सूख रही है यमुना, दिल्ली में जल-संकट प्रधानमंत्री आवास और राष्ट्रपति भवन तक पहुँचा
दिल्ली में हर साल गर्मियों में होने वाली पानी की कमी के कारण पर्यावरण प्रदूषण, क्लाईमेट चेंज और उसके कारण गिरता भू जलस्तर है.
यह हर साल गर्मियों में होता है. जैसे ही तापमान बढ़ता है दिल्ली में पानी की कमी होने लगती है. पिछले तीन महीनों में लगातार तेज तापमान के बीच पानी की माँग बढ़ी है और उसके अनुरूप सप्लाई नहीं है. संकट का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री आवास और राष्ट्रपति भवन के लिए पानी की सप्लाई भी प्रभावित हुई है जिसे लेकर दिल्ली की नगरपालिका ने दिल्ली जलबोर्ड को चिंतित अंदाज़ में लिखा है.
दिल्ली के जलमंत्री सत्येन्द्र जैन ने वर्तमान जल-संकट के लिए ने हरियाणा सरकार द्वारा यमुना में कम पानी छोड़ने को ज़िम्मेवार बताया है. पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और दिल्ली जल बोर्ड के वाइस चेयरमैन सौरभ भारद्वाज ने हरियाणा सरकार से ज्यादा पानी देने की अपील की थी. उस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए हरियाणा के अधिकारियों ने कहा कि उनकी ओर से दिल्ली को उसके हिस्से का निश्चित पानी का कोटा दिया जा रहा है और उसमें कोई कमी नहीं आई है.
कैसे मिलता है पानी दिल्ली को?
दिल्ली जल बोर्ड के अनुसार दिल्ली को रोज़ 1,260 एमजीडी (million gallon daily) पानी की जरुरत होती है. दिल्ली में पानी की सप्लाई के तीन स्रोत हैं. 90 एमजीडी पानी दिल्ली में स्थापित कुओं और नलकों से मिलता है. 610 एमजीडी पानी हरियाणा यमुना नदी और दो नहरों से प्रति दिन सप्लाय करता है. और 253 एमजीडी पानी अपर गंगा नहर के माध्यम से उत्तर प्रदेश से सप्लाय होता है. स्पष्ट है कि अपने लगभग 65% पानी के लिए दिल्ली यमुना नदी पर निर्भर है. और यमुना संकट में है.
सूख रही यमुना है दिल्ली के जल संकट का सबसे बड़ा कारण
यमुना नदी पल्ला गावं से प्रवेश करते हुए दिल्ली में 48 किलो मीटर का रास्ता तय करती है. इतने बड़ा स्ट्रेच होते हुई भी यमुना लगभग सूख चुकी है. इसके तीन प्रमुख कारण है - दिल्ली में प्रदूषण का ख़तरनाक स्तर, बारिश की कमी और उसके नतीजे में तेज तापमान, लू (heat wave) चलना. बारिश न के बराबर होने की वजह से मार्च और अप्रैल पिछले 122 सालों के सबसे ज्यादा गरम महीने रहे हैं .
यह भीषण गर्मी यमुना के जलस्तर को लगातार कम कर रही है. दिल्ली में तीन बैराज (जल शोधन संयंत्र) हैं- वजीराबाद, चंद्रावल, ओखला, जहाँ रॉ पानी को ट्रीट करके दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में डिस्ट्रीब्यूट किया जाता है. पानी की इस किल्लत की प्रमुख वजह वजीराबाद है क्योंकि इस बैराज में यमुना का जल स्तर कम है. वजीराबाद बैराज में जलस्तर सामान्य 674.5 फूट से 7 फुट कम होकर इस साल के न्यूनतम स्तर 667.70 फूट पर पहुँच गया है. कम जलस्तर के कारण दिल्ली में 60-70 एमजीडी (million gallon daily) कम पानी उत्पन्न हो रहा है.