देश का सबसे बड़ा इकोसिस्टम बनकर उभरा दिल्ली-एनसीआर स्टार्टअप
दिल्ली-एनसीआर पिछले एक दशक में स्टार्टअप का सबसे बड़ा इकोसिस्टम बनकर उभरा है। इस परिक्षेत्र में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार हैदराबाद मॉडल पर सुविधाएं विकसित करने जा रही है। इसके लिए 10 हजार करोड़ रुपये का कोष बन चुका है। नीति आयोग की योजना राजधानी क्षेत्र में पांच टी-हब विकसित करने की है।
नीति आयोग के मुताबिक, इस समय हमारे देश में दिल्ली-एनसीआर में सबसे ज्यादा सक्रिय स्टार्टअप हैं। वर्ष 2009-2019 तक एनसीआर 7,039 स्टार्टअप के साथ कुल संख्या की 23 फीसदी हिस्सेदारी रखता है। इनका कुल बाजार पूंजीकरण करीब 3.5 लाख करोड़ रुपये है। इसके बाद बंगलूरू 5,234 स्टार्टअप के साथ दूसरे स्थान पर, मुंबई 3,829 स्टार्टअप के साथ तीसरे और हैदाबाद 1,940 स्टार्टअप के साथ चौथे पायदान पर है। इसके अलावा अन्य प्रमुख शहरों में कुल 1,593 स्टार्टअप के साथ पुणे पांचवें और 1,520 के साथ चेन्नई छठें नंबर पर है।
टाई के अध्यक्ष राजन आनंदन का कहना है कि दिल्ली एनसीआर में सबसे ज्यादा 4,491 स्टार्टअप दिल्ली में, जबकि गुरुग्राम में 1,544 और नोएडा में 1,004 स्टार्टअप हैं। इसके अलावा एक अरब डॉलर से ऊपर की करीब 10 यूनिकॉर्न कंपनियां हैं। दिल्ली-एनसीआर को पर्याप्त सुविधा मिले तो यह जल्द ही दुनिया के शीर्ष पांच स्टार्टअप हब में शामिल होने के साथ ही इनकी कुल पूंजी बढ़कर 23 लाख करोड़ रुपये हो सकती है। यहां फिनटेक, ई-कॉमर्स, लॉजिस्टिक्स, फूड और एनर्जी क्षेत्र के स्टार्टअप के लिए काफी मौके हैं।
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा है कि दिल्ली-एनसीआर में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए सरकार हैदराबाद मॉडल पर सुविधाएं विकसित करने जा रही है। इसके लिए 10 हजार करोड़ रुपये का कोष पहले ही बनाया जा चुका है। नोएडा और गुरुग्राम में टी-हब बनाया जाएगा, जहां स्टार्टअप उद्यमी आपस में चर्चा कर सकेंगे। दिल्ली-एनसीआर पिछले एक दशक में स्टार्टअप का सबसे बड़ा इकोसिस्टम बनकर उभरा है। हैदराबाद में स्टार्टअप के लिए टी-हब बनाए गए हैं, जिससे नए उद्यमियों को अपनी बात रखने का मंच मिलता है।
अब वैसे ही केंद्र एनसीआर के नोएडा और गुरुग्राम में भी बनाए जाएंगे। इस दिशा में पहल करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से जल्द जमीन अधिग्रहण पर केंद्र सरकार बात करने जा रही है। नीति आयोग की योजना राजधानी क्षेत्र में पांच टी-हब विकसित करने की है। हैदराबाद और बंगलूरू में स्टार्टअप के लिए बेहतर माहौल और ढांचागत सुविधाएं हैं। इसी तरह की सुविधाएं एनसीआर में भी उपलब्ध कराने की कोशिश हो रही है।
गौरतलब है कि स्टार्टअप की संख्या के लिहाज से दिल्ली-एनसीआर देश के अन्य शहरों से काफी आगे है। यहीं नहीं, आईटी हब बेंगलुरु और औद्योगिक राजधानी मुंबई भी इस मामले में दिल्ली से पीछे हैं। टीआईई दिल्ली-एनसीआर एवं जिनोव की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में 7,000 से अधिक स्टार्टअप एवं दस यूनिकॉर्न हैं। इन कंपनियों का बाजार मूल्यांकन 50 अरब डॉलर के करीब है। बाजार में कदम रखने वाले स्टार्टअप के लिए दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय एंजेल निवेशक तलाश किए जाएंगे।
नीति आयोग अपने कोष से 25 इंक्यूबेशन सेंटर बनाएगा। अटल इनोवेशन मिशन के तहत सरकार पहले ही देशभर में 3,500 अटल टिंकरिंग लैब स्थापित कर चुकी है। इन प्रयोगशालाओं में छठी कक्षा या इससे ऊपर के विद्यार्थियों को कंप्यूटर, रोबोट आदि के जरिये प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ‘टर्बोचार्जिंग दिल्ली-एनसीआर स्टार्ट-अप इकोसिस्टम’ रिपोर्ट के मुताबिक, देश में मौजूद कुल स्टार्टअप कंपनियों में 23 प्रतिशत दिल्ली-एनसीआर में हैं। तुलनात्मक रूप से दिल्ली-एनसीआर में एक अरब डॉलर से अधिक की 10 यूनिकॉर्न कंपनियां हैं, जबकि बेंगलुरु में नौ और मुंबई-पुणे में दो-दो, चेन्नई में सिर्फ एक है।