इस IPO में निवेश का आज आखिरी दिन, 88 रुपये हुआ ग्रे मार्केट प्रीमियम, जानें पैसे लगाएं या नहीं
महज दो दिन में ही ड्रीमफोक्स सर्विसेस लिमिटेड का आईपीओ करीब 6.09 गुना सब्सक्राइब हो चुका है. सिर्फ रिटेल सेक्टर से ही इस आईपीओ को करीब 19.10 गुना सब्सक्रिप्शन मिला है.
हाल ही में
का 562.10 करोड़ रुपये का आईपीओ (DreamFolks Services IPO) खुला था, जिसे लोग तेजी से सब्सक्राइब कर रहे हैं. यह आईपीओ 24 अगस्त को खुला था और आज यानी 26 अगस्त को इसका आखिरी दिन है. शुरुआती दो दिनों में यह आईपीओ 6.09 गुना सब्सक्राइब हो चुका है. इसमें रिटेल सेक्टर से करीब 19.10 गुना सब्सक्रिप्शन मिला है. हर आईपीओ आखिरी दिन काफी अधिक सब्सक्राइब होता है, यानी उम्मीद है कि इसे लोगों का अच्छा रेस्पॉन्स मिलेगा. ऐसे में सवाल ये है कि क्या आपको इसमें पैसे लगाने चाहिए या नहीं, आइए समझते हैं.88 रुपये पर पहुंचा ग्रे मार्केट प्रीमियम
रिटेल मार्केट की तरफ से इतना तगड़ा रेस्पॉन्स देखते ही ड्रीमफोक्स सर्विसेस के आईपीओ का ग्रे मार्केट प्रीमियम तेजी से बढ़ रहा है. अभी इसका ग्रे मार्केट प्रीमियम यानी जीएमपी करीब 88 रुपये पर पहुंच चुका है. गुरुवार को यह 83 रुपये था, जो आज 5 रुपये बढ़कर 88 रुपये हो चुका है. ग्रे मार्केट प्रीमियम से एक अनुमान मिलता है कि शेयर की लिस्टिंग में फायदा हो सकता है या नहीं. हालांकि, जीएमपी कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं होता है.
88 रुपये प्रीमियम के मायने भी समझिए
अगर ड्रीमफोक्स सर्विसेस के आईपीओ का जीएमपी 88 रुपये है, इसका मतलब है कि यह शेयर आज की तरीख में ग्रे मार्केट में 414 रुपये का है. इस शेयर का इश्यू प्राइस 326 रुपये है, जिसमें 88 रुपये का ग्रे मार्केट प्रीमियम जोड़कर यह आंकड़ा आया है. देखा जाए तो यह आईपीओ अभी 27 फीसदी का प्रीमियम दिखा रहा है. ऐसे में उम्मीद है कि शेयर की लिस्टिंग पर निवेशकों को 25 फीसदी से अधिक प्रीमियम मिल सकता है.
पैसे लगाएं या नहीं?
जिस तरह से इस आईपीओ में लोग तेजी से पैसे लगा रहे हैं, उससे तो ये लग रहा है यह अच्छा मुनाफा करा सकता है. शेयर इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट और रिसर्च हेड रवि सिंह कहते हैं कि ड्रीमफोक्स सर्विसेस को सबसे बड़ा फायदा ये मिलता है कि यह अपने बिजनेस सेक्टर की शुरुआती कंपनी है. कोरोना काल में इस कंपनी को भारी नुकसान झेलना पड़ा, क्योंकि यह कंपनी एयरपोर्ट पर सेवाएं देती है और कोरोना काल में हवाई सेवाओं पर बुरा असर देखने को मिला था. हालांकि, कंपनी के असेट लाइट बिजनेस मॉडल की वजह से लंबे समय में कंपनी को इसका फायदा मिलेगा. ऐसे में अगर आप लंबी या मध्यम अवधि के लिए पैसे लगाने की सोच रहे हैं तो शेयर इंडिया की तरफ से आपको इसे सब्सक्राइब करने की सलाह है.
क्या है शेयर का लॉट साइज?
46 शेयरों के लॉट साइज के साथ ड्रीमफोक्स का IPO खुला है. आईपीओ का प्राइस बैंड 308-326 रुपये प्रति शेयर रखा गया है. इसमें निवेश करने के लिए एक लॉट के कम से कम 14,996 रुपये लगाने होंगे. यह इश्यू पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल का है और कंपनी के प्रोमोटर्स ओएफएस विंडो के तहत 1.72 करोड़ इक्विटी शेयरों की बिक्री करेंगे.
कब होगी आईपीओ की लिस्टिंग?
यह इश्यू के बाद कंपनी के पेड-अप इक्विटी शेयर कैपिटल का 33 फीसदी होगा. आईपीओ के लिए इक्विरस कैपिटल और मोतीलाल ओसवाल इंवेस्टमेंट एडवाइजर्स बुक रनिंग लीड मैनेजर्स हैं. आईपीओ का एक लॉट 46 शेयरों का होगा. निवेशक के लिए एक लॉट के लिए बोली लगाना अनिवार्य होता है. ड्रीमफॉक्स आईपीओ के शेयरों का आवंटन 1 सितंबर 2022 को हो सकता है. IPO की लिस्टिंग 6 सितंबर, 2022 को हो सकती है.
क्या करती है कंपनी?
ड्रीमफोक्स सर्विसेज लिमिटेड एयरपोर्ट पर फूड, स्पा और लाउंज जैसी सर्विस मुहैया कराती है. इस आईपीओ के शेयरों का अलॉटमेंट 5 सितंबर को हो सकता है. इसके अलावा कंपनी के शेयर बाजार में 6 सितंबर को लिस्ट हो सकते हैं.
कंपनी का एसेट-लाइट बिजनेस मॉडल भारत में काम करने वाले ग्लोबल कार्ड नेटवर्क और क्रेडिट कार्ड व डेबिट कार्ड जारी करने वाली कंपनियों को एयरपोर्ट लाउंज ऑपरेटर्स व एयरपोर्ट से जुड़ी अन्य सेवाएं मुहैया कराने वालों को एक प्लेटफॉर्म पर जोड़ती है. इससे यात्रियों को एयरपोर्ट से जुड़ी सर्विसेज का एक्सेस आसानी से मिलता है. 31 मार्च, 2022 तक, कंपनी के पास कार्ड नेटवर्क सहित 50 ग्राहक. इनमें भारत के कई प्रमुख कार्ड जारीकर्ता शामिल थे.
अभी मुनाफे में है कंपनी
कंपनी पिछले वित्त वर्ष में 16 करोड़ रुपये के शुद्ध लाभ के साथ मुनाफा कमा रही है. हालांकि, ड्रीमफोक्स के रेवेन्यू में मार्च 2020 को समाप्त वित्तीय वर्ष में 367 करोड़ रुपये से पिछले वित्तीय वर्ष में 282 रुपये की गिरावट देखी गई है. हालांकि, हवाई यात्रा के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण कंपनी के लिए अच्छा संकेत है. HDFC सिक्योरिटीज के मुताबिक, "भारतीय बाजार 2019 में लगभग 175 मिलियन हवाई यात्रियों से बढ़कर 2040 में लगभग 1 बिलियन यात्रियों तक पहुंचने की उम्मीद है, जबकि 2040 में कुल 10 बिलियन यात्रियों की 2X की वैश्विक वृद्धि की उम्मीद है."