ट्राई के संशोधनों के बाद डीटीएच-केबल बिल 14 प्रतिशत तक घटेगा: इक्रा
केबल एवं प्रसारण सेवाओं के लिए नये नियामकीय ढांचे में ट्राई के संशोधनों के बाद डीटीएच-केबल बिलों में मौजूदा स्तर से 14 प्रतिशत तक की कमी आएगी। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने मंगलवार को यह बात कही।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने पिछले सप्ताह केबल एवं प्रसारण सेवाओं के लिए नयी नियामकीय रूपरेखा में संशोधन किया था। इसके तहत उपभोक्ता कम कीमत पर अधिक चैनल देख सकेंगे। ये बदलाव एक मार्च से लागू होंगे।
नियामक ने सभी फ्री टु एयर चैनलों के लिए मासिक शुल्क की अधिकतम सीमा 160 रुपये तय की है। इसके अलावा 200 चैनलों के लिए अधिकतम क्षमता शुल्क (एनसीएफ) को घटाकर 130 रुपये (कर शामिल नहीं) कर दिया है।
इक्रा ने बयान में कहा कि शुल्कों में इन बदलावों से उपभोक्ताओं का डीटीएच-केबल बिल मौजूदा स्तर से 14 प्रतिशत तक घट जाएगा।
विभिन्न प्रावधानों की समीक्षा के बाद ट्राई ने 200 चैनलों के लिए अधिकतम एनसीएफ शुल्क (कर रहित) को घटाकर 130 रुपये कर दिया है। इसके अलावा नियामक ने फैसला किया है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने जिन चैनलों को अनिवार्य घोषित किया है, उन्हें एनसीएफ चैनलों की संख्या में नहीं गिना जाएगा।
इसके अलावा ट्राई ने वितरण प्लेटफार्म परिचालकों (डीपीओ) को लंबी अवधि यानी छह महीने अथवा अधिक के सब्सक्रिप्शन पर रियायत देने की भी अनुमति दे दी है। आपको बता दें कि अब अब 160 रुपये में 500 फ्री टू एयर चैनल देखने को मिलेंगे। इसके अलावा 12 रुपये से अधिक कीमत वाले सभी टीवी चैनल किसी भी बुके का हिस्सा नहीं होंगे।
इन चैनलों को ग्राहक अलग से ले सकेंगे। अब तक केबल टीवी ग्राहकों को 130 रुपए में केवल 100 फ्री टू एयर चैनल मिलते थे। टैक्स मिलाकर के यह करीब 154 रुपये होता है, इसमें से 26 चैनल्स केवल प्रसार भारती के होते थे।
खास बात यह है कि नियामक ने उपभोक्ताओं द्वारा सभी ‘फ्री टू एयर’ चैनलों के लिए दिए जाने वाले मासिक शुल्क की सीमा 160 रुपये तय कर दी है। इससे उपभोक्ता को चैनल चुनने में आसानी होगी। हालांकि, नई दरें 1 मार्च 2020 से लागू होंगी।
ट्राई ने साफ किया है कि ब्रॉडकास्टर कंपनियों को टैरिफ की जानकारी 15 जनवरी तक अपनी वेबसाइट पर डालनी होगी। 30 जनवरी तक दोबारा सभी चैनल की रेट लिस्ट सामने आएगी।
(Edited by रविकांत पारीक )