Brands
YSTV
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory
search

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

Videos

ADVERTISEMENT
Advertise with us

सिक्योरिटी गार्ड के बेटे से लेकर चेन्नई सुपरकिंग्स को चैंपियन बनाने वाले रविंद्र जडेजा की कहानी

सिक्योरिटी गार्ड के बेटे से लेकर चेन्नई सुपरकिंग्स को चैंपियन बनाने वाले रविंद्र जडेजा की कहानी

Wednesday May 30, 2018 , 5 min Read

भारतीय क्रिकेट टीम का अभिन्न हिस्सा रहे रविंद्र जडेजा हाल ही में संपन्न आईपीएल में चेन्नई चेन्नई सुपरकिंग्स की तरफ से खेल रहे थे। चेन्नई सुपर किंग्स ने उन्हें 9.8 करोड़ रुपये में अपने साथ जोड़ा था। दो साल के बैन बाद वापसी करने वाली चेन्नई सुपरकिंग्स ने अपने इस पुराने साथी पर इतना भरोसा दिखाया कि उसे नीलामी से पहले ही रिटेन कर लिया था।

फोटो साभार- ट्विटर

फोटो साभार- ट्विटर


जडेजा की जरूरत टीम को इस कदर थी की उन्हें धोनी और रैना के साथ रिटेन किया गया। बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाजी ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा बेहद ही विनम्र पृष्ठभूमि से हैं। लेकिन अपने खेल के दम पर उन्होंने खुद को बड़ा बनाया है। 2012 में जडेजा से सबसे महंगे खिलाड़ी बने थे।

क्रिकेट अनिश्चिताओं का खेल कहा जाता है। जब इस खेल की आखिरी गेंद नहीं फिक जाती तब तक कुछ भी कहना बेमानी होता है। खेल की ही तरह इसके खिलाड़ियों की जिंदगी भी अनिश्चिताओं से भरी होती है। कई खिलाड़ी शुरू में चमकते हैं लेकिन जैसे-जैसे उनका करियर आगे बढ़ता है वो गायब से होने लगते हैं। लेकिन कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं जो बेहद सघर्षों से भरी जिंदगी को पार करते हुए सितारों की दुनिया में पहुंचे हैं। आज हम जिनकी बात कर रहे हैं वो खिलाड़ी वैसे तो किसी परिचय का मोहताज नहीं है लेकिन उसके संघर्षों की कहानी शायद ही किसी को मालूम हो।

भारतीय क्रिकेट टीम का अभिन्न हिस्सा रहे रविंद्र जडेजा हाल ही में संपन्न आईपीएल में चेन्नई चेन्नई सुपरकिंग्स की तरफ से खेल रहे थे। चेन्नई सुपर किंग्स ने उन्हें 9.8 करोड़ रुपये में अपने साथ जोड़ा था। दो साल के बैन बाद वापसी करने वाली चेन्नई सुपरकिंग्स ने अपने इस पुराने साथी पर इतना भरोसा दिखाया कि उसे नीलामी से पहले ही रिटेन कर लिया था। जडेजा की जरूरत टीम को इस कदर थी की उन्हें धोनी और रैना के साथ रिटेन किया गया। बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाजी ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा बेहद ही विनम्र पृष्ठभूमि से हैं। लेकिन अपने खेल के दम पर उन्होंने खुद को बड़ा बनाया है। 2012 में जडेजा से सबसे महंगे खिलाड़ी बने थे।

एक निजी सुरक्षा एजेंसी में बतौर वॉचमैच काम करने वाले जडेजा के पिता अनिरुद्ध ने हमेशा अपने बेटे के सपनों को बढ़ावा दिया। हालांकि वे अपने बेटा को सेना में भी शामिल होते देखना चाहते थे। जब जडेजा की मां ने दुनिया छोड़ी तो वे किशोरावस्था में थे। वे हमेशा चाहती थीं कि वह भारत के लिए खेलें। 2005 में मां की मौत के बाद जडेजा ने क्रिकेट छोड़ने का फैसला कर लिया था लेकिन अपनी दो बहनों के समझाने पर खेल जारी रखा है। उन्होंने हमेशा ये सुनिश्चित किया कि उनके बेटे को क्रिकेट के मोर्चे पर शिकायत का मौका न मिले। जडेजा 2008 में भारत की अंडर-19 क्रिकेट टीम के लिए खेले। ये जडेजा के करियर का टर्निंग प्वाइंट था। भारत ने इस साल विराट कोहली की कप्तानी में अपना दूसरा अंडर-19 वर्ल्ड कप का खिताब जीता था। उस वर्ल्ड कप जीत के बाद के से 'सर जडेजा' ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

चेन्नई सुपरकिंग्स के सबसे पसंदीदा खिलाड़ियों में से एक रहे रविंद्र जडेजा धोनी के वो हथियार रहे हैं जो टीम को मुश्किलों से निकालने में महारत रखते हैं। 2008 में, जब वह राजस्थान रॉयल्स का हिस्सा थे, तो मैदान पर उनके प्रदर्शन ने कप्तान और सदी के महान क्रिकेटर शेन वॉर्न का ध्यान अपनी ओर खींचा था। यही नहीं वार्न जडेजा से इतने प्रभावित हुए कि वे जडेजा को "रॉकस्टार" कहकर पुकारते थे। पेशे से बतौर नर्स जडेजा की बहन नैना ने एक इंटरव्यू में बताया कि "वास्तविकता यह है कि मेरा भाई भारत के लिए खेलता है और आज एक बड़ा सितारा है। हम एक मध्यम वर्ग परिवार से हैं, आज जो कुछ भी है वो अभी भी एक सपना प्रतीत होता है। किसी भी बहन की तरह मैं भी अपने भाई के लिए बहुत खुश हूं।"

जडेजा की प्रतिभा को पहली बार पूर्व भारतीय कप्तान किरण मोरे ने पहचाना था। 2002 में उन्होंने अंडर-14 टूर्नमेंट में खेलते हुए जडेजा को देखा। यहीं से उनकी किस्मत ने पलटना शुरू कर दिया था। किरण मोरे ने जडेजा को अपनी अकेडमी के लिए खेलने का प्रस्ताव दिया और फिर उनकी एंट्री सौराष्ट्र अंडर 19 में हुई। यहीं से जडेजा को अंडर 19 टीम में मौका मिला। 2008 में अंडर-19 वर्ल्ड कप में खेलने वाले जडेजा ने दिसंबर, 2012 में इंग्लैंड के खिलाफ नागपुर टेस्ट में डेब्यू किया।

घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने के बाद जडेजा इंटरनेशनल स्पॉटलाइट में आ गए। 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी में अपनी जादुई गेंदबाजी के दम पर जडेजा ने सभी के दिलों में जगह बना ली। 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी में अपनी गेंदबाजी के दम पर उन्होंने गोल्डन बॉल जीती थी। जडेजा आज भारतीय टेस्ट टीम के अहम हिस्सा हैं। वे अभी आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में चौथे नंबर के गेंदबाज हैं। यही नहीं जडेजा आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में नंबर दो के ऑलराउंडर हैं। आज भले ही जडेजा नेशनल वनडे और टी20 टीम में जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हों लेकिन उन्होंने अपनी फिरकी से सभी की दीवाना बनाया है। जडेजा को रियल लाइफ में जानवरों से बेहद प्यार है। जामनगर में वे अपने फॉर्म हाउस पर कुत्तों से लेकर घोड़े तक पालते हैं। जडेजा को घोड़ों से बहुत प्यार है।

फिलहाल रविंद्र जडेजा चेन्नई सुपरकिंग्स की तीसरी ट्रॉफी जीत की खुशी मना रहे हैं। आईपीएल के 11वें सीजन में जडेजा ने कई शानदार स्पैल किए हैं। यहां तक कि उन्होंने बल्ले से भी अच्छा प्रदर्शन किया। जडेजा ने चेन्नई के लिए 16 मैचों में 11 विकेट झटके।

यह भी पढ़ें: ऑटो ड्राइवर की बेटी ने दसवीं में हासिल किए 98 प्रतिशत, डॉक्टर बनने का सपना