लाखों का ऑफर ठुकराकर IIT खड़गपुर के तीन छात्रों ने बनाया 'नींद मापने का डिवाइस'
आज के समय में जब सारी दुनिया रुपये पैसों के पीछे भाग रही है... किसका पैकेज कितना ज्यादा हो जाये इस बात की होड़ लगी है... ऐसे में IIT खड़गपुर से पास आउट तीन दोस्तों ने विदेश में मिलने वाली लाखों की नौकरी ठुकरा कर कुछ ऐसा कर डाला, जो सचमुच लाखों-करोंड़ों की नौकरी करने से बड़ी बात है...
लक्ष्मीकांत तिवारी, सत्यपाल गुप्ता और अरनेंद्र सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया की मुहिम से खुद को प्रेरित मानते हैं। वह अपने देश के लिए कुछ करना चाहते हैं, जिसके लिए उन्होंने विदेशों से मिले बड़े ऑफर्स को भी छोड़ दिया।
तीनों छात्रों में सत्यपाल गुप्ता और लक्ष्मीकांत तिवारी जौनपुर (यूपी) के एक निम्न मध्यमवर्गीय किसान परिवार से हैं। वह अपने गांवों के हिंदी माध्यम सरकारी स्कूल से पढ़ कर निकले हैं।
कुछ वर्ष पहले एक दिन अचानक एक मामूली-सी लगने वाली खास खबर पर नजर गई थी। खबर इस मायने में खास थी कि फरीदाबाद के अर्पित अग्रवाल ने IIT टॉप किया है। उस खबर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान अर्पित ने अपनी पढ़ाई-लिखाई, मेहनत के संबंध में बातचीत करते हुए कहा था कि नींद के साथ कभी भी समझौता नहीं करना चाहिए। अगर आपको लगता है कि आपको छह या सात घंटे सोना चाहिए, तो आपको इतने घंटे सोना चाहिए। ऐसा नहीं है कि कम सोने से आप ज्यादा पढ़ लेंगे। क्या पता था, कि उस वक्त आईआईटी खड़गपुर के तीन मेधावी छात्र लक्ष्मीकांत तिवारी, सत्यपाल गुप्ता और अरनेंद्र सिंह नींद संबंधी किसी अनोखी खोज में जुटे हुए हैं।
आईआईटी खड़गपुर के तीन छात्रों ने मिल कर एक ऐसा उपकरण बनाया है, जो मुख्य रूप से शरीर में नींद की माप करेगा। तीनों छात्रों में सत्यपाल गुप्ता और लक्ष्मीकांत तिवारी जौनपुर (यूपी) के एक निम्न मध्यमवर्गीय किसान परिवार से हैं। वह अपने गांवों के हिंदी माध्यम सरकारी स्कूल से पढ़ कर निकले हैं। लक्ष्मीकांत तिवारी, सत्यपाल गुप्ता और अरनेंद्र सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया की मुहिम से खुद को प्रेरित मानते हैं। वह अपने देश के लिए कुछ करना चाहते हैं। इसके लिए उन तीनों ने विदेशों से मिले बड़े ऑफर्स को भी छोड़ दिया है।
आईआईटी खड़गपुर ने इसे बेस्ट स्टार्टअप घोषित किया है। मुंबई आईआईटी में इसे बेस्ट स्टार्टअप अवार्ड से नवाजा जा चुका है। ये होनहार छात्र बताते हैं कि हमारा डिवाइस नींद के पैटर्न का पूरा विश्लेषण प्रदान करता है, जिसमें हृदय की धड़कन की निगरानी और स्लीप एपनिया जैसी श्वसन समस्याएं भी शामिल हैं।
यह डिवाइस बिना शरीर को टच किए शरीर का हार्ट रेट, रेस्पिरेशन रेट, बॉडी मूवमेंट आदि की जानकारी देती है। साथ ही सारी डिटेल एप के ज़रिए दूसरी जगह भी भेजी जा सकती है। इतना ही नहीं, सोते वक्त शरीर का कितनी बार मूवमेंट हुआ, कब नींद आई, कब नींद खुली, नींद किस तरह की थी, ये सारी जानकारी यह डिवाइस देता है। इस डिवाइस को बनाने में आठ लोगों ने दिन-रात मेहनत की, जिनमें सत्यपाल गुप्ता, लक्ष्मीकांत तिवारी, अरनेंद्र के अलावा रामचंद्र, मनोज गुब्बा, आदित्य, पवन और नीतीश अरोड़ा भी शामिल हैं।
इन छात्रों की यह टीम प्रोफेसर अरविंदो रॉउत्रे की देखरेख में काम कर रही है। इस टीम में लक्ष्मीकांत तिवारी, सत्यपाल गुप्ता, पवन यादव, पवन कंडूरी, नितीश अरोड़ा सक्रिय सदस्य हैं। खड़गपुर की टीम को बेस्ट इनकूबेटी और फर्स्ट रनर अप अवार्ड से बेंगलूरु में भी सम्मानित किया जा चुका है।
नींद मापने वाले इस उपकरण को लेकर देश और विदेश की भी कई कंपनियां काफी उत्साहित हैं। IIT खड़गपुर के इलेक्ट्रॉनिक विभाग के प्रोफेसर डॉ अरविंद रॉउत्रे का कहना है, कि मेरे इन तीनों छात्रों की खोज नायाब है। यह खोज तो इन तीनों के उस टैलेंट का आभास है, जो भविष्य में और भी बड़ी खोज को आकार दे सकती है। राउत का मानना है कि IIT के टैलेंट लाखों के पैकेज छोड़कर स्टार्टअप में अपनी योग्यता आजमा रहे हैं। ये रिस्क लेकर अब तक कई युवा तो करोड़पति बन चुके हैं।
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