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खेल-खेल में सीखें स्पोकेन इंग्लिश

2 महीने में 70 हजार डाउनलोड

Thursday July 16, 2015 , 5 min Read

किंग्स लर्निंग, बैंगलोर स्थित एक ऐसा स्टार्टअप जो भारतीय छात्रों और पेशेवरों को इंग्लिश भाषा का प्रशिक्षण देता है और अपने वर्ग में नई ऊंचाइयां छू रहा है। इस साल अप्रैल में लॉन्च किया गया किंग्स लर्निंग का पहला ई-लर्निंग मोबाइल एप एंगुरू:लर्न स्पोकेन इंग्लिश का गूलग प्लेस्टोर से 70,000 से ज्यादा डाउनलोड किया जा चुका है। हर रोज करीब 1000 से ज्यादा डाउनलोड किए जा रहे हैं। यूके स्थित संस्थान किंग्स कॉलेजेज़ यूनिवर्सिटी प्रीपेरेटरी कोर्स और इंग्लिश भाषा का प्रशिक्षण मुहैया करा रहा है। ये यूनिवर्सिटी इस स्टार्टअप में छोटा हिस्सेदार भी है। एंगुरू एप गेम्स पर आधारित है, जो नौकरी से जुड़े शैक्षणिक अनुभव प्रदान करता है। यह दुकान में काम करने वाले एक सहायक की कारपोरेट जगत में ऊंचाई छूने वाले शख्स की कहानी, काम करने की जगह पर होने वाली असल बातचीत और सूचनात्मक प्रशिक्षण कार्यक्रम का पालन करता है।

गेम के एक चरित्र के तौर पर कोई यूजर, ग्राहकों, सहयोगियों और मैनेजर्स के साथ सचमुच की बातचीत में शामिल होकर (इन्हीं बातचीत के बीच में भाषा के प्रशिक्षण के सत्रों को भी शामिल किया गया है) उन्हें उनकी भाषा की क्षमता को उन्नत करने में मदद करता है। इस इंटरैक्टिव लर्निंग गेम के जरिए, आप अपनी इंग्लिश सीख कर और उसे उन्नत कर रिटेल क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं।

किंग्सलर्निंग के सह-संस्थापक अर्षण वकील का कहना है, “एंगगुरू का उद्देश्य लोगों को कामकाज की जगह पर अंग्रेजी में बातचीत करने में मदद करना है। यह उन छात्रों और युवाओं के लिए है, जो अपनी नौकरियों में इंग्लिश के जरिए बेहतर करना चाहते हैं। कई ऐसे ऐप्स हैं जो लोगों को आधारभूत इंग्लिश सिखाते हैं, लेकिन बातचीत के लिए हम जिस तरह इंग्लिश सिखाते हैं, दूसरा कोई भी पोर्टल ऐसा नहीं करता है।”

अर्षण ने बताया कि एंगुरू को पूरी तरह खुद से विकसित किया गया है। ऐप का कंटेंट इसके शिक्षकों और प्रोग्राम डायरेक्टर्स की संयुक्त शिक्षा से मिलता है। ये टीचर्स और प्रोग्राम डायरेक्टर्स टारगेट ऑडियंस को दिन-प्रतिदिन पढ़ाते हैं और इस तरह वो सबसे बेहतर कंटेंट तैयार कर पाते हैं।

इस स्टार्टअप का दावा है कि एंगुरू लैंग्वेज ऐप स्पेस में मौजूद दूसरे प्लेयर्स के मुकाबले पूरी तरह से एक अलग तरीका इस्तेमाल करता है। इस लर्निंग ऐप में पूरी पढ़ाई एक गेम के फॉर्मेट में होती है, जो यूजर्स को व्यस्त रखता है। इसके अलावा यह युवाओं में खराब अंग्रेजी बोलने और संपर्क करने की क्षमता की समस्या पर भी ध्यान देने के लिए बातचीत का तरीका अपनाता है।

काम करने के मौके बढ़ते हैं

कमजोर अंग्रजी भाषा का ज्ञान और संचार क्षमता को देखते हुए किंग्स लर्निंग नौकरी दिलाने के मुद्दे पर भी काम करता है।

फरवरी, 2014 में लॉन्च हुआ ऑफलाइन प्लेटफॉर्म किंग्स लर्निंग ने अब तक भारत के अलग-अलग शहरों में 7000 से ज्यादा छात्रों को प्रशिक्षित कर चुका है। इसके ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी लोगों का अच्छा रेस्पॉन्स मिला है।

अर्षण का कहना है, “कॉलेज, कारपोरेट और स्वतंत्र भाषा के स्कूलों के साथ सहयोग कर हमलोग देश भर में उच्च गुणवत्ता वाली इंग्लिश की कक्षाएं चला रहे हैं। स्मार्टफोन पर एंगुरू ऐप को लॉन्च कर इस सेवा को और आगे बढ़ाया गया है। एंगुरू की मदद से हम छात्रों और युवाओं को बातचीत की अंग्रेजी सिखाने की कोशिश करते हैं और इसके साथ ही रोचक इंटरैक्टिव गेम के जरिए लोगों को कामकाज की जगह और सामाजिक अवस्थाओं में होने वाली बातचीत का अनुभव कराते हैं।”

एंगुरू 2.0

एंगुरू पूरी तरह मुफ्त ऐप है और इस पर अभी कोई विज्ञापन नहीं है। फिलहाल इसकी कोशिश है कि इसके ऐप का ज्यादा से ज्यादा डाउनलोड हो, जिससे बाजार में ये स्थिर हो सके। अब तक के रेस्पॉन्स यह संतुष्ट है। यह उच्च इस्तेमाल की दर, निम्न अनइंस्टाल की दर और गूगल प्लेस्टोर पर सकारात्मक समीक्षाओं का दावा करता है।

अर्षण का कहना है, “हमलोग अब सितंबर में एंगुरू 2.0 को अपडेट करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो अतिमहत्वपूर्ण सामान्य इंग्लिश कहानियों से परिपूर्ण होगा और जो मलयालम, तमिल, कन्नड़, हिंदी और अरबी भाषा में उपलब्ध होगा। यूजर्स सामान्य इंग्लिश टाइटल के जरिए मूलभूत स्तर से अंग्रेजी सीख सकते हैं। इसके अलावा इसमें उद्योग विशेष के लिए अलग से कहानियां हैं, मसलन हॉस्पिटैलिटी उद्योग और बीपीओ के लिए अलग-अलग कहानियां।”

चुनौती को स्वीकार करना

भाषा के ऐप्स के लिए सबसे बड़ी चुनौती अपने यूजर्स को बनाए रखना होता है। एंगुरू लैंग्वेज ऐप्स में आने वाली इस समस्या के समाधान के लिए संवादात्मक और व्यस्त रखने वाला तरीका अपना रहा है।

लैंग्वेज ऐप सेगमेंट में पहले से मौजूद प्लेयर्स एंगुरू को गंभीर चुनौती दे रहे हैं। एक तरफ जहां वैश्विक स्तर पर कई बड़े पोर्टल हैं, तो स्थानीय स्तर पर भी कई पोर्टल सामने आ गए हैं।

अर्षण कहते हैं, “हमारे कारोबार मॉडल की दृष्टि से, मोबाइल ऐप के साथ पारंपरिक ऑफलाइन क्लासरूम का संयुक्त रूप इस सेगमेंट के दूसरे प्लेयर्स से काफी अलग हैं। इसमें सहक्रियता काफी मजबूत है और ऑफलाइन कारोबार से नगदी पैसे मिलना अतिरिक्त फायदा पहुंचाता है। इससे हमें अपनी दक्षता और टिके रहने की क्षमता बढ़ाने में मदद मिलती है। इसके साथ ही हम हमारे छात्रों की परीक्षा और उनके राय हासिल कर पाते हैं। छात्रों की राय और पढ़ाने में हमारे अनुभवों को मिलाकर हमें एक ऐसा ऐप विकसित करने में मदद मिली जो इंग्लिश पढ़ाने के प्रकृति पर खरा उतरता है।”