जानिए क्या है डार्क फाइबर मामला, जिसमें सेबी ने NSE, चित्रा रामकृष्ण समेत 18 पर लगाया 44 करोड़ का जुर्माना
एनएसई और उसके पूर्व अधिकारियों के अलावा सेबी ने शेयर ब्रोकर वे टू वेल्थ ब्रोकर्स और जीकेएन सिक्योरिटीज तथा संपर्क इन्फोटेनमेंट एवं उनके कर्मचारियों पर जुर्माना लगाया है।
बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 'डार्क फाइबर' मामले में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई), उसके व्यापार विकास अधिकारी रवि वाराणसी, पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) चित्रा रामकृष्ण तथा उनके सलाहकार सुब्रमणियम आनंद समेत कुछ शेयर ब्रोकर समेत 18 इकाइयों पर कुल 44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है.
एनएसई और उसके पूर्व अधिकारियों के अलावा सेबी ने शेयर ब्रोकर वे टू वेल्थ ब्रोकर्स और जीकेएन सिक्योरिटीज तथा संपर्क इन्फोटेनमेंट एवं उनके कर्मचारियों पर जुर्माना लगाया है. मंगलवार को पारित सेबी के एक आदेश के अनुसार, उन्हें 45 दिनों के भीतर जुर्माने की कुल राशि का भुगतान करने के लिए कहा गया है.
क्या है मामला:
यह मामला एनएसई में 'डार्क फाइबर' के रूप में कुछ ब्रोकिंग कंपनियों को अन्य सदस्यों के मुकाबले सूचना प्राप्त करने को लेकर पहले पहुंच की सुविधा देने से जुड़ा है. इसके तहत उन्हें अन्य सदस्यों का तुलना में ‘कोलेकेशन’ सुविधा से जुड़ने की सुविधा दी गई थी.
नेटवर्क संपर्क के रूप में ‘डार्क फाइबर’ या यूनिट फाइबर से आशय ऐसे नेटवर्क से है, जो पहले से उपलब्ध है लेकिन उसका उपयोग नहीं हुआ है. यह सक्रिय इलेक्ट्रॉनिक्स / उपकरण से जुड़ा नहीं होता है और उनके माध्यम से आंकड़ों का प्रवाह नहीं होता तथा यह ‘फाइबर ऑप्टिक कम्युनिकेशन’ में उपयोग के लिये उपलब्ध होता है.
जांच में सामने आया था कि कई ब्रोकर्स ने इसमें धांधली कर फायदा उठाया और करोड़ों रुपये अवैध रूप से कमाए. जांच में एल्गोरिदम में छेड़छाड़ की बात सामने आई थी. जिस दौरान यह घोटाला हुआ उस समय चित्रा रामकृष्ण ने एनएसई ने विभिन्न क्षमताओं में सेवा दी थी. इनमें से एक सीईओ का पद भी था.
कैसे सामने आया मामला:
साल 2014-15 में एक व्हिसलब्लोअर ने सेबी को इस संबंध में लिखित शिकायत दी थी. शिकायत में लिखा था कि एनएसई के कुछ अधिकारी को-लोकेशन के जरिए कुछ चुनिंदा ब्रोकरों को वरीयता देकर लाभ पहुंचा रहे हैं.
बाजार नियामक ने 2009 से 2016 की अवधि के लिए कई संस्थाओं के लेन-देन के संबंध में जांच शुरू की थी ताकि एनएसई द्वारा कुछ स्टॉक ब्रोकरों को इस तरह से जुड़ाव की सुविधा देने के मामले की जांच की जा सके जो निवेशकों या प्रतिभूति बाजार के लिए नुकसादायक हो सकता है.
चित्रा रामकृष्ण और एनएसई के पूर्व ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर आनंद सुब्रमण्यम और ओपीजी सिक्योरिटी के प्रमोटर संजय गुप्ता को जांच एजेंसी ने गिरफ्तार कर लिया है. गुप्ता को इस घोटाले का मुख्य आरोपी माना जाता है.
कितने लोगों पर कितना-कितना जुर्माना लगा?
नियामक ने एनएसई पर सात करोड़ रुपये जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही रामकृष्ण, वाराणसी और सुब्रमणियम आनंद पर पांच-पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
इसके अलावा, सेबी ने वेटूवेल्थ ब्रोकर्स पर छह करोड़ रुपये, जीकेएन सिक्योरिटीज पर पांच करोड़ रुपये और संपर्क इंफोटेनमेंट पर तीन करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है.
सेबी ने अपने आदेश में कहा, ‘‘वे टू वेल्थ और जीकेएन ने एनएसई और संपर्क के कर्मचारियों के साथ साठगांठ कर उनके पास उपलब्ध आंकड़ा अन्य के मुकाबले कुछ जल्दी प्राप्त कर अनुचित तरीके से लाभ कमाया.’’
सेबी ने जिन लोगों पर जुर्माना लगाया वे नागेंद्र कुमार एसआरवीएस, देवीप्रसाद सिंह और एमआर शशिभूषण, प्रशांत डिसूजा, ओम प्रकाश गुप्ता, सोनाली गुप्ता, राहुल गुप्ता, नेताजी पाटिल, रीमा श्रीवास्तव, प्रशांत मित्तल, मोहित मुतरेजा हैं.