हैदराबाद का यह स्टूडेंट रोज 700 लोगों का भरता है पेट, सर्दियों में बांटता है फ्री कंबल
भाईचारे की नई मिसाल पेश कर रहे हैं शुजतुल्ला...
शुजतुल्ला अभी हैदराबाद के सुल्तान उल उलूम कॉलेज ऑफ फार्मेसी से डी फार्म कर रहे हैं। वह नि: स्वार्थ भाव से लोगों की सेवा करने में सबसे आगे रहते हैं। वह कहते हैं कि मदद करने से पहले लोगों की जाति या धर्म से उन्हें मतलब नहीं रहता।
जो लोग आरामदायक जिंदगी जी रहे होते हैं उन्हें नहीं पता होता कि आभावों में जिंदगी कैसे जी जाती है। दो वक्त की रोटी हासिल करना हर एक इंसान का अधिकार होना चाहिए, लेकिन न जाने कितने लोग भूख से तड़पकर मर जाते हैं।
सर्दियों का मौसम अपने चरम पर है और इस खतरनाक ठंड में शहरों में कई लोग ऐसे भी होते हैं, जिनके पास न रहने को आसरा होता है और न ही पहनने को ढंग के सर्दी लायक कपड़े। ऐसे में वो रात भर ठिठुरते हुए अपनी रात काटते हैं। लेकिन कई सारे भले लोगों की बदौलत उन्हें कंबल और खाने की चीजें उपलब्ध हो जाती हैं। ऐसे ही हैदराबाद में एक भले इंसान हैं शुजतुल्ला। जिन्होंने 2016 में ह्यूमैनिटी फर्स्ट फाउंडेशन के नाम से एक एनजीओ की स्थापना की थी। वे अपने पैसों से गरीबों का पेट भरते हैं। उन्होंने बताया, 'मैं सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर गरीबों को ठिठुरते हुए खाने के लिए हाथ बढ़ाते हुए देखता था, जिसके बाद मुझे ये काम शुरू करने की प्रेरणा मिली।'
शुजतुल्ला बचपन से ही मानवता के भले के लिए सोचते रहते थे। उनकी परवरिश एक संयुक्त परिवार में हुई। उन्होंने बताया कि उनके पैरेंट्स ने उन्हें शुरू से ही मानवता की सेवा करने की शिक्षा दी। इसलिए वे आपसी भाईचारे में यकीन रखते हैं। उन्होंने द लॉजिकल इंडियन से बातचीत में बताया, 'जो लोग आरामदायक जिंदगी जी रहे होते हैं उन्हें नहीं पता होता कि आभावों में जिंदगी कैसे जी जाती है। दो वक्त की रोटी हासिल करना हर एक इंसान का अधिकार होना चाहिए, लेकिन न जाने कितने लोग भूख से तड़पकर मर जाते हैं।'
शुजतुल्ला अभी हैदराबाद के सुल्तान उल उलूम कॉलेज ऑफ फार्मेसी से डी फार्म कर रहे हैं। वह नि: स्वार्थ भाव से लोगों की सेवा करने में सबसे आग रहते हैं। वह कहते हैं कि मदद करने से पहले लोगों की जाति या धर्म से उन्हें मतलब नहीं रहता। उनके काम में उनके दोस्तों का सहयोग भी आराम से मिल जाता है। सब उनकी सोच की तारीफ करते हैं।
आज परिवारवालों और दोस्तों के सहयोग से आज शुजतुल्ला 700 से 1,000 लोगों का पेट भरते हैं। उनके पास कोई परमानेंट वॉलंटीयर नहीं हैं, लेकिन लोग जब काम पड़ता है तो लोग खुद ब खुद उनका साथ देने के लिए आ जाते हैं। उन्होंने बताया कि वह अपनी फेसबुक टाइमलाइन पर मदद के लिए जानकारी शेयर कर देते हैं और उन्हें मदद मिल जाती है। फेसबुक और कई लोगों से उन्हें डोनेशन भी मिल जाती है। ह्यूमैनिटी फर्स्ट फाउंडेशन के जरिए शुजतुल्ला हैदराबाद में कोटी मैटरनिटी और निलोफर चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के बाहर मरीजों के परिजनों और लोगों को नाश्ता करवाते हैं।
उन्होंने कहा, 'हॉस्पिटल के पास रोजाना तकरीबन हजार लोग नाश्ता करने के लिए आते हैं। इस काम में मेरे परिवार के लोगों और दोस्तों का साथ मिल जाता है।' हॉस्पिटल के अलावा शुजतुल्ला अनाथालय और दिव्यांगों के लिए भी चावल, दाल आटे जैसी चीजें भिजवा देते हैं। अनाथ बच्चों के लिए वो गिफ्ट, खिलौने और चॉकलेट भी भिजवा देते हैं। लोगों का पेट भरने के अलावा वे स्लम इलाकों में मेडिकल कैंप लगवाते हैं। इन कैंपों के माध्यम से इलाज के साथ ही फ्री में दवाई भी दी जाती हैं। इतना ही नहीं इस बार की सर्दियों में उन्होंने 500 से ज्यादा लोगों को कंबल वितरित किए। आप अगर शुजतुल्ला की मदद करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए अकाउंट नंबर दिया गया है।
Account number: 2007000100463559
Account name: Humanity First Foundation
Bank: Punjab National Bank
Branch: Musheerabad
IFSC Code: PUNB0200700
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