आइसक्रीम के स्टार्टअप में लागत मामूली, कमाई लाखों में
आइसक्रीम के धंधे में नुकसान कम मुनाफा ज्यादा...
उफ्फ, बड़ी गर्मी है। देह-दिमाग पसीने-पसीने। एक झटके में तन-मन तर कैसे हो जाए, चलो आइसक्रीम खाते हैं। ये है गर्मियों का मिजाज। हर किसी को आइसक्रीम की तलब। इन दिनो झुलसाती गर्मियों में ये सिर्फ खाने वालों की ही नहीं, बेचने वालों की भी तलब। तो क्या करें? आइसक्रीम पॉर्लर है न। लेकिन बिजनेस सबके वश की बात भी तो नहीं। फिर क्या करें, तो आइए जानते हैं आइसक्रीम के धंधे का नफा-नुकसान।
अब तो जमाना ऐसा आ गया है कि गर्मी हो या ठण्ड, आइसक्रीम लोगों की पहली पसंद हो चुकी है। इसका लाभ कमाने का आइसक्रीम पार्लर एक बेहतर विकल्प है। इंडिपेंडेंट पार्लर खोलना सस्ता पड़ता है।
आजकल सोच बदल चुकी है। जिसे देखो, वही नौकरी छोड़ कर अपना बिजनेस शुरू करना चाहता हैं। बढ़ते स्टार्ट अप्स और सस्ते होते लोन के कारण भी खास तौर से युवा बिजनेस के ओर काफी आकर्षित हो रहे हैं। सभी चाहते हैं कि वह अपनी खुद की कंपनी बनाएं। पहले तो ज्यादातर लोगों को लगता है कि बिजनेस शुरू करने के लिए लाखों, करोड़ों रुपए चाहिए लेकिन ये आधी हकीकत है, पूरी सच्चाई नहीं। बस जरूरत है अपने आइडिया पर चल निकलने की। कुछ ऐसे बिजनेस हैं, जिन्हें बहुत कम लागत से शुरू कर लाखों की कमाई की जा सकती है। आइस क्रीम पार्लर शुरू करना एक ऐसा ही रोजगार है, जिसमें बहुत ज्यादा निवेश जरूरी नहीं। इसके लिए एक फ्रीजर खरीदना होता है, जो 10 हजार रुपए में आ जाता है। पुराना तो इससे भी कम में मिल जाएगा।
बड़ी आइसक्रीम कंपनियों की फ्रेंचाइजी भी ले सकते हैं। इनमें क्वालिटी, डीलाल जैसी बड़ी आइसक्रीम कंपनियां भी शामिल हैं। ये कंपनियां आइसक्रीम बिक्री का 10-20 फीसदी तक कमीशन भी देती हैं। अब तो जमाना ऐसा आ गया है कि गर्मी हो या ठण्ड, आइसक्रीम लोगों की पहली पसंद हो चुकी है। इसका लाभ कमाने का आइसक्रीम पार्लर एक बेहतर विकल्प है। इंडिपेंडेंट पार्लर खोलना सस्ता पड़ता है। कस्टमर्स को एक साथ कई ब्रांड की आइसक्रीम एक ही जगह मिल जाती है। इससे सेल्स बढ़ जाती है। एक-दो लाख रुपए के इंवेस्टमेंट के साथ यह पार्लर शुरू किया जा सकता है। इसके लिए सबसे पहले अच्छी लोकेशन पर एक शॉप किराए पर लेनी होगी। वहां फंड कैपेसिटी के मुताबिक इंटीरियर, फर्नीचर के अलावा एक डीप फ्रीजर लगाना होगा। साथ ही, शहर के आइसक्रीम डिस्ट्रिब्यूटर्स से संपर्क कर अलग-अलग ब्रांड की आइसक्रीम सेल के लिए रखनी होगी।
धंधे का चलन है कि जो आसानी से, कम दाम हो जाए, वही काम चोखा। आजकल अमूल आइस्क्रीम की फ्रेंचाइजी लेना बहुत ही आसान है। अमूल दो तरह की फ्रेंचाइजी देता है। अमूल प्रेफर्ड आउटलेट या अमूल रेलवे पार्लर या अमूल क्योस्क के लिए फ्रेंचाइजी। लगभग दो लाख रुपए का इन्वेस्टमेंट करना होगा। इसमें नॉन रिफंडेबल ब्रांड सिक्योरिटी के तौर पर 25 हजार रुपए, रेनोवेशन पर एक लाख रुपए, इक्वीपमेंट पर 75 हजार रुपए का खर्च आता है। अमूल आइसक्रीम स्कूपिंग पार्लर पर कुल खर्च लगभग 6 लाख रुपए आता है। इसमें ब्रांड सिक्योरिटी 50 हजार रुपए, रेनोवेशन 4 लाख रुपए, इक्वीपमेंट के 1.50 लाख रुपए शामिल हैं।
अमूल आउटलेट अमूल प्रोडक्ट्स के एमआरपी पर कमीशन देता है। इसमें आइसक्रीम पर 20 फीसदी कमीशन मिलता है। अगर अमूल आइसक्रीम स्कूपिंग पार्लर का फ्रेंचाइजी है तो रेसिपी बेस्ड आइसक्रीम, शेक, पिज्जा, सेंडविच, हॉट चॉकेलेट ड्रिंक पर 50 फीसदी कमीशन मिलेगा। प्री-पैक्ड आइसक्रीम पर 20 फीसदी और अमूल प्रोडक्ट्स पर 10 फीसदी कमीशन मिलता है। आइसक्रीम खाने के कई ठांव-ठिकाने अब संभव हैं। धंधे में नहीं तो घर में ही सही। गर्मियों में हर घर में अक्सर बच्चे अचानक आइसक्रीम मांगने लगते है। उस वक्त न घर में, न फ्रिज में आइसक्रीम। फिर क्या करें। ऐसे में बच्चो के लिए आइसक्रीम कहां से लाएं, तो इसका भी समाधान है। पांच मिनट के अंदर आइसक्रीम तैयार हो सकती है।
घरेलू नुस्खे हमेशा बड़े काम के होते हैं। कुछ लोग तो घर में आइसक्रीम तैयार कर बाजार में बेच रहे हैं। इसका तरीका कुछ यूं है। फुल फैट क्रीम 150 ग्राम, दूध 150 ग्राम, चीनी 3 चम्मच, ड्राई फ्रूट्स, नमक तीन चम्मच, वैनिला एसेन्स डेढ़ चम्मच, जिपलॉक बैग (प्लास्टिक) दो और बर्फ एक कटोरा। सबसे पहले क्रीम, दूध, और चीनी को डाल कर उसे अच्छे से मिला दें। फिर उसमे वनीला एसेन्स डाल कर मिलाएं। चाहें तो जिपलॉक के बजाए प्लास्टिक का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। एक कटोरे में प्लास्टिक को रख लें ताकि दूध डालते समय परेशानी न हो। फिर उसे रबर से अच्छे से बंद कर लें। जिपलॉक में आधी बर्फ डाल दें, फिर उसमें दो चम्मच नमक डाल दें। फिर दूध वाले पैकेट को उसमें डाल दें। उसके ऊपर बाकी बर्फ डालकर जिपलॉक बंद कर दें। फिर उसे टावल आदि से चारो तरफ से अच्छे से ढंक दें। इसके बाद उसे पांच-सात मिनट तक जोर-जोर से हिलाएं।
दूध वाले पैकेट को जिपलॉक बैग से निकालकर देख लें कि आइसक्रीम अच्छे से जम गई है। फिर उसे खोलें और किसी प्लेट या कटोरे में निकाल लें। इसके बाद ड्राई फ्रूट्स से सजा दें। वैसे तो आइसक्रीम तैयार। ये तो रहा घर बैठे आइसक्रीम खाने का मजा लेकिन बिजनेस की बात कुछ और है। आइसक्रीम बेंचने वाला भी पसीने पोछता रहता है। गर्मी के सीजन में बाजार में प्रोडक्ट्स की डिमांड भी बदल गई है। ऐसा नहीं है कि आइसक्रीम पॉर्लर का बिजनेस केवल गर्मियों में ही चल रहा है। अब सर्दियों में भी आइसक्रीम खाने का शौक उफान पर रहने लगा है। इसलिए इस बिजनेस में अच्छी कमाई के दोहरे मौके हैं।
आइसक्रीम में क्वालिटी वाल्स एक बड़ा ब्रांड है। भारत में क्वालिटी वाल्स के 300 से अधिक पार्लर हैं। फ्रेंचाइजी लेने के लिए क्वालिटी वाल्स की वेबसाइट पर ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं। हालांकि इस वेबसाइट पर इन्वेस्टमेंट की डिटेल नहीं बताई गई है, लेकिन फ्रेंचाइजी इंडिया के मुताबिक क्वालिटी वाल्स के पार्लर खोलने के लिए 2 लाख रुपए के शुरुआती इंवेस्टमेंट की जरूरत पड़ती है। क्योसक के लिए आठ बाई छह फुट स्पेस में यह पार्लर खोला जा सकता है। फ्रेंचाइजी देने के बाद कंपनी की ओर से मार्केटिंग, एडवर्टाइजिंग, बिजनेस और प्रमोशनल सपोर्ट भी दिया जाता है। क्वालिटी वाल्स की ओर से स्विर्ल्स के नाम से भी फ्रेंचाइजी दी जाती है, लेकिन उसमें कम से कम 6 लाख रुपए के इंवेस्टमेंट की जरूरत होती है।
आइसक्रीम ब्रांड में एक और जाना-पहचाना नाम है वादीलाल। वादीलाल द्वारा 3 तरह की फ्रेंचाइजी ऑफर की जाती है। वादीलाल हैंगआउट्स, वादीलाल स्कूप शॉप, वादीलाल क्योस्क। वादीलाल क्योस्क आप किसी भी मॉल, पार्क या बाजार में लगा सकते हैं। जबकि स्कूप शॉप के लिए 250 से 400 वर्ग फुट स्पेस की जरूरत होती है। फ्रेंचाइजी के लिए कंपनी की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। फ्रेंचाइजी डॉट इन के मुताबिक वादीलाल की फ्रेंचाइजी पर 5 से 10 लाख रुपए तक का इंवेस्टमेंट होता है।
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