दिवाली पर नहीं होगी बत्ती गुल, जानिए सरकार ने क्या तैयारी की है?
इससे पहले इस महीने की शुरुआत में सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया ने कहा था कि बिजली उत्पादन संयंत्रों में कोयला भंडार पिछले महीने बढ़कर करीब तीन करोड़ टन पहुंच गया. एक साल पहले इसी महीने में ईंधन भंडार 1.12 करोड़ टन था.
देश में बिजलीघरों में कोयला संकट के कारण त्योहारों के दौरान बिजली संकट पैदा नहीं होगा. इसका कारण यह है कि अबतक दो करोड़ टन कोयला पहले ही आयात किया जा चुका है. बिजली सचिव आलोक कुमार ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. पिछले साल इसी समय तापीय बिजलीघरों में कोयले की कमी के कारण बिजली संकट का सामना करना पड़ा था. इसके बाद केंद्र ने आपूर्ति बढ़ाने और संकट से निपटने को लेकर कई कदम उठाये थे.
सम्मेलन ‘इनसाइट 2022’ के दौरान अलग से बातचीत में कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कोयले की कमी के कारण इस बार त्योहारों के दौरान बिजली संकट पैदा नहीं होगा. हम चालू वित्त वर्ष में अबतक पहले ही दो करोड़ टन कोयला आयात कर चुके हैं. इसमें से 1.5 करोड़ टन का पहले ही उपयोग किया जा चुका है.’’
यह पूछे जाने पर कि क्या और कोयला आयात किया जाएगा, उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर इसका आयात किया जाएगा. इससे पहले इस महीने की शुरुआत में सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया ने कहा था कि बिजली उत्पादन संयंत्रों में कोयला भंडार पिछले महीने बढ़कर करीब तीन करोड़ टन पहुंच गया. एक साल पहले इसी महीने में ईंधन भंडार 1.12 करोड़ टन था.
इससे मानसून के दौरान कोयले की कमी की आशंका दूर हुई है. सरकार इस साल गर्मियों के दौरान बिजलीघरों में ईंधन संकट गहराने की स्थिति दोबारा उत्पन्न नहीं होने देने के लिये कोयला भंडार बनाने के लिये सभी प्रयास कर रही है.
इसके अलावा, बिजली क्षेत्र को चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीने में कोयले की आपूर्ति भी बढ़कर 24.33 करोड़ टन पहुंच गयी है.
कोल इंडिया का उत्पादन भी अप्रैल-अगस्त के दौरान 21 प्रतिशत बढ़कर 25.33 करोड़ टन रहा. एक साल पहले इसी अवधि में यह 20.92 करोड़ टन से अधिक था.
EV चार्जिंग के लिए सरकार जल्द लाएगी योजना
सरकार के इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने और चार्जिंग बुनियादी ढांचे के बारे में कुमार ने कहा कि सरकार जल्दी ही इलेक्ट्रिक वाहनों के तेजी से विनिर्माण और उसे अपनाने की योजना (फेम) को नया रूप देगी. इसमें ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचा स्थापित करने वाली कंपनियों को ट्रांसफॉर्मर जैसी बुनियादी सुविधाएं स्थापित करने वालों के लिये भुगतान करने को लेकर सब्सिडी देने का प्रावधान होगा.
सचिव ने इस बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि वितरण कंपनियां ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) बुनियादी ढांचा स्थापित करने के लिये ट्रांसफॉर्मर जैसा बुनियादी ढांचा लगाती हैं. इसका उद्देश्य ईवी चार्जिंग स्टेशन को बिजली आपूर्ति करना है जिसकी लागत 5-6 लाख रुपये बैठती है.
उन्होंने कहा, ‘‘हम ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचा लगाने वाली कंपनियों को सब्सिडी देंगे ताकि वे ट्रांसफॉर्मर जैसी ढांचागत सुविधाएं लगाने वाली वितरण कंपनियों को भुगतान कर सकें.’’ फिलहाल ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने वाली कंपनियों को ट्रांसफॉर्मर आदि के लिये भुगतान करना पड़ता है.
Edited by Vishal Jaiswal