Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
ADVERTISEMENT
Advertise with us

'डॉग मैन ऑफ नागपुर' रंजीत नाथ 11 सालों से रोजाना 150 से ज्यादा आवारा कुत्तों को दे रहे खाना

नागपुर के रंजीत नाथ पिछले 11 साल से इन आवारा कुत्तों की सेवा कर रहे हैं और अब उनकी कहानी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है।

'डॉग मैन ऑफ नागपुर' रंजीत नाथ 11 सालों से रोजाना 150 से ज्यादा आवारा कुत्तों को दे रहे खाना

Thursday June 03, 2021 , 3 min Read

कोविड-19 की दूसरी लहर ने पूरे भारत में लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया है जो वायरस से बचने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। लॉकडाउन की पाबंदियों का असर न सिर्फ इंसानों पर पड़ा है, बल्कि आवारा पशुओं और कुत्तों पर भी पड़ा है क्योंकि उन्हें खिलाने वाला कोई नहीं है।


वहीं, नागपुर में पिछले 11 साल से एक शख्स इन कुत्तों की सेवा कर रहा है और इस शख्स की कहानी अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। नागपुर में रंजीत नाथ नाम का ये शख्स पिछले 11 सालों से आवारा कुत्तों को खाना खिला रहा है और वह उन्हें अपना 'बच्चा' मानता है। लोग रंजीत को अब "डॉग मैन ऑफ नागपूर" और "रंजीत दादा" भी कहने लगे हैं।


रंजीत की कहानी अभिनव जेसवानी नाम के एक ब्लॉगर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर साझा की थी, जहां उन्होंने शहर में आवारा कुत्तों की सेवा करने वाले 58 वर्षीय व्यक्ति का एक वीडियो साझा किया था। वीडियो के साथ, उन्होंने रंजीत की कहानी भी लिखी थी। रंजीत ने कथित तौर पर 11 साल पहले आवारा कुत्तों की सेवा शुरू की थी और शुरू में उन्हें बिस्कुट दे रहे थे। पिछले ढाई साल से उन्होंने चिकन और मटन मिक्स बिरयानी परोसना शुरू किया था। वह दान से मिलने वाले पैसे से बिरयानी तैयार करते हैं और दक्षिण नागपुर में 150-170 आवारा कुत्तों को परोसते हैं।

वीडियो इंटरनेट पर आते ही इन कुत्तों के प्रति रंजीत नाथ की दया और प्यार की भावना ने सोशल मीडिया यूजर्स का दिल छू लिया। कई लोग इस नेक काम के लिए उन्हें योगदान देना चाहते थे और आवारा पशुओं को खिलाने में उनकी मदद करना चाहते थे।


एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, रंजीत के साथ जुड़े राहुल मोटवानी बताते हैं, "रंजीत हर रोज 35 से 40 किलो बिरयानी पकाते हैं। वह पिछले कुछ सालों से ऐसा कर रहे हैं लेकिन महामारी के शुरू होते ही उन्होंने इसे और बढ़ा लिया। उन्हें आवारा कुत्ते पसंद हैं और वह इन्हें अपने बच्चे बुलाते हैं।"


उन्होंने रंजीत के हवाले से आगे कहा, "मुझे उन्हें आवारा या कुत्ता कहना अच्छा नहीं लगता। मैं उन्हें अपने बच्चों की तरह मानता हूं।"


टाइम्सनाउ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रंजीत नाथ ने कहा, "मैं बुधवार, रविवार और शुक्रवार को व्यस्त रता हूं क्योंकि मैं इन कुत्तों के लिए 30-40 किलोग्राम बिरयानी तैयार करता हूं। वे अब मेरे बच्चों की तरह हैं। मैं अपने जिंदा रहने तक यह काम करूंगा। यह मुझे खुशी प्रदान करता है।"


इस घातक महामारी के बीच, सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के चलते जब लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, वहीं रंजीत जैसे लोग हैं जो इन बेजुबानों की मदद करने के लिए अपनी तरफ से प्रयास कर रहे हैं।


Edited by Ranjana Tripathi