भारतीय वायुसेना की 47वीं स्क्वाड्रन ने हीरक जयंती मनाई
इस स्क्वाड्रन की स्थापना 18 दिसंबर, 1959 में हलवारा वायुसेना स्टेशन में की गई थी। इस स्क्वाड्रन ने तूफानी, मिग-21, एफएल और मिग-29 लड़ाकू विमानों का संचालन किया है।
आदमपुर वायुसेना स्टेशन में वर्तमान में तैनात भारतीय वायुसेना की 47वीं स्क्वाड्रन ने राष्ट्र की गौरवशाली सेवा के 60 वर्ष पूरे कर लिए हैं। इस अवसर पर आदमपुर वायुसेना स्टेशन में 14-15 फरवरी, 2020 को हीरक जयंती समारोह का आयोजन किया गया।
इस ऐतिहासिक अवसर पर सूर्यकिरण एरोबैटिक्स टीम, आईएएफ विंटेज फ्लाइट, एयर डेविल्स के हवाई करतबों और एयर वारिर्यस ड्रिल टीम के प्रदर्शन ने दर्शकों का मन मोह लिया। इस समारोह में बड़ी संख्या में सेवारत अधिकारियों, गणमान्य व्यक्तियों और भूतपूर्व योद्धाओं ने भाग लिया।
इस स्क्वाड्रन की स्थापना 18 दिसंबर, 1959 में हलवारा वायुसेना स्टेशन में की गई थी। इस स्क्वाड्रन ने तूफानी, मिग-21, एफएल और मिग-29 लड़ाकू विमानों का संचालन किया है।
इस यूनिट का चिन्ह या क्रेस्ट घुटना टेके धनुष थामे ‘ब्लैक आर्चर’ की है, जो तत्परता को दर्शाती है। इस यूनिट का आदर्श वाक्य ‘कर्मणी व्यापुरुथम धनुहु’ है, जिसका अनुवाद है -‘मेरा धनुष सदैव अपने कार्य के लिए तना हुआ है’।
इस स्क्वाड्रन ने 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्धों में भाग लिया और अनेक पुरस्कार जीते। ये स्क्वाड्रन अपने परिचालन की धार को बरकरार रखे हुए है और यह ऑपरेशन सफेद सागर, ऑपरेशन पराक्रम और उत्तरी क्षेत्र में बालाकोट हमले के बाद की कार्रवाइयों में सक्रिय भाग ले चुकी है।
ब्लैक आर्चर्स 2009 में प्रेसिडेंट स्टैन्डर्डस हासिल करने का गौरव पा चुके हैं और किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए, राष्ट्र की सेवा में महान ऊंचाइयों को छूने के लिए सदैव तैयार हैं।
(सौजन्य से: PIB_Delhi)