बर्मन परिवार ने डाबर इंडिया में बेचे 1.77 करोड़ शेयर, इस वजह से उठाया यह कदम
डाबर इंडिया, डाबर च्यवनप्राश, डाबर हनी, डाबर पुदीनहारा, डाबर लाल तेल, डाबर हनीटस, डाबर आंवला, डाबर रेड पेस्ट और रियल जैसे ब्रांड्स की मालिक है.
एफएमसीजी कंपनी
के प्रमोटर बर्मन परिवार (Burman Family) ने खुले बाजार के जरिए कंपनी में लगभग 1 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच दी है. उन्होंने ऐसा कुछ वेंचर्स के फाइनेंसिंग के लिए फंड जुटाने के लिए किया है. डाबर इंडिया द्वारा शेयर बाजारों को दी गई जानकारी में कहा गया है, "बर्मन परिवार, जो डाबर इंडिया लिमिटेड के मेजॉरिटी शेयरधारकों में से एक है, ने ब्लॉक डील के जरिए लगभग 1 प्रतिशत शेयर बेचे हैं." ये शेयर दो होल्डिंग कंपनियों ज्ञान एंटरप्राइजेस और चौधरी एसोसिएट्स के जरिए बेचे गए.सितंबर 2022 को समाप्त तिमाही के लिए प्रमोटर और प्रमोटर समूह के पास डाबर इंडिया में 67.24 प्रतिशत हिस्सेदारी थी, जबकि शेष 32.76 प्रतिशत हिस्सेदारी पब्लिक इन्वेस्टर्स के पास थी. 177.17 करोड़ के कुल भुगतान किए गए इक्विटी शेयरों में से प्रमोटर और प्रमोटर समूहों के पास 30 सितंबर 2022 तक 119.12 करोड़ शेयर थे.
1,026 करोड़ रुपये जुटाए जाने का अनुमान
कुल शेयरों का एक प्रतिशत 1.77 करोड़ शेयर होता है. प्रमोटर्स द्वारा हिस्सेदारी बिक्री की खबर सामने आने के बाद डाबर इंडिया के शेयर मंगलवार को 1.51 प्रतिशत की गिरावट के साथ 579.85 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुए. मंगलवार के बंद भाव के आधार पर बर्मन परिवार ने करीब 1,026 करोड़ रुपये जुटाए होंगे.
कितना बड़ा है डाबर ग्रुप
डाबर इंडिया, डाबर च्यवनप्राश, डाबर हनी, डाबर पुदीनहारा, डाबर लाल तेल, डाबर हनीटस, डाबर आंवला, डाबर रेड पेस्ट और रियल जैसे ब्रांड्स की मालिक है. इससे पहले इसी साल जुलाई में बर्मन परिवार ओपन ऑफर पूरा होने के बाद 38.38 प्रतिशत शेयरहोल्डिंग हासिल कर एवरेडी इंडस्ट्रीज का प्रमोटर बन गया था. अक्टूबर में, डाबर इंडिया ने बादशाह मसाला में 587.52 करोड़ रुपये के सौदे में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करके तेजी से बढ़ते मसाले और मसाला श्रेणी में प्रवेश किया. डाबर के अलावा बर्मन परिवार के पास अवीवा लाइफ इंश्योरेंस कंपनी, लाइट बाइट फूड्स, हेल्थकेयर एटहोम (एचसीएएच) और बर्मन हॉस्पिटैलिटी जैसे अन्य व्यवसाय हैं.
डाबर इंडिया का राजस्व 8,179.50 करोड़
महामारी के बाद डाबर समूह ने कई नए वर्टिकल्स में प्रवेश किया है. हाल ही में, इसने फेम अल्ट्रा केयर सैनिटरी नैपकिन के लॉन्च के साथ महिलाओं के पर्सनल हाइजीन स्पेस में प्रवेश की घोषणा की. इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 5,400 करोड़ रुपये के सैनिटरी नैपकिन सेगमेंट में फेम ब्रांड के तहत डाबर का नया उत्पाद पीएंडजी के व्हिस्पर और जेएंडजे के स्टेफ्री के साथ प्रतिस्पर्धा करेगा. 31 मार्च 2022 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में डाबर इंडिया का राजस्व 8,179.50 करोड़ रुपये रहा.
Edited by Ritika Singh