FASTag के जरिए टोल वसूली 193 करोड़ रुपये से अधिक के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंची
फरवरी 2021 में सरकार द्वारा फास्टैग को अनिवार्य कर दिए जाने के बाद फास्टैग कार्यक्रम के तहत टोल प्लाजा की संख्या 770 से बढ़कर 1,228 हो गई है, जिसमें 339 राज्य टोल प्लाजा शामिल हैं.
भारत में टोल वसूली के लिए फास्टैग (FASTag) प्रणाली का कार्यान्वयन एक निरंतर वृद्धि के साथ शानदार रूप से सफल साबित हुआ है. दिनांक 29 अप्रैल 2023 को, फास्टैग प्रणाली के जरिए होने वाली टोल वसूली ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए अब तक के उच्चतम 193.15 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर लिया और एक ही दिन में 1.16 करोड़ लेन-देन दर्ज किए.
फरवरी 2021 में सरकार द्वारा फास्टैग को अनिवार्य कर दिए जाने के बाद फास्टैग कार्यक्रम के तहत टोल प्लाजा की संख्या 770 से बढ़कर 1,228 हो गई है, जिसमें 339 राज्य टोल प्लाजा शामिल हैं. उपयोगकर्ताओं के बीच लगभग 97 प्रतिशत की प्रसार दर और उन्हें 6.9 करोड़ से अधिक फास्टैग जारी किए जाने के साथ, इस प्रणाली ने राष्ट्रीय राजमार्ग से संबंधित शुल्क प्लाजा में प्रतीक्षा समय को कम करके उपयोगकर्ताओं के अनुभव को काफी बेहतर बनाया है.
राजमार्ग उपयोगकर्ताओं द्वारा फास्टैग को निरंतर और प्रगतिशील रूप से अपनाए जाने से न केवल टोल वसूली से जुड़ी प्रक्रिया अधिक दक्ष हुई है, बल्कि सड़क से जुड़ी परिसंपत्तियों का अधिक सटीक मूल्यांकन भी हुआ है, जिससे भारत के राजमार्ग से संबंधित बुनियादी ढांचे में अपेक्षाकृत और अधिक निवेश आकर्षित हुआ है.
टोल वसूली में अपनी प्रभावशीलता के अलावा, फास्टैग ने देश भर के 50 से अधिक शहरों में 140 से अधिक पार्किंग स्थल पर पार्किंग शुल्क के लिए निर्बाध और सुरक्षित संपर्क रहित भुगतान की सुविधा भी प्रदान की है.
सरकार सभी सड़क उपयोगकर्ताओं को सहज और परेशानी मुक्त टोल वसूली से जुड़े अनुभव प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है. इस संदर्भ में, भारतीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) भारत में फ्री-फ्लो टोलिंग सिस्टम की अनुमति देने के लिए ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) पर आधारित टोलिंग सिस्टम के कार्यान्वयन से संबंधित जरूरी आवश्यकताओं को अंतिम रूप देने की दिशा में पूरी सक्रियता से काम कर रहा है.