बकाया नहीं चुकाने पर 13 राज्यों के बिजली कारोबार पर पाबंदी, 5000 करोड़ रुपये है बकाया
बिजली मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला पोसोको देश में बिजली व्यवस्था के एकीकृत परिचालन का प्रबंधन करता है. डिफॉल्ट करने वाली डिस्कॉम का कुल मिलाकर जेनकोस का 5,000 करोड़ रुपये बकाया है, जो तेलंगाना में सबसे ज्यादा 1,380 करोड़ रुपये है.
सार्वजनिक क्षेत्र की पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉरपोरशन लिमिटेड (पोसोको) ने तीन बिजली बाजारों – आईईएक्स (IAX), पीएक्सआईएल (PXIL) और एचपीएक्स (HPX) से 13 राज्यों की 27 विद्युत वितरण कंपनियों के बिजली कारोबार को प्रतिबंधित कर दिया है. इन वितरण कंपनियों के ऊपर बिजली उत्पादक कंपनियों का पैसा बकाया है.
पोसोको ने इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (आईईएक्स), पावर एक्सचेंज ऑफ इंडिया (पीएक्सआईएल) और हिंदुस्तान पावर एक्सचेंज (एचपीएक्स) को 13 राज्यों की वितरण कंपनियों के कारोबार को प्रतिबंधित करने का निर्देश दिया है. इन राज्यों में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, बिहार, छत्तीसगढ़ और झारखंड शामिल हैं.
बिजली मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला पोसोको देश में बिजली व्यवस्था के एकीकृत परिचालन का प्रबंधन करता है. डिफॉल्ट करने वाली डिस्कॉम का कुल मिलाकर जेनकोस का 5,000 करोड़ रुपये बकाया है, जो तेलंगाना में सबसे ज्यादा 1,380 करोड़ रुपये है.
पोसोको ने तीनों बिजली बाजारों को लिखे पत्र में कहा है कि 13 राज्यों में 27 वितरण कंपनियों के लिये बिजली बाजार के सभी उत्पादों में खरीद बिक्री डिलिवरी तारीख 19 अगस्त, 2022 से अगली सूचना तक पूरी तरह से प्रतिबंधित होगी.
पत्र में कहा गया है कि प्राप्ति (भुगतान पुष्टि और उत्पादकों के चालान में पारदर्शिता लाने के लिए बिजली खरीद विश्लेषण) पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार इन वितरण कंपनियों के ऊपर बिजली उत्पादक कंपनियों के बकाया को देखते हुए यह फैसला किया गया है.
भुगतान सुरक्षा व्यवस्था के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली वितरण कंपनियों को उत्पादक कंपनियों का बकाया भुगतान नहीं होने पर विद्युत बाजार में कारोबार को लेकर प्रतिबंधित किया जा सकता है. इसके तहत, ‘‘बिजली की आपूर्ति तभी की जाएगी जब पर्याप्त भुगतान सुरक्षा व्यवस्था बनायी रखी जाए या उसके अभाव में अग्रिम भुगतान किया जाता है.’’
यह पहली बार है जब ग्रिड ऑपरेटर ने बिजली (विलंब भुगतान सरचार्ज और संबंधित मामले) नियम, 2022 को लागू किया है, ताकि डिस्कॉम को वैकल्पिक अल्पकालिक स्रोतों से बिजली खरीदने की अनुमति नहीं दी जा सके.
इस साल जून में अधिसूचित किए गए नियम डिस्कॉम के भुगतान अनुशासन से संबंधित हैं. इसके तहत भुगतान की देय तिथि के एक महीने के भीतर बकाया राशि पर देर से भुगतान अधिभार (एलपीएस) का भुगतान करने के लिए बाध्य हैं.
डिफॉल्ट के बाद देरी के हर महीने के लिए एलपीएस की दर में 0.5 प्रतिशत की वृद्धि होगी. डिफॉल्ट के ढाई महीने बाद भी बकाया चुकाने में देरी करने पर जुर्मान लगाया जाएगा.
जुलाई 2022 तक डिस्कॉम का बकाया 1.2 खरब रुपये को पार कर गया. इस साल मई में, बिजली मंत्रालय ने एक योजना को अधिसूचित किया, जो डिस्कॉम को 48 किश्तों में अपना बकाया भुगतान करने में सक्षम बनाएगी. अगर किस्त देने में देरी होती है तो सरचार्ज देना होगा.
Edited by Vishal Jaiswal