दिल्ली स्थित इस गैर-लाभकारी संस्थान का उद्देश्य भारत में समग्र हेल्थ इकोसिस्टम का निर्माण करना है
इंटीग्रेटेड हेल्थ एंड वेलबीइंग काउंसिल (IHWC) एक स्वस्थ, खुशहाल दुनिया के लिए जागरूकता और हिमायत करने की दिशा में काम करती है। इस मूल विश्वास के साथ कि स्वास्थ्य सबकी जिम्मेदारी है, IHW परिषद की पहल हर किसी को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य के बारे में बात करने के लिए प्रेरित करती है।
स्वस्थ अस्तित्व सभी मानव प्रगति के लिए प्रमुख है और एक राष्ट्र एक अस्वस्थ आबादी के साथ विकसित नहीं हो सकता है। अपने अस्तित्व के मूल में इस दर्शन के साथ, इंटीग्रेटेड हेल्थ एंड वेलबीइंग काउंसिल (IHWC), एक गैर-लाभकारी सामाजिक प्रभाव संस्थान है। यह परिषद भारत में एक समग्र स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण की दिशा में नवीन और प्रभावी दृष्टिकोण खोजने के वास्ते कई रास्ते और बहुपक्षीय हितधारक जुड़ाव बनाने के लिए काम कर रहा है।
पूर्व पत्रकार कमल नारायण ओमर ने सार्वजनिक स्वास्थ्य के कई पहलुओं को कवर करते वक्त इसमें कई ढीले छोरों को देखा। उन्होंने दुर्गम स्वास्थ्य सेवा से लेकर कवरेज और देखभाल के बीच बड़े अंतर को देखा। उन्होंने पाया कि स्वास्थ्य सेवाओं में ये गैप किस तरह से भारत के कमजोर नागरिकों को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहे हैं और तभी उन्होंने बदलाव के लिए उत्प्रेरक बनने का फैसला किया।
व्यक्तिगत तौर पर, जब उनके बड़े बेटे को धूल से एलर्जी से संबंधित कुछ चिकित्सीय समस्याएं हुईं, तो इसने उन्हें प्रदूषण मुक्त दुनिया के मुद्दे को गंभीरता से लेने के लिए और भी अधिक प्रेरणा दी।
कमल कहते हैं, "यह IHW परिषद के पीछे का विचार और प्रेरणा है, जहां हमारा आदर्श वाक्य जलवायु परिवर्तन पर काम करने के अलावा सभी के लिए सस्ती, सहानुभूतिपूर्ण और सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल की वकालत करना है, जो आज की दुनिया में एक ज्वलंत मुद्दा है। आज, IHW काउंसिल वह बच्चा है जिसने मुझे और इस संगठन में सभी को बड़ा सपना देखने और हमारे समाज के लिए कुछ उपयोगी करने में मदद की है।”
अपनी सात साल की यात्रा के माध्यम से, दिल्ली स्थित इस संगठन ने समग्र स्वास्थ्य जागरूकता, वकालत और व्यवहार परिवर्तन की दिशा में काम किया है।
यह परिषद नए प्लेटफार्मों और मंचों को खोलने के लिए कई तरह की पहल चलाती है जहां स्वास्थ्य सेवा के अग्रणी, विशेषज्ञ, नीति निर्माता, समुदाय के नेता और नागरिक सभी के समग्र स्वास्थ्य और भलाई के लिए उपयोगी जुड़ाव और सहयोग के लिए एक साथ आते हैं।
इस मूल विश्वास के साथ कि स्वास्थ्य हर किसी की जिम्मेदारी है, यह संगठन एक स्वस्थ, खुशहाल दुनिया के लिए जागरूकता और वकालत पैदा करने की दिशा में काम करता है।
यह कैसे संचालित होता है?
IHW परिषद स्वास्थ्य क्षेत्र के संगठनों, दवा कंपनियों के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ साझेदारी मॉडल में काम करती है।
कमल बताते हैं, “हम देश में कई बड़े सीएसआर समूहों के साथ हाथ मिलाते हैं ताकि स्वास्थ्य और स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता से संबंधित कई शीर्ष पहलों को अंजाम दिया जा सके, विशेष रूप से गैर-संचारी रोगों से जुड़े लोगों के लिए। आईएचडब्ल्यू काउंसिल में यही काम करने का ढंग है।”
संगठन मुख्य रूप से डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे IHW.tv, फिजिकल इवेंट्स, मल्टी-स्टेकहोल्डर फोरम और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से लोगों और हितधारकों तक पहुंचता है।
काउंसिंल व्यक्तियों, उद्योग और सरकार द्वारा अपने 'हाई फाइव ऑफ हेल्थ' से संबंधित क्षेत्रों में पथ-प्रदर्शक पहलों की पहचान करने और उन्हें पुरस्कृत करने के लिए काम करती है।
इसकी सबसे उल्लेखनीय पहलों में 'Shapath1000Days' हैं। यह भारत से एनीमिया को खत्म करने के मिशन को सुविधाजनक बनाने और सभी महिलाओं और बाल स्वास्थ्य का समर्थन करने की दिशा में तीन साल की लंबी परियोजना है; इसके अलावा RAPID अगेंस्ट कैंसर पहल भी है। यह एक वैश्विक कैंसर रोकथाम और देखभाल की वकालत करती है जो लोगों को कैंसर की रोकथाम के प्रति जागृत करने और बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए समान देखभाल सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को सशक्त बनाने की कोशिश करती है।
इसकी मुख्य गतिविधियाँ विभिन्न जीवन-को खतरे में डालने वाली बीमारियों जैसे स्ट्रोक, मधुमेह, कैंसर, और मानसिक स्वास्थ्य, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन, आदि पर जन-स्तर की जागरूकता पर केंद्रित हैं।
जहां पहल के लिए प्रतिदिन धन जुटाना एक चुनौती है, काउंसिंल अक्सर अन्य योगदानों के बीच अनुदान और प्रायोजन के माध्यम से इसका प्रबंधन करती है।
कोविड टाइम्स
लगभग 30 सदस्यों की एक कोर टीम और लगभग 2,000 चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ, IHW ने COVID-19 महामारी के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए भी बड़े पैमाने पर काम किया।
इसके कई कार्यक्रम आयुष्मान भारत, जल जीवन मिशन, एनीमिया मुक्त भारत, पोषण भारत और स्वच्छ भारत जैसी कई अन्य सरकारी पहलों के साथ भी प्रतिध्वनित होते हैं।
वे कहते हैं, “जहां तक हमारे फिजिकल ईवेंट्स और कैंपेन का संबंध है, COVID-19 महामारी ने हमारे लिए कुछ बड़ी चुनौतियां पैदा कीं। लेकिन इसने वर्चुअल ईवेंट्स के संदर्भ में अवसर की एक नई खिड़की खोल दी जिसमें हम लगातार और बेहद सफल रहे हैं। उदाहरण के लिए, हमने पिछले दो वर्षों में 200 से अधिक ववर्चुअल कार्यक्रमों की मेजबानी की है। हमने अपनी डिजिटल उपस्थिति के माध्यम से देश-विदेश के लाखों लोगों तक अपनी पहुंच बनाई है।”
प्रभाव के बारे में बोलते हुए, कमल कहते हैं, IHW परिषद लोगों को उनके स्वास्थ्य और विभिन्न जीवन-जोखिम में डालने वाली बीमारियों के लिए प्रोत्साहित और प्रेरित कर रही है।
मई 2021 में, इसने COVID19 महामारी के दौरान भारत में महिलाओं और किशोर लड़कियों की मदद और सलाह देने और गर्भावस्था देखभाल, OB/GYNE मुद्दों, पोषण और शिशु देखभाल के बारे में एक बहुभाषी समर्पित राष्ट्रीय महिला स्वास्थ्य हेल्पलाइन नंबर 'जननी हेल्थ हेल्पलाइन ' लॉन्च किया।
वर्तमान में, 200 स्त्री रोग विशेषज्ञ स्वेच्छा से इस परियोजना से जुड़े हुए हैं। जननी हेल्थ हेल्पलाइन बेहद सफल रही है और इसकी पहल के मामले में यह इसकी सबसे बड़ी सफलता की कहानियों में से एक है।
टीम अब अपनी पहल के माध्यम से भारत के अन्य शहरों में विस्तार कर रही है। यह बांग्लादेश में पहले ही काफी कुछ गतिविधियां कर चुका है और आने वाले महीनों में अन्य सार्क देशों में भी ऐसा करने की योजना है।
Edited by Ranjana Tripathi