पश्चिम बंगाल के मूर्तिकारों पर बनी डॉक्यूमेंट्री जर्मन अवार्ड की रेस में शामिल
डॉक्यूमेंट्री 'मदर विल अराइव', जर्मन शहर स्टटगार्ट में 20 से 24 जुलाई, 2022 के बीच आयोजित होने वाले उत्सव के 19वें संस्करण में डॉक्यूमेंट्री सेक्शन में कुछ बेहतरीन फिल्मों के साथ स्क्रीन किया जाएगा.
अहमदाबाद स्थित रुना मुखर्जी पारिख द्वारा साल 2020 में महामारी के दौरान भारत में मूर्तियां बनाने वालों पर बनाई गई डॉक्यूमेंट्री को इस वर्ष स्टटगार्ट में होने वाले प्रतिष्ठित भारतीय फिल्म महोत्सव में जर्मन स्टार ऑफ इंडिया पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है.
डॉक्यूमेंट्री 'मदर विल अराइव', जर्मन शहर स्टटगार्ट में 20 से 24 जुलाई, 2022 के बीच आयोजित होने वाले उत्सव के 19वें संस्करण में डॉक्यूमेंट्री सेक्शन में कुछ बेहतरीन फिल्मों के साथ स्क्रीन किया जाएगा.
'मदर विल अराइव' कोलकाता के मूर्ति बनाने वालों की जिंदगी को करीब से दिखाती है. ये मूर्ति बनाने वाले हर साल दुर्गा पूजा के त्योहार के लिए देवी दुर्गा की मूर्तियाँ बनाने के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं.
बता दें कि, कोविड-19 महामारी और उसके बाद लगाए गए लॉकडाउन और कर्फ्यू ने दुनियाभर में बड़ी उथल-पुथल मचाई. इस दौरान दुनियाभऱ में स्कूल, कॉलेज और कारोबार बंद हो गए थे.
वहीं, अधिकतर असंगठित सेक्टरों और छोटे कारोबारियों के लिए यह भयावह साबित हुए जिसमें उनमें कारोबार लगभग बर्बाद हो गए.
इस डॉक्यूमेंट्री में पश्चिम बंगाल के इन कलाकारों की जिंदगी में आई तबाही को उजागर किया गया है. डॉक्यूमेंट्री में दिखाया गया है कि लॉकडाउन के दौरान कैसे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ा.