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झारखंड विधानसभा चुनाव: 16 सीटों के लिए अंतिम चरण में दिव्यांग मतदाताओं ने 92.76 प्रतिशत मतदान किया

झारखंड विधानसभा चुनाव: 16 सीटों के लिए अंतिम चरण में दिव्यांग मतदाताओं ने 92.76 प्रतिशत मतदान किया

Saturday December 21, 2019 , 2 min Read

झारखंड विधानसभा चुनाव: शुक्रवार को संपन्न हुआ अंतिम चरण, 16 सीटों के लिए 71.69% मतदाताओं ने डाले वोट। अंतिम चरण में 92.76 प्रतिशत दिव्यांग मतदाताओं ने डाले वोट। पांच चरणों में हुए मतदान में 88.86 प्रतिशत दिव्यांगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।

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सांकेतिक फोटो: साभार, सोशल मीडिया

झारखंड विधानसभा चुनाव में झामुमो का गढ़ माने जाने वाले संथाल क्षेत्र की 16 सीटों के लिए शुक्रवार को अंतिम चरण में कुल 71.69 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया लेकिन बड़ी बात यह थी कि 92.76 प्रतिशत दिव्यांग मतदाताओं ने अंतिम चरण में मतदान किया। अंतिम चरण में 236 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला 40,05,287 मतदाताओं ने शाम पांच बजे तक EVM मशीनों में बंद कर दिये।


मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार ने बताया कि

‘‘पांचवें चरण के मतदान में भी दिव्यांग मतदाताओं की बढ़-चढ़कर भागीदारी रही।’’


उन्होंने बताया कि

‘‘92.76 प्रतिशत दिव्यांग मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। दिव्यांग मतदाताओं की सहूलियत के लिए मतदान केंद्रों में व्हील चेयर की व्यवस्था की गई थी और उनकी मदद के लिए सात हजार से अधिक वालेंटियर्स तैनात थे।’’



इसके अलावा दिव्यांग मतदाताओं को घर से मतदान केंद्र तक लाने व ले जाने के लिए 2766 वाहनों का इस्तेमाल किया गया था। इससे पहले चौथे चरण में लगभग 92 प्रतिशत, तीसरे चरण में 88.48 प्रतिशत, दूसरे चरण और पहले चरण में भी लगभग 84 प्रतिशत दिव्यांग मतदाताओं ने मतदान किया था।


विनय कुमार ने बताया कि

‘‘इस प्रकार पांच चरणों में हुए मतदान में 88.86 प्रतिशत दिव्यांगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।’’

आपको बता दें कि साल 2014 के विधानसभा चुनावों में इन 16 सीटों में से छह झामुमो ने और 5 बीजेपी ने जीती थीं।


अंतिम चरण के साथ संपन्न हुए झारखंड विधानसभा चुनाव के बाद लोगों ने राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद कर दिया है। अब सभी की नजरें आगामी 23 दिसंबर को आने वाले चुनावी नतीजों पर टिकी हैं वहीं एग्जिट पोल के अनुसार झारखंड के लोग रघुवर दास सरकार से नाराज नजर आ रहे हैं।


गौरतलब हो कि झारखंड चुनाव कई मायनों में महत्वपूर्ण हैं। इसके दो मुख्य कारण हैं। पहला- चुनाव से ठीक पहले अयोध्या मामले में कोर्ट का फैसला आया था। भाजपा ने इस मुद्दे का चुनाव में जमकर उपयोग करते हुए जल्द राममंदिर बनाने की बात कही। दूसरा, झारखंड चुनाव के तीन चरण पूरे होते ही नागरिकता कानून का मुद्दा गरमा गया था। 


(Edited by रविकांत पारीक )