स्कूली बच्चों को सफाई की याद दिलाएँगे ये खास रोबोट, दिल्ली के स्कूलों में की गई स्थापना
एक तरफ जहां कोरोना वायरस ने चीन में आतंक मचा रखा है, वहीं अब भारत में सफाई जागरूकता के लिए राजधानी दिल्ली के स्कूलों में खास तरह के रोबोट स्थापित किए जा रहे हैं।
कोरोनावायरस महामारी के चलते चीन में हुए जानमाल के नुकसान ने भारत सहित दुनिया भर में चेतावनी के संकेत दिए हैं। भारत में केरल में तीन मामले दर्ज किए गए थे, हालांकि स्वास्थ्य विभाग की त्वरित कार्रवाई से वायरस से जल्द ही निपट लिया गया।
इस परिदृश्य में, लोग मास्क लगाकर और अत्यधिक स्वच्छता का अभ्यास करके, सुरक्षित रहने के लिए विभिन्न तरीकों को अपना रहे हैं।
बच्चों के बीच स्वच्छ व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा संचालित उन्नीस सह-शिक्षा विद्यालयों ने छात्रों को वॉशरूम का उपयोग करने के बाद अपने हाथ धोने की याद दिलाने के लिए एक रोबोट की स्थापना की है।
न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रमुख मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा,
“डीएसजीएमसी प्रत्येक स्कूल की जरूरतों और भौतिक लेआउट का सर्वेक्षण करेगा और फिर प्रत्येक स्कूल के लिए सर्वोत्तम विकल्पों का निर्माण करेगा ताकि यह अधिकतम छात्रों को सुविधा दे सके। यह पूरी प्रक्रिया बहुत जल्द प्राथमिकता के आधार पर पूरी की जाएगी।"
पेपे नाम के इस रोबोट को हैंडवाशिंग सुविधा के ऊपर की दीवार पर लगाया जाएगा जो छात्रों को उनके साथ बातचीत करते समय हाथ धोने की याद दिलाएगा। रोबोट की कीमत 7,000 रुपये है और यह 20,000 छात्रों तक अपनी पहुंच रखता है।
इस रोबोट को भारत में अमृता विश्व विद्यापीठम विश्वविद्यालय के सहयोग से ग्लासगो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित किया गया है।
हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए, मनजिंदर ने कहा,
“कार्यक्रम की सफलता की निगरानी के लिए एक विशेष मोबाइल ऐप विकसित किया जाएगा। शिक्षक स्कूल परिसर में बच्चों द्वारा अपनाए गए गई स्वच्छता तरीकों की तस्वीरें लेंगे और इसे नियमित रूप से मोबाइल एप्लिकेशन पर पोस्ट करेंगे।”
उन्होने आगे कहा,
“इस कार्यक्रम के तहत स्वच्छता से दूर खासकर 10 साल से कम उम्र के बच्चों को लक्षित किया जाएगा।"
साथ ही शिक्षक स्कूल परिसर की तस्वीरें जिनमें हाथ धोने की इकाइयाँ, शौचालय, और कक्षाओं की साफ-सफाई शामिल हैं, क्लिक करेंगे। यह छात्रों के बीच हाथ धोने और स्वच्छता की आदत को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।