छोटे एक्सपोर्टर्स के लिए ECGC ने शुरू की नई इंश्योरेंस स्कीम, कितना मिलेगा क्रेडिट रिस्क कवर?
ECGC (Export Credit Guarantee Corporation of India) ने 'एक्सपोर्ट क्रेडिट इंश्योरेंस फॉर बैंक' (संपूर्ण टर्नओवर पैकेजिंग क्रेडिट और पोस्ट शिपमेंट) (ECIB-WTPC & PS) के तहत छोटे निर्यातकों (small exporters) को समर्थन देने के लिए 90 प्रतिशत तक बढ़ा हुआ एक्सपोर्ट क्रेडिट इंश्योरेंस कवर देने के लिए एक नई योजना शुरू की है.
इस योजना से ECGC WT-ECIB कवर रखने वाले बैंकों से एक्सपोर्ट लोन पाने वाले कई छोटे स्तर के निर्यातकों को लाभ होने की उम्मीद है. इसके कारण छोटे निर्यातक नए बाजारों/नए खरीदारों का पता लगा सकेंगे और बहुत प्रतिस्पर्धात्मक ढंग से अपने मौजूदा उत्पाद पोर्टफोलियो में विविधता ला सकेंगे.
मंगलवार को मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ECGC के अध्यक्ष एम. सेंथिलनाथन ने कहा, "हमें उम्मीद है कि बीमा कवर एक बहुत बड़ी तब्दीली लाने वाली भूमिका निभाएगा. हमें उम्मीद है कि इससे 20 करोड़ रुपये तक के खातों का प्रतिशत बढ़ जाएगा. जिससे ECGC पोर्टफोलियो को और स्थिरता मिलेगी. बैंकों को 90 प्रतिशत कवर देकर हमें उम्मीद है कि और ज्यादा छोटी कंपनियां बैंकों से निर्यात ऋण प्राप्त करेंगी, जिससे इन उद्योगों को बहुत लाभ होगा. हमें उम्मीद है कि बैंक और रियायतें देंगे. इसका कुल असर ये होगा कि निर्यातकों को लाभ होगा, जिसमें ब्याज दर में कमी होना भी शामिल है.”
वाणिज्य मंत्रालय और मंत्री पीयूष गोयल को धन्यवाद देते हुए ECGC के अध्यक्ष ने कहा, “सरकार ने हाल के वर्षों में पर्याप्त पूंजी निवेश के साथ हमारा समर्थन किया है. इस वजह से और निर्यातकों के लिए अपने कवर को और अधिक उपयोगी बनाने की जरूरत के चलते हमने आज इस निर्णय की घोषणा की है."
भारत सरकार की इस प्रमुख निर्यात क्रेडिट एजेंसी द्वारा निभाई गई भूमिका के बारे में बात करते हुए सेंथिलनाथन ने कहा, "ECGC जैसे संगठनों द्वारा निभाई गई प्रतिचक्रीय भूमिका दरअसल किसी अग्निशमन कर्मी की भूमिका के समान है, जब क्रेडिट मुश्किल हालत में होता है तो क्रेडिट बीमा एजेंसियां बाजार को स्थिर करने के लिए आगे आती हैं. "
सेंथिलनाथन ने आगे कहा कि कोविड-19 के मद्देनजर बाजार को स्थिर करने के लिए सभी सरकारों ने विभिन्न उपाय किए. इस वजह से ECGC ने निर्यातकों को दिए गए कवर को वापस नहीं लिया. उम्मीदों के उलट दुनिया भर में निर्यात ऋण बीमा एजेंसियों ने औसत दावा अनुपात देखे हैं, ऊंचे अनुपात नहीं.
बैंकों के लिए बढ़ा हुआ कवर
रत्न, आभूषण और हीरा क्षेत्र को छोड़कर और व्यापारी निर्यातकों/ट्रेडरों को छोड़कर, ये बढ़ा हुआ कवर 20 करोड़ रुपये तक की फंड-बेस्ड एक्सपोर्ट क्रेडिट वर्किंग कैपिटल लिमिट का लाभ उठाने वाले मैन्युफैक्चर्रस-एक्सपोर्टर्स (यानी, प्रति निर्यातक/निर्यातक-समूह कुल पैकेजिंग क्रेडिट और पोस्ट शिपमेंट सीमा) के लिए उपलब्ध होगा.
ये नई योजना ECGC WT-ECIB कवर रखने वाले बैंकों को ब्याज दरों को और कम करने की संभावना तलाशने में सक्षम करेगी ताकि सभी हितधारकों को लाभ हो. ये बढ़ा हुआ कवर प्रतिशत भारतीय स्टेट बैंक को उसके अनुकूल दावा प्रीमियम अनुपात को देखते हुए पिछले वर्ष की प्रीमियम दर के अनुसार उपलब्ध कराया जाएगा. हालांकि, अन्य बैंकों के लिए प्रचलित प्रीमियम दरों में मामूली वृद्धि हो सकती है.
ECGC ने पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में 6.18 लाख करोड़ रुपये के निर्यात को समर्थन दिया था. 31/03/2022 तक 6,700 से ज्यादा विशिष्ट निर्यातकों को इस प्रत्यक्ष कवर का लाभ हुआ है जिसे निर्यातकों को जारी किया गया है. 9,000 से ज्यादा विशिष्ट निर्यातकों को बैंकों के लिए निर्यात ऋण बीमा (ECIB) के तहत लाभ मिला है. खास बात ये है कि इनमें से लगभग 96 प्रतिशत छोटे निर्यातक हैं.