पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा दिल्ली के सबसे महंगे इलाके में बनवा रहे हैं अपना आशियाना
अपने आशियाने के लिए विजय शेखर शर्मा ने लगभग 82 करोड़ रुपये का भुगतान किया है...
दिल्ली के सबसे महंगे इलाके में शर्मा की खरीदारी बहुत बड़ी तो नहीं है, लेकिन इसे लुटियंस जोन में इंटरनेट बिलियनेयर की एंट्री को प्रतीक के रूप में जरूर देखा जा सकता है। 3,000 एकड़ में फैले इस इलाके में करीब 1,000 बंगले हैं, जिनमें सिर्फ 70 निजी इस्तेमाल के लिए हैं, उन्हीं 70 में से एक होगा पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा का...
उत्तर प्रदेश के छोटे से शहर अलीगढ़ के एक मध्यम वर्गीय परिवार में पैदा हुए विजय आज 1.3 अरब डॉलर के पर्सनल एसेट्स के साथ देश के सबसे युवा अरबपति बन गए हैं। इतना ही नहीं बल्कि फ़ोर्ब्स जैसी मैग्जीन ने उन्हें दुनिया के सबसे युवा अरबपतियों की लिस्ट में भी शामिल किया है।
आज भारत में पेटीएम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। एक छोटे दुकानदार से लेकर बड़ी-बड़ी शॉप्स में पेटीएम का इस्तेमाल हो रहा है। किसी को भी पेटीएम के बारे में बताने की जरूरत नहीं है। लगभग हर किसी के फोन में यह ऐप होता ही है। लेकिन इस स्टार्टअप कंपनी को आज यहां तक लाने वाले शख्स यानी विजय शेखर शर्मा की कहानी भी अजब ही है। उत्तर प्रदेश के छोटे से शहर अलीगढ़ के एक मध्यम वर्गीय परिवार में पैदा हुए विजय आज 1.3 अरब डॉलर के पर्सनल एसेट्स के साथ देश के सबसे युवा अरबपति बन गए हैं। इतना ही नहीं बल्कि फ़ोर्ब्स जैसी मैग्जीन ने उन्हें दुनिया के सबसे युवा अरबपतियों की लिस्ट में भी शामिल किया है। फोर्ब्स की 2043 अरबपतियों की लिस्ट में उन्हें 1567वां स्थान दिया गया है।
दुनिया के सबसे अमीर युवाओं में शामिल इन दिनों विजय फिर से सुर्खियों में हैं। वजह ये ही कि देश के विजय दिल्ली के सबसे महंगे और वीआईपी इलाके लुटियंस जोन में बंगला बनवाने जा रहे हैं। बंगले के लिए उन्होंने लगभग 82 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। लुटियंस जोन में लगभग 6,000 स्क्वॉयर फीट की प्रॉपर्टी के लिए विजय ने एडवांस पेमेंट भी कर दिया है। लेकिन, अभी उनके नाम से प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री नहीं हुई है। इसी प्लॉट पर विजय का घर बनेगा।
पेटीएम कंपनी में शर्मा का शेयर 16 प्रतिशत के आसपास है। कंपनी ने हाल ही में 7 अरब डॉलर (करीब 45,109 करोड़ रुपये) की वैल्युएशन पर जापान की कंपनी सॉफ्टबैंक से 1.4 अरब डॉलर यानी करीब 9,021 करोड़ रुपये का फंड जुटाया था, जो कि किसी भी भारतीय स्टार्टअप में फंडिंग के बड़े मामलों में सबसे बड़ी फंडिंग है।
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विजय ने 2005 में One97 Communications नाम की कंपनी शुरू की थी। यह कंपनी उस वक्त मोबाइल कॉन्टेंट जैसे न्यूज, क्रिकेट स्कोर्स, रिंगटोंस, जोक्स और परीक्षाओं के रिजल्ट उपलब्ध कराती थी। इसी सार्थक कोशिश से 2010 में पेटीएम जन्मी, जो आज दुनियाभर में सफलता के नए आयाम स्थापित कर रही है। शर्मा का पेटीएम पेमेंट्स बैंक में 51 प्रतिशत शेयर है। वह फोर्ब्स की लिस्ट में शामिल होनेवाले सबसे कम उम्र के अरबपति हैं जिनका नेट वर्थ 1.3 अरब डॉलर (करीब 8,375 करोड़ रुपये) आंका गया है। हारुन इंडिया रिच लिस्ट के मुताबिक, शर्मा की संपत्ति पिछले साल 162 प्रतिशत बढ़ी और वह 40 साल से कम उम्र के सबसे धनी आंत्रेप्रेन्योर बन गए। इसके साथ ही टाइम पत्रिका की 100 हस्तियों में विजय शेखर प्रधानमंत्री मोदी के साथ शामिल होने वाले दूसरे भारतीय हैं।
दिल्ली के सबसे महंगे इलाके में शर्मा की खरीदारी बहुत बड़ी तो नहीं, लेकिन यह लुटियंस जोन में इंटरनेट बिलियनेयर की एंट्री को प्रतीक के रूप में जरूर देखा जा सकता है। 3,000 एकड़ में फैले इस इलाके में करीब 1,000 बंगले हैं जिनमें सिर्फ 70 निजी इस्तेमाल के लिए हैं। फ्लिपकार्ट के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी पेटीएम के बॉस विजय की तरह ही स्टार्टअप किंग फ्लिपकार्ट के फाउंडर बिन्नी और सचिन बंसल ने भी बेंगलुरु में अपने घर पर करोड़ों रुपये खर्च किए थे।
दिलचस्प बात है कि विजय ने अपनी शुरुआती पढ़ाई हिंदी माध्यम में की है। ऐसे समय में जब हिंदी माध्यम के लोगों को कमतर आंका जाता है और उन्हें अंग्रेजी मीडियम के छात्रों के सामने हीनता का अहसास कराया जाता है, विजय ने इस सोच को ध्वस्त करते हुए सफलता की नई इबारत लिख दी। वे हिंदी माध्यम से पढ़ाई कर हीनता से ग्रसित होने वालों के लिए भी प्रेरणास्रोत का काम करते हैं। विजय ने एक इंटरव्यू में कहा था, कि दिल्ली के इंजीनियरिंग कॉलेज में अंग्रेजी नहीं बोल पाने की वजह से अपने साथियों के बीच कभी उन्हें उपहास का शिकार होना पड़ता था, लेकिन आज उनकी सफलता देखकर लोगों को रस्क होता है। रस्क होगा भी क्यों नहीं, आज वही लड़का दिल्ली के सबसे महंगे इलाके में घर जो खरीदने जा रहा है।