहले तो अपने फैमिली बिजनस को ही आगे बढ़ाने के बारे में सोचा। उनके ब्रैंड का नाम है 'मोक्ष', जो परफ्यूम्स और अन्य उत्पाद बनाता है। वीणा ने इन प्रोडक्ट्स को भारत के बाहर भेजने के बारे में सोचा। वीणा मानती हैं वह एक मारवाड़ी परिवार से आती हैं और इसलिए व्यापार उनके खून में है। वह कहती हैं कि जब वह स्कूल में ठीक से पढ़ना सीख रही थीं, तब घर पर उन्हें 'रिटर्न ऑफ इन्वेस्टमेंट' पढ़ाया जाता था।

वीणा ने पाया कि भारत में महिलाओं को अच्छे जूतों के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है। वीणा कहती हैं कि अब उन्हें लगा कि यही सही समय है, अपना बिजनेस शुरू करने का। इसके बाद वीणा ने प्राइवेट निवेशकों की मदद से 2 करोड़ रुपए की फंडिंग हासिल की और सितंबर, 2016 में मॉनरो नाम का ब्रैंड लॉन्च कर दिया। यह ब्रैंड बतौर रीटेल पार्टनर फ्यूचर ग्रुप के साथ जुड़ा हुआ है। मॉनरो का उद्देश्य है कि हील्स को और अधिक आरामदायक बनाया जाए और डिजाइन-कम्फर्ट के बीच के अंतर को खत्म किया जाए। ब्रैंड ने दिसंबर (2016) से ऑनलाइन बिजनस शुरू कर दिया है।

वीणा आशिया की टीम

वीणा आशिया की टीम


मॉनरो के पास कुल 25 लोगों की मुख्य टीम है। इस टीम का हर सदस्य अपने आप में ऑन्त्रप्रन्योर है। वीणा कहती हैं कि टीम का हर सदस्य मॉनरो को एक ऑन्त्रप्रन्योरशिप समझता है और इनमें से कई सदस्य भविष्य में अपना खुद का आइडिया डिवेलप करने की चाह भी रखते हैं।

बेंगलुरु आईटी हब है, लेकिन उत्पादन के क्षेत्र में यहां कुछ खास काम नहीं होता। वीणा कहती हैं कि बेंगलुरु एक रीटेल-हब जरूर है और इसलिए ग्राहकों की मानसिकता को समझना, यहां आसान है। मॉनरो की प्राइस रेंज 1500-200 रुपए के बीच है। वीणा कहती हैं कि अभी वह डिस्काउंट स्कीम वगैरह से बचती हैं। ब्रैंड सिर्फ सीजन के आखिर में डिस्काउंट देता है। वीणा मानती हैं कि अगर आपका प्रोडक्ट मार्केट के हिसाब से सटीक है, तो ग्राहक के लिए डिस्काउंट प्राथमिकता में नहीं रहता। इतना ही नहीं, मॉनरो एक वर्चुअल ट्रायल रूम के कॉनसेप्ट पर भी काम कर रहा है। इस कॉनसेप्ट के मुताबिक, ग्राहक ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान अपने पैर और जूते का 3डी डिजाइन देख सकता है और पता लगा सकता है कि जूते के डिजाइन के साथ उनके पैर का कम्फर्ट कैसा रहेगा। वीणा ने बताया कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की मदद से यह सिस्टम आपके पैर के डिजाइन के हिसाब से उपयुक्त विकल्प दिखाना शुरू कर देगा।

मॉनरो ब्रैंड, फ्यूचर ग्रुप, रिलायंस इन्डस्ट्रीज और मिन्त्रा जैसे बड़े नामों के साथ काम कर रहा है। साथ ही, सेंट्रो जैसे स्पेशलाइज्ड रीटेलर्स के साथ भी ब्रैंड जुड़ा हुआ है। सिर्फ 15 महीनों के भीतर ही ब्रैंड ने 20,000 से ज्यादा प्रोडक्ट बेच दिए हैं। कंपनी मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और हैदराबाद को मिलाकर कुल 14 शहरों में रीटेल कर रही है। कंपनी के ऑनलाइन रीटेल पार्टनर्स में, मिन्त्रा, जैबॉन्ग, फ्लिपकार्ट और ऐमजॉन जैसे बड़े नाम शामिल हैं। रोजाना के औसत के हिसाब से मॉनरो 100 जोड़ी जूते बेचता है, इसमें से 70 प्रतिशत बिक्री ऑफलाइन स्टोर्स से होती है।

वीणा आशिया

वीणा आशिया


वीणा ने ऑनलाइन और ऑफलाइन बिजनस के अंतर को बताते हुए कहा कि मॉनरो दोनों को ध्यान में रखते हुए चलता है। वीणा मानती हैं कि ऑनलाइन में आपकी वैराएटी और आप कितने प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध हैं, यह मायने रखता है। जबकि, ऑफलाइन स्टोर की जगह मायने रखती है कि वह किस लोकेशन पर है। ऑनलाइन में सर्च रिजल्ट पर निर्भर करता है कि ग्राहक आपके प्रोडक्ट पर ध्यान देगा या नहीं, जबकि ऑफलाइन में लोकेशन और रीटेल पार्टनरशिप के जरिए आपका प्रोडक्ट, ग्राहक की नजर में आता है। मॉनरो का सालाना टर्नओवर अब 6 करोड़ रुपए हो चुका है।

वीणा बताती हैं कि डिलिवरी के लिए उनका ब्रैंड थर्ड पार्टी का इस्तेमाल करता है और इसलिए ब्रैंड, उनके काम पर खास निगरानी रखता है। ब्रैंड इस बात का फीडबैक लेता है कि डिलिवरी के दौरान प्रोडक्ट कैसा था और साथ ही, डिलिवरी करने वाले के साथ ग्राहका का अनुभव कैसा रहा। वीणा मानती हैं कि भारत में फिलहाल फैशन ब्लॉगर्स की राय का बड़ा महत्व है। साथ ही, वीणा को इस बात की खुशी है कई बड़े फैशन ब्लॉगर्स, उनके ब्रैंड की तारीफ भी कर चुके हैं।

2018 के प्लान के बारे में बात करने हुए वीणा ने बताया कि कंपनी वेंचर कैपिटल फंडिंग के तौर पर 6 करोड़ रुपए का निवेश हासिल करने की योजना बना रही है। साथ ही, 2019 में कंपनी एक एक्सपीरियंस सेंटर स्थापित करने के बारे में भी सोच रही है, जहां पर सेल्स नहीं बल्कि ग्राहक की सहभागिता पर काम होगा। कंपनी का लक्ष्य है कि आने वाले 5-6 सालों में सालाना टर्नओवर 100 करोड़ रुपए तक पहुंचाया जाए। कंपनी सभी मेट्रो और कुछ अन्य बड़े शहरों में अपने 100 ऑफलाइन स्टोर्स खोलने का लक्ष्य बना रही है। वीणा के दावे के मुताबिक, कंपनी की ऑनलाइन सेल हर महीने 25% तक बढ़ रही है। दिसंबर (2017) में ब्रैंड ने 3,000 प्रोडक्ट्स बेचे।

यह भी पढ़ें: ताकि गांव के बच्चे भी बन सकें काबिल: इंजिनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने शुरू की पढ़ाने की मुहिम