इस वजह से 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' रैंकिंग में भारत ने लगाई 23 पायदानों की छलांग
बंदरगाह से जुड़े बुनियादी ढांचे के उन्नयन, प्रक्रियाओं में सुधार और दस्तावेज प्रस्तुति के डिजिटलीकरण से बंदरगाहों पर निर्यात/आयात कारगो के संचालन में लगने वाला समय काफी घट गया है जिसने विश्व बैंक रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग में उल्लेखनीय सुधार करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
प्रमुख बंदरगाहों पर निर्यात-आयात कारगो के संचालन में बेहतरी लाने हेतु किए गए अथक प्रयासों से भारत में कारोबार करने में और ज्यादा सुगमता या आसानी संभव हो पाई है।
विश्व बैंक रिपोर्ट 2019 के अनुसार ‘कारोबार में सुगमता’ सूचकांक में 23 पायदानों की ऊंची छलांग लगाकर भारत 100वें पायदान से ऊपर चढ़कर वर्ष 77वें पायदान पर पहुंच गया है। इससे संकेत मिलता है कि भारत वैश्विक मानकों को अपनाने की दिशा में निरंतर तेज गति से बढ़ रहा है। इस लम्बी छलांग में जिस एक महत्वपूर्ण पैमाने ने उल्लेखनीय योगदान दिया है, वह ‘सीमा पार व्यापार’ है। इस मोर्चे पर भारत की रैंकिंग पिछले वर्ष की 146वीं से काफी सुधर कर इस वर्ष 80वीं हो गई है।
शिपिंग मंत्रालय ‘सीमा पार व्यापार’ पैमाने पर सुधार के लिए निरंतर पहल करता रहा है। उल्लेखनीय है कि मात्रा की दृष्टि से भारत के निर्यात-आयात व्यापार के 92 प्रतिशत का संचालन बंदरगाहों पर ही होता है। रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया गया है कि भारत द्वारा सुधार एजेंडे को निरंतर आगे बढ़ाने से ही यह संभव हो पाया है, जिसकी बदौलत भारतीय अर्थव्यवस्था इस क्षेत्र में शीर्ष रैंकिंग वाली अर्थव्यवस्था बन गई है।
बंदरगाह से जुड़े बुनियादी ढांचे के उन्नयन, प्रक्रियाओं में सुधार और दस्तावेज प्रस्तुति के डिजिटलीकरण से बंदरगाहों पर निर्यात/आयात कारगो के संचालन में लगने वाला समय काफी घट गया है, जिसने ‘सीमा पार व्यापार’ पैमाने में सुधार करने के साथ-साथ विश्व बैंक रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग में उल्लेखनीय सुधार करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। विश्व बैंक ने इस वर्ष के दौरान अपनी रैंकिंग में सर्वाधिक सुधार करने वाले देशों में भारत को भी शुमार किया है।
केन्द्रीय शिपिंग, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा, ‘प्रमुख बंदरगाहों पर निर्यात-आयात कारगो के संचालन में बेहतरी लाने हेतु किए गए अथक प्रयासों से भारत में कारोबार करने में और ज्यादा सुगमता या आसानी संभव हो पाई है। इससे आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी और युवाओं के लिए बड़ी संख्या में रोजगार अवसर सृजित होंगे।’
गडकरी ने कहा, ‘बंदरगाह से जुड़ी बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के विकास एवं क्षमता बढ़ाने, अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी बेहतर करने और एक्जिम को बढ़ावा देने के लिए मल्टी- मोडल केन्द्रों (हब) के विकास पर फोकस किया गया है। सागरमाला के तहत सरकार की बंदरगाह आधारित विकास पहल और 1.45 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक के निवेश वाली 266 बंदरगाह आधुनिकीकरण परियोजनाओं को अगले 10 वर्षों के दौरान कार्यान्वयन के लिए चिन्हित किया गया है।’
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