दिवाली पर ऐसे रखें अपने नन्हे पेट्स का ख्याल, बरतें ये जरूरी सावधानियां
दिवाली रौशनी और खुशी का त्योहार है. लेकिन दिवाली पर खुशी के नाम पर बजाए जाने वाले पटाखे पेट्स के लिए बहुत दुखदायी होते हैं.
मेरे पास एक चार महीने की बिल्ली है, जो खाने और सोने के वक्त के अलावा एक सेकेंड भी एक जगह शांति से नहीं बैठ सकती. बहुत चंचल और हमेशा खुश रहने वाली बिल्ली. दिन-भर पूरे घर में उछल-कूद करती रहती है. लेकिन आज सुबह से वो बहुत शांत और उदास है. दरवाजा खुले या फोन की घंटी बजे या उसके सामने उसकी सबसे फेवरेट ट्रीट ही क्यों न रखी हो, वो किसी चीज पर रिएक्ट नहीं कर रही. कल रात से अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई है.
ये उसकी पहली दिवाली है.
कल रात अचानक साढ़े तीन बजे के सोसायटी में तेज पटाखों की आवाज सुनाई दी. एक-एक कर ढेर सारे पटाखे फोड़े गए और तकरीबन 7-8 मिनट तक रह-रहकर बहुत तेज धमाकों जैसी आवाज आती रही. तभी से वो डरकर सोफे के नीचे दुबकी हुई थी. सुबह खाना खाने के बाद उसने उल्टी कर दी और फिर उसका बॉडी टेंपरेचर बढ़ने लगा. उसे बुखार चढ़ रहा था.
ये उसकी पहली दिवाली थी.
हमारी खुशियों का त्योहार किसी और के लिए मुश्किलों और परेशानियों का सबब भी हो सकता है. अगर आपके पेट कुत्ते या बिल्ली के साथ ऐसा कोई भी लक्षण दिख रहा है तो दरअसल यह स्ट्रेस और एंग्जायटी के कारण है. जानवर तेज आवाज के प्रति काफी संवेदनशील होते हैं और पटाखों से डर जाते हैं. दिवाली के दौरान बहुत सारे सड़कों पर रहने वाले जानवरों की डर और तनाव के कारण मौत भी हो जाती है. खरगोश तो इतना सेंसिटिव जीव होता है कि तेज पटाखों की आवाज से उसकी मृत्यु तक हो सकती है.
दिवाली रौशनी और खुशी का त्योहार है. लेकिन दिवाली पर खुशी के नाम पर बजाए जाने वाले पटाखे पेट्स के लिए बहुत दुखदायी होते हैं. ऐसे में हमें अपने पेट्स का खासतौर पर ध्यान रखने की जरूरत होती है. हमने दिल्ली में अपना क्लिनिक चलाने वाले वेट (पशुओं के डॉक्टर) डॉक्टर कुलदीप सरीन से बात की. डॉ. सरीन बता रहे हैं कि दिवाली के दौरान अपने पेट्स को ट्रॉमा और स्ट्रेस से बचाने के लिए हमें क्या सावधानियां बरतनी चाहिए.
1- जहां तक हो सके, घर के सारे खिड़की-दरवाजे बंद करके रखें ताकि बाहर की आवाज कम से कम भीतर आए. घरों में रहने वाले पेट टीवी, स्टीरियो, म्यूजिक की आवाज के आदी होते हैं. घर में टीवी और गाने तो चलते ही हैं. तो कोशिश करें कि टीवी का वॉल्यूम थोड़ा बढ़ा दें, ताकि पटाखों के धमाकों की आवाज थोड़ी कम महसूस हो.
2- आप टीवी पर अपने पेट का फेवरेट प्रोग्राम भी लगा सकते हैं. कोई भी ऐसी चीज, जो सामान्य दिनों में आपका पेट इंटरेस्ट लेकर देखता हो. जानवर चिडि़यों की आवाज के प्रति काफी आकर्षित होते हैं. उद्देश्य ये है कि उसके स्ट्रेस को कम किया जा सके और उसका ध्यान थोड़ा पटाखों के शोर से हटाया जा सके.
3- अपने पेट के साथ खेलिए, उसके साथ इंगेज करिए, उसे सहलाइए, पुचकारिए और लगातार उसके साथ-साथ रहिए ताकि वह सुरक्षित महसूस करे.
4- यदि आपका पेट कोई ऐसी हरकत करता है, जो वह सामान्य दिनों में नहीं करता, जैसेकि किसी सर्फेस को स्क्रैच करना, चबाना या चीजें फाड़ना तो इस व्यवहार के लिए उसे पनिशमेंट मत दीजिए. पेट का यह व्यवहार स्ट्रेस और एंग्जायटी की वजह से है. जानवर अकसर तनाव में होने पर ऐसा व्यवहार करते हैं. प्यार से उसका ध्यान बंटाने की कोशिश करिए.
5- दिवाली के दिन अपने पेट को बाहर वॉक कराने या घुमाने मत लेकर जाइए. पटाखों की आवाज के अलावा कोई दुर्घटना होने का भी डर रहता है.
6- चूंकि आपका पेट पहले से काफी स्ट्रेस और तनाव में है तो उसे चेन से बांधिए मत. उसे खुला छोड़ दीजिए.
7- अपने पेट को उसकी फेवरेट ट्रीट दीजिए. पेट अपने पसंदीदा खाने के प्रति भी काफी सेंसिटिव होते हैं और यह उनके लिए खुशी और प्यार महसूस करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है. इसलिए दिवाली पर खुद पसंदीदा मिठाइयां और पकवान खाने के साथ-साथ आप आप अपने पेट को भी उसकी फेवरेट ट्रीट दीजिए.
8- अगर आपके पेट को उल्टियां, दस्त या बुखार होता है तो इसकी वजह स्ट्रेस हो सकता है. संभवत: दिवाली के दिन तुरंत वेट के पास जाना संभव न हो तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर से बात करके कुछ जरूरी दवाइयां पहले से अपने पास रखिए.
9- अगर आपका पेट ज्यादा असुविधा न महसूस करे, ज्यादा परेशान न करे तो आप उसके कानों पर ईयरमफ्स भी लगा सकते हैं या कानों में रूई डाल सकते हैं.
Edited by Manisha Pandey