कोरोना महामारी के चलते पहली तिमाही में जीडीपी में दर्ज़ की गई 23.9 प्रतिशत की गिरावट
कोरोना महामारी और लॉकडाउन ने मांग को बुरी तरह प्रभावित किया था और इसके चलते आर्थिक गतिविधियां भी लगभग रुक सी गई थीं।
कोरोना वायरस महामारी और इसके चलते लागू हुए देशव्यापी लॉकडाउन ने देश की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह हिलाकर रख दिया है। इसी का नतीजा है कि ताजा जारी हुए आंकड़ों के अनुसार इस वित्त वर्ष कि पहली तिमाही (अप्रैल से जून) में जीडीपी में 23.9 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज़ की गई है।
गौरतलब है कि बीते साल इसी तिमाही में देश की जीडीपी में 5.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज़ की गई थी, जबकि इसके पहली वाली तिमाही में भी जीडीपी में 3.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज़ की गई थी।
सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के झटके से अर्थव्यवस्था को उबारने के उद्देश्य से 12 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का भी ऐलान किया था, इसी के साथ भारतीय रिज़र्व बैंक ने भी मार्च में रेपो रेट में 1.15 प्रतिशत की कटौती कर आर्थिक गतिविधियों को गति देने का प्रयास किया था।
भारत में केंद्र सरकारें साल 1996 से जीडीपी के आंकड़े लगातार जारी कर रही हैं और इस तिमाही में दर्ज़ की गई गिरावट अब तक की अधिकतम गिरावट है। हालांकि कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत के साथ ही विशेषज्ञों ने जीडीपी में गिरावट का अनुमान लगा लिया था। फिलहाल दूसरी तिमाही में भी जीडीपी में गिरावट जारी रहने का अनुमान है।
कोरोना महामारी और लॉकडाउन ने मांग को बुरी तरह प्रभावित किया था और इसके चलते आर्थिक गतिविधियां भी लगभग रुक सी गई थीं। हालांकि अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के साथ अब दूसरी तिमाही के आंकड़ों में थोड़ी मजबूती देखी जा सकती है।