-नई कलम के लिए, भोपाल मध्य प्रदेश से अमलेश कुमार, इंजीनियरिंग छात्र
हमारी सरकार यदि सोशल अॉन्त्रोप्रेन्योर को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा दे, तो हमारी आज की युवा पीढ़ी ग्रामीण इलाकों के किसानों के लिए और गाँवों के लिए एक नई उम्मीद हैं। आज सरकार हर प्रयास करती है फिर भी विफल है। यदि सरकार युवाओं को किसानों के लिए काम करने के लिए प्रेरित करे तो किसानों की स्थिति में काफी हद तक सुधार की गुंजाईश है। नये युवा उद्यमियों में इतनी शक्ति है, कि वे किसानों की स्थिति को बदल सकते हैं और उन्हें एक नई जिंदगी दे सकते है। सरकार कहती है कि किसानों की आय को दोगुना कर दूंगा लेकिन मेरा जहाँ तक विश्वास है कि सरकार करे या ना करे, लेकिन युवा उद्यमी में इतनी शक्ति है, कि वे किसानों की आय को दोगुना कर सकते हैं मगर सरकार को इन सबके लिए युवा उद्यमियों की मदद करनी होगी। आज के दौर मे किसानों की आवाज कोई नहीं सुनता है। इस कृषि प्रधान देश में आखिर किसानों की आवाज कब सुनी जायेगी ? किसानों को उनका हक कब मिलेगा? हर क्षेत्र में सरकार छूट दे रही है, लेकिन कृषि क्षेत्र मे क्यों नही? कृषि क्षेत्र से जुड़ी कंपनी आगे निकल जाती है लेकिन किसान क्यों पीछे छूट जाते हैं?
आज हमारा देश डिजीटल हो रहा है। हमारी सरकार ई-मंडी लेकर आई है, लेकिन ऐसे कितने किसान हैं, जो ई-मंडी का प्रयोग करना जानते हैं। ई-मंडी की बात तो दूर उन्हें तो डिजीटल का अर्थ भी नहीं मालूम! यदि किसान कुछ जानता है, तो वह है उसकी फसलें, उसका परिवार और बैंक का कर्ज़। किसान तो ये भी नहीं जानता, कि बड़ी-बड़ी कंपनियां उसकी फसलों की ब्रांडिंग करके उन्हें बाज़ार में उतार रही हैं। वो भी किसान को उसकी मेहनत का उचित मूल्य दिये बिना। क्या हमारी सरकार उनकी फसल को उचित मूल्य में खरीदती है? क्या हमारी सरकार उनको उनकी फसल से पैसे बनाने की तरकीब बताती है? क्या हमारी सरकार बता सकती है कि टैक्स से किसान और आम आदमी को क्या फायदा है? हमारी सरकार किसान भाईयों को अॉन्त्रोप्रेन्योरशिप के लिए सक्षम क्यों नहीं बना रही है?
देश में कई उद्योगपति हैं, जिन्होंने अपनी शिक्षा पूरी नहीं की, लेकिन करोड़पति हैं। फिर किसान क्यों नहीं? मैं ये नही कहता, कि किसानों को करोड़पति बना दे सरकार बस उस सेमिनार मे बिठा दे जहाँ उद्योगपति बैठते हैं। सरकार को चाहिए कि वह किसानों को फसलों को ब्रांड में तब्दील करना और आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करने की शिक्षा दे। किसानों को टैक्स और लोन आदि का ज्ञान होना भी बेहद आवश्यक है। लेकिन ये तभी संभव है जब युवा उद्दमी किसानों के साथ मिलकर कार्य करें। हमारे युवाओं ने इसकी पहल कर दी है लेकिन हमें जहाँ तक पहुँचना चाहिए नहीं पहुँच पा रहे हैं। हमें किसानों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना होगा, जिससे किसानों को उनकी पैदावार का सही दाम मिल सके और बिचौलियो से मुक्ति मिल जाये। हमें ऐसे बिज़िनेस मॉडल पर काम करना होगा, जिससे किसानों को उनकी मेहनत का भरपूर फायदा मिले। इतना ही नहीं किसानों को कृषि संबंधी जानकारी उनके तक पहुचाने के लिए हमें ऐसी पुस्तक और प्रारूप का गठन करना होगा जिससे आसानी से उन तक पहुंचा जा सके। इस कार्य को करने के लिए युवाओं और मिडिया को आगे आना होगा। हमारे देश की सरकार और बैंक बिजनसमैन को तो आसानी से लोन मुहैया करा देते हैं, लेकिन किसानों को नहीं। आज भी किसानों की स्थिति वैसी है जैसे गुलाम भारत मे किसानों की स्थिति थी पहले अंग्रेजों के कर से दबे थे और आज बैंकों के लोन से दबे हुए हैं। देश में हर वर्ष किसानों की आत्महत्या की खबरें सामने आती हैं लेकिन हमारी सरकार क्या करती है? बड़े उद्योगपतियों के लोन माफ कर देती है लेकिन किसानों की नहीं।
मैं एक किसान का पुत्र हूँ और युवा भी हूँ, साथ ही स्टार्टअप की समझ रखता हूं, और योरस्टोरी मंच के द्वारा मैं देश के युवा स्टार्टअप्स और किसानों के परिवारों से आग्रह करता हूं, कि आप सब आगे आयें। पूरी दुनिया की नज़र भारत के युवा स्टार्टअप्स पर है, फिर युवा और शिक्षित किसान क्यों पीछे रहें? उन्हें भी तो उम्मीद है, कि वे भी किसानों के लिए कुछ करें।