Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

क्या RTI से मकान मालिक को पुराने किराएदार का पता जानने का अधिकार है?

याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि LIC स्टार एजेंट उनका किराएदार था. उसने बिना कोई जानकारी दिए और बिना किराया दिए फ्लैट खाली कर दिया था.

क्या RTI से मकान मालिक को पुराने किराएदार का पता जानने का अधिकार है?

Saturday October 08, 2022 , 2 min Read

अगर कोई किराएदार बिना किराया दिए हुए फ्लैट खाली कर चुका है तो क्या मकान मालिक सूचना का अधिकार (RTI) के माध्यम से उसका मौजूदा पता हासिल कर सकता है? ऐसा ही एक दिलचस्प मामला हाल ही में केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) के सामने आया था.

क्या था मामला?

मकान मालिक वी. वेंकटपती ने तमिलनाडु स्थित भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के केंद्रीय जनसूचना अधिकारी (CPIO) के पास RTI, 2005 के तहत एक आवेदन दाखिल किया था. इसमें उन्होंने अमबत्तूर ब्रांच में काम करने वाले LIC स्टार एजेंट का पता मांगा था.

याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि LIC स्टार एजेंट उनका किराएदार था. उसने बिना कोई जानकारी दिए और बिना किराया दिए फ्लैट खाली कर दिया था.

हालांकि, CPIO ने याचिकाकर्ता की अपील खारिज कर दी. CPIO ने कहा कि RTI Act की धारा 8(1) (J) के तहत एजेंट के घर का पता नहीं दिया जा सकता है क्योंकि मांगी गई जानकारी किसी सार्वजनिक गतिविधि या हित में नहीं है.

इसके बाद मकान मालिक ने 23 नवंबर, 2020 को फर्स्ट अपीलेट अथॉरिटी (FAA) के पास पहली अपील दायर की. हालांकि, FAA ने CPIO के फैसले को सही ठहराते हुए मामले का निस्तारण कर दिया. इसके बाद, मकान मालिक ने CIC के सामने एक सेकेंड अपील दाखिल की. सेकेंड अपील में याचिकाकर्ता ने कहा कि उन्हें मांगी गई जानकारी नहीं दी गई.

CIC ने क्या कहा?

CIC ने कहा कि याचिकाकर्ता ने स्वीकार किया है कि उसकी शिकायत उपरोक्त LIC एजेंट द्वारा किराया नहीं देने से जुड़ा है और इस मामले का निपटारा RTI Act के तहत नहीं किया जा सकता है.

3 अक्टूबर, 2022 को दिए अपने आदेश में CIC ने कहा कि आयोग का विचार है कि अन्य व्यक्ति का आवासीय पता उसकी व्यक्तिगत जानकारी है जिसे RTI Act, 2005 की धारा 8 (1) (J) के अनुसार अपीलकर्ता को प्रकट नहीं किया जा सकता है. अपीलकर्ता भी व्यापक सार्वजनिक उद्देश्य स्थापित करने में विफल रहा है. इसलिए, प्रतिवादी द्वारा उनके पत्र दिनांक 31.10.2020 द्वारा प्रदान किया गया उत्तर संतोषजनक है और आयोग द्वारा इसे बरकरार रखा जा रहा है.

CIC ने यह भी कहा कि अपीलकर्ता उपयुक्त मंच से संपर्क कर सकता है क्योंकि RTI शिकायतों के निवारण का मंच नहीं है.


Edited by Vishal Jaiswal