ड्रग कंट्रोल टीम ने कफ सिरप की अवैध बिक्री का किया भंडाफोड़, 15 कंपनियों पर मामला दर्ज
हाल के दिनों में भी, दिल्ली ड्रग कंट्रोल विभाग ने 60 दोषी फर्मों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है, जिसमें से विभाग ने पहले ही 14 फर्मों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं और 33 फर्मों के लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं. बाकी फर्मों के खिलाफ कार्रवाई जारी है.
नशीले पदार्थों और नशीले पदार्थों के रूप में आदत बनाने वाली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए, दिल्ली के औषधि नियंत्रण विभाग (Drugs Control Department) ने कोडीन (Codine) युक्त खांसी की दवाई और ट्रामाडोल (Tramadol) आदि तैयार करने वाली दवाओं की अवैध बिक्री और खरीद में शामिल कई केमिस्ट दुकानों पर छापा मारा.
विशेष सचिव (स्वास्थ्य) दानिश अशरफ और डिप्टी ड्रग कंट्रोलर केआर चावला की देखरेख में औषधि निरीक्षकों की विभिन्न टीमों द्वारा क्रमश: 27 एवं 28 अप्रैल को नंदनगरी, सुंदरनगरी, सीलमपुर, मंगोलपुरी, सुल्तानपुरी और निहाल विहार के इलाकों में चिन्हित दवा दुकानों पर विशेष अभियान चलाया गया.
नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) अधिनियम, 1985 मादक दवाओं और साइकोट्रोपिक पदार्थों के निर्माण, उत्पादन, व्यापार, उपयोग आदि पर प्रतिबंध लगाता है.
"इस तरह के उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ जीरो टॉलरेंस को ध्यान में रखते हुए लगभग 25 दुकानों पर छापा मारा गया है. उल्लंघन करने वाले के खिलाफ थाना बेगमपुर में NDPS एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज (FIR) की गयी है. 3 मामलों में बड़ा उल्लंघन देखा गया है. इसके अलावा, 15 अन्य फर्मों पर भी आदत बनाने वाली दवाओं का कारोबार करने के चलते मामला दर्ज किया गया है. सभी मामलों में कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है. विभाग कानून के अनुरूप उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का इरादा रखता है," मिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मामले से अवगत दिल्ली सरकार के अधिकारी ने कहा.
अधिकारी ने आगे कहा, "इसके अलावा कराला इलाके में दिल्ली पुलिस के नारकोटिक स्क्वॉड के साथ संयुक्त छापेमारी भी की गई है. टीम ने बुप्रेनॉर्फिन टैबलेट और इसी तरह की अन्य आदत डालने वाली दवाओं का स्टॉक बरामद किया है."
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय और नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर, एम्स द्वारा 2019 में संयुक्त रूप से प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में लगभग 77 लाख लोग ओपियोड (opioids) उपयोग विकार से पीड़ित हैं, जिनमें से 25 लाख लोग किसी भी रूप में ओपियोड दवा का उपयोग करते हैं.
हाल के दिनों में भी, दिल्ली ड्रग कंट्रोल विभाग ने 60 दोषी फर्मों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है, जिसमें से विभाग ने पहले ही 14 फर्मों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं और 33 फर्मों के लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं. बाकी फर्मों के खिलाफ कार्रवाई जारी है.