डेयरी उद्योग लगाकर लाखों कमा रहीं यूपी की सुरभि और हरियाणा की नीतू
पढ़ी-लिखी महिलाओं को आम तौर पर नौकरी मिल ही जाती हैं, लेकिन जब कोई सुशिक्षित औरत सर्विस की वजाय खुद के व्यवसाय में अपनी सफलता साबित कर दे तो वह अन्य महिलाओं के लिए भी नज़ीर बन जाती है। ऐसी मिसाल बनी हैं हरियाणा की नीतू यादव और यूपी की सुरभि सिंह।
खुद के पैरों पर खड़ी होकर राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा की महिलाएं देश के लिए नजीर बन रही हैं। झालावाड़ (राजस्थान) की जो ग्रामीण महिलाएं कभी मजदूरी से अपनी आजीविका चलाती थीं, आज उनमें से कोई महिला डेयरी चला रही है तो कोई किराना स्टोर। छोटे-छोटे व्यवसाय से वे बड़ी पूंजी जुटाने में सफल रही हैं। जिले की तीन सहकारी समितियां महिलाओं को बैंकों से अधिक लोन देकर उनको आत्मनिर्भर बना रही हैं। खास बात यह है कि महिलाओं के इन समूहों में कोई भी डिफाल्टर नहीं है। यानी यह महिलाएं जितना लोन ले रही हैं, वह समय पर चुका भी रही हैं। इन समूहों से जुड़ी महिलाओं की आमदनी बढ़ी है। ऐसे में स्वयं सहायता समूह भी महिलाओं की जिंदगी को बेहतर बनाने में मददगार हो रहे हैं। जिले में कुछ ऐसे ही महिला सहकारी समितियों के बारे में जाना, जिन्होंने स्वयं सहायता बनाकर छोटे-छोटे गांवों में महिलाओं की आमदनी में इजाफा करवाया है।
रोहतक (हरियाणा) के गांव गुढ़ा (कनीना) निवासी नीतू यादव को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों हरियाणा किसान रतन अवार्ड मिल चुका है। बारहवीं क्लास तक पढ़ी नीतू लंबे समय से जैविक खेती और डेयरी व्यवसाय कर रही हैं। वह बताती हैं कि उनको डेयरी की प्रेरणा उनकी सास संतरा देवी और ससुर एचएम भगवान सिंह से मिली। वह तीन एकड़ जमीन पर डेयरी चला रही हैं। अपने डेयरी फार्म में ही हरा चारा व पानी आदि की भी व्यवस्था रहती है। 2008 से वह पशुपालन का व्यवसाय कर रही हैं। उनके डेयरी में रोजाना लगभग दो हजार लीटर दूध का उत्पादन होता है, जिसे वह एक कंपनी को सप्लाई कर देती हैं।
उन्होंने शुरू में डेयरी का काम छह गायों से शुरू किया था। अब उनके बाड़े में 200 गाएं हैं। हुडिना वासी नीतू की शादी गुढ़ा निवासी पवन से हुई थी। उनका बेटा 5वीं कक्षा में पढ़ता है। उनकी बेटी कोटा से एमबीबीएस की तैयारी कर रही है। उन्हें सात फरवरी 2018 को कोच्चि में श्रेष्ठ महिला पशु पालक का अवॉर्ड मिला था। इससे पहले भी चौधरी चरण सिंह कृषि विवि हिसार से तीन बार पशु पालन में महिला सम्मान मिल चुका है। 2017-18 में स्वर्ण जयंती पर झज्जर में आयोजित कार्यक्रम में भी इनकी दुधारू गाय दूसरे स्थान पर रही थी।
नीतू की ही तरह उत्तर प्रदेश नजीबाबाद (बिजनौर) में आदर्शन नगर निवासी डेयरी व्यवसाय से परिवार की आजीविका चला रहीं सुरभि सिंह ने साबित कर दिया है कि मेहनत, लगन और श्रम को अगर गले लगाया जाए तो मंजिल ही मिल जाती है। वह कहती हैं कि औरत हर उस काम को कर सकती है, जो पुरुष करते हैं। सुरभि ने स्नातक डिग्री हासिल करने के बाद मासकॉम किया लेकिन उन्होंने स्वावलंबन की दृष्टि से डेयरी व्यवसाय चुना। महिला सशक्तीकरण और स्वावलंबन की मिसाल बनीं सुरभि को डेयरी कारोबार के लिए सम्मानित किया जा चुका है। सौ पशुओं वाले उनके डेयरी बाड़े में उनके पति विजय प्रताप, बेटा अस्मित सहरावत भी मदद करते हैं। पशुओं को चारा देने, दूध निकालने, पशुशाला की सफाई करने जैसे सभी काम सुरभि स्वयं करतीं हैं। सुरभि ने डेयरी कारोबार के साथ अब दूध, मावा, पनीर का उत्पादन भी शुरू किया है।
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