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ईडी ने चीनी लोन ऐप मामले में 106 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की

एजेंसी ने साइबर अपराध पुलिस स्टेशन, बेंगलुरु द्वारा कर्नाटक मनी लेंडर्स एक्ट, 1961, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000, कर्नाटक अत्यधिक ब्याज वसूलने का निषेध अधिनियम, 2004, और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी.

ईडी ने चीनी लोन ऐप मामले में 106 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की

Thursday March 30, 2023 , 3 min Read

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मर्चेंट आईडी और बैंक खातों में धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत चीनी लोन ऐप मामले में ₹106 करोड़ की संपत्ति कुर्क की है. (ED attaches ₹106cr assets in Chinese loan app case)

बता दें कि एजेंसी ने साइबर अपराध पुलिस स्टेशन, बेंगलुरु द्वारा कर्नाटक मनी लेंडर्स एक्ट, 1961, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000, कर्नाटक अत्यधिक ब्याज वसूलने का निषेध अधिनियम, 2004, और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी.

उन चीनी राष्ट्रीय-नियंत्रित संस्थाओं/व्यक्तियों द्वारा चलाए जा रहे मोबाइल ऐप के माध्यम से जनता से जबरन वसूली और उत्पीड़न में उनकी संलिप्तता के संबंध में कई संस्थाओं/व्यक्तियों के खिलाफ जांच शुरू की गई थी.

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एजेंसी ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि इसकी जांच से इन संस्थाओं के तौर-तरीकों का पता चला है, जिसमें इन संस्थाओं को चीनी नागरिकों की ओर से डमी निदेशक नियुक्त करके शामिल किया गया था. और कंपनी के कर्मचारियों के केवाईसी दस्तावेज प्राप्त करने और उन्हें नियुक्त करने के लिए इस्तेमाल किया गया था. ऐसी संस्थाओं के निदेशक और यहां तक कि उनकी जानकारी या पूर्व सहमति के बिना उनके नाम पर बैंक खाते भी खोल दिए.

एजेंसी ने कहा कि ये संस्थाएं केवाईसी दस्तावेजों में फर्जी पते जमा करके और विभिन्न पेशेवरों और अन्य व्यक्तियों से सहायता लेकर अवैध/आपराधिक गतिविधियों में शामिल हैं.

ईडी ने कहा, "इन संस्थाओं ने लोन ऐप और अन्य माध्यमों के जरिए जनता को इंस्टेंट शॉर्ट-टर्म लोन दिए है और उनसे कई गुना अधिक प्रोसेसिंग फीस वसुली. ब्याज की अत्यधिक दर और राशि बाद में इन कंपनियों द्वारा धमकी देकर और मानसिक यातना देकर जनता से वसूल की गई. फोन पर लोन लेने वालों के साथ-साथ उनके परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और दोस्तों से संपर्क कर पैसे मांग रहे हैं."

ईडी ने आगे कहा, "इन चीनी राष्ट्रीय-नियंत्रित संस्थाओं ने रेज़रपे, कैशफ्री, पेटीएम, पेयू, ईज़ीबज़ और विभिन्न बैंकों के साथ बनाए गए बैंक खातों जैसे विभिन्न भुगतान गेटवे के साथ बनाए गए मर्चेंट आईडी के माध्यम से भारी मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों में लिप्त हैं और इस तरह अपराध की आय उत्पन्न कर रहे हैं."

इस हफ्ते की शुरुआत में, बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने चीनी लोन ऐप मामले में शामिल सात संस्थाओं और पांच व्यक्तियों के खिलाफ ईडी द्वारा दायर एक अभियोजन शिकायत का संज्ञान लिया.

आरोपी संस्थाओं में चीनी नागरिकों द्वारा नियंत्रित तीन फिनटेक कंपनियां शामिल हैं - मैड एलिफेंट नेटवर्क टेक्नोलॉजी, बैरोनीक्स टेक्नोलॉजी और क्लाउड एटलस फ्यूचर टेक्नोलॉजी.

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