गोल्ड कॉइन खरीदना ज्वैलरी खरीदने से कैसे ज्यादा फायदेमंद, 4 पॉइंट में समझें
अगर आप निवेश या शगुन के उद्देश्य से सोना खरीदना चाहते हैं तो गोल्ड कॉइन (Gold Coin) खरीदना ही फायदे का सौदा है.
भारत में धनतेरस (Dhanteras) के दिन बाजार में सोने की जमकर बिक्री होती है. ज्वैलरी, गोल्ड बार, गोल्ड कॉइन, गोल्ड आइटम्स आदि को खरीदा जाता है. कुछ लोग सोने के सिक्के खरीदना, ज्वैलरी खरीदने से ज्यादा अच्छा मानते हैं. इसकी कई वजह हैं. अगर आपको गहने की जरूरत है तो बेशक आप गहने खरीद सकते हैं, लेकिन अगर आप निवेश या शगुन के उद्देश्य से सोना खरीदना चाहते हैं तो गोल्ड कॉइन (Gold Coin) खरीदना ही फायदे का सौदा है. अगर आप भी इस धनतेरस (Dhanteras 2022) सोना खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो हम आपको इस रिपोर्ट में बताने जा रहे हैं कि गोल्ड कॉइन कैसे ज्यादा फायदे का सौदा हो सकता है.
1 ग्राम का भी गोल्ड कॉइन
1. गोल्ड कॉइन 0.5 ग्राम से लेकर 50 ग्राम तक के हो सकते हैं. लेकिन आपको 0.5 ग्राम की कोई ज्वैलरी नहीं मिलेगी. विभिन्न ब्रांड्स की बात करें तो इस वक्त पीसी ज्वैलर्स, तनिष्क, कल्याण ज्वैलर्स के यहां 1 ग्राम वाले गोल्ड कॉइन की कीमत 6000 रुपये से शुरू है. वहीं 10 ग्राम के गोल्ड कॉइन की कीमत 60000 रुपये तक है. ऐसे में अगर आप सिर्फ शगुन के लिए सोना खरीद रहे हैं तो 1 ग्राम सोने के सिक्के से भी ऐसा कर सकते हैं.
मेकिंग चार्ज
सोने के सिक्के पर मेकिंग चार्ज बहुत कम होता है, जो गहनों के मामले में काफी अधिक होता है. मेकिंग चार्ज चार्ज ज्वैलरी/कॉइन की डिजाइन की जटिलता के आधार पर बढ़ता जाता है. मेकिंग चार्ज से मतलब है कि जब भी सोने की ज्वैलरी/कॉइन खरीदते हैं तो उस पर मेकिंग चार्ज देना पड़ता है. लेकिन जब आप वही ज्वैलरी बेचने जाते हैं या एक्सचेंज करते हैं तो यह अमाउंट आपको वापस नहीं मिलता.
जब चाहे बनवा लें गहने या अच्छी कीमत पर बेच दें
सोने के सिक्के को जरूरत के वक्त बेचा जा सकता है या इससे गहने बनवाए जा सकते हैं. जब आप इसे बेचते हैं तो मेकिंग चार्ज को काटकर पैसा लौटाया जाता है, जैसा कि ज्वैलरी के मामले में होता है. लेकिन ज्वैलरी में यह मेंकिंग चार्ज काफी ज्यादा रहता है. ज्वैलरी जितनी ज्यादा डिजाइन वाली होती है, मेकिंग चार्ज उतना ज्यादा होता है.
प्योर गोल्ड का कॉइन
गोल्ड कॉइन आप 22 कैरेट और 24 कैरेट का भी खरीद सकते हैं. यानी आप शुद्ध सोने का सोना खरीद सकते हैं लेकिन ज्वैलरी पूरे 24 कैरेट की नहीं होती. उसमें सोने के साथ दूसरी धातु मिलाई जाती है. इसकी वजह है कि पूरे 24 कैरेट की गोल्ड ज्वैलरी बेहद नाजुक हो जाएगी और उसके टूटने का डर बना रहेगा. लेकिन गोल्ड कॉइन के साथ ऐसा कोई डर नहीं होता. इसलिए जब आप कॉइन बेचेंगे तो आपको पैसा 24 कैरेट गोल्ड प्राइस के हिसाब से मिलेगा.
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