आज सड़क पर फल बेच रहा है ये 'डॉक्टर', वजह जानकर आप भी करेंगे सलाम
लोग उनसे यह सवाल भी करते हैं कि उनके हाथों में तो इंजेक्शन और दवाएं होनी चाहिए थीं, फिर वे चाकू लेकर ठेले के साथ सड़क पर क्यों खड़े हैं?
लगन, जुनून और हौसले के दम पर कोई भी लड़ाई जीती जा सकती है, बस आपको एक मजबूत इच्छाशक्ति रखने और कड़ी मेहनत के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता है। कोरोना महामारी के दौरान एक डॉक्टर आज फल बेंच रहा है, जिसके पीछे एक बड़ा कारण है, जिसे आपको भी जानना चाहिए।
वेल्लोर गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के चौथे साल के छात्र शिवा अक्सर लोगों को सड़कों खड़े हुए फल बेंचते हुए दिख जाते हैं, जिसके बाद लोग उनसे यह सवाल भी करते हैं कि उनके हाथों में तो इंजेक्शन और दवाएं होनी चाहिए थीं, फिर वे चाकू लेकर ठेले के साथ सड़क पर क्यों खड़े हैं?
लोगों के इन सवालों का शिवा बड़े ही सहज और सरल ढंग से जवाब देते हैं। वे कहते हैं,
“मैंने इसी तरह फल बेंचते हुए पिछले तीन सालों की पढ़ाई की फीस भरी है।”
बीबीसी के अनुसार शिवा के परिवार में चार लोग हैं, उनके माता-पिता, उनके बड़े भाई और वो। सुबह जल्दी उठने के बाद सभी पेड़ से आइस फ्रूट तोड़ने जाते हैं, जिन्हे बाद में मेट्टुपलायम में बेंचा जाता है। उनका परिवार कई सालों से यह काम कर रहा है। आमतौर पर इसका सीजन अप्रैल और मई महीने में ही होता है।
शिवा के अनुसार उनकी पढ़ाई का खर्च भी इसी तरह निकला है, हालांकि कोरोना महामारी के चलते इस बार वे एक महीने फल बेंचने नहीं जा सके हैं, जिससे उन्हे नुकसान भी हुआ है।
शिवा की पढ़ाई के लिए उनका पूरा परिवार सहयोग करता है और परिवार ने उनकी पढ़ाई के लिए एक लोन भी लिया हुआ है। शिवा के अनुसार कोरोना वायरस महामारी के चलते उनके परिवार को भी परेशानी का सामना करना पड़ा है, लेकिन वे इससे हार नहीं मानेंगे।