Sahara के 10 करोड़ निवेशकों को नौ महीनों में लौटाए जाएंगे 5000 करोड़: सुप्रीम कोर्ट
सहकारिता मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए सहारा समूह की 4 सहकारी समितियों के करीब 10 करोड़ निवेशकों की जमा राशि सहारा-सेबी रिफंड खाते से लौटाने का आदेश दिया."
नौ महीने के भीतर सहारा-सेबी रिफंड खाते से 5,000 करोड़ रुपये सहारा समूह की चार सहकारी समितियों के 10 करोड़ निवेशकों को पैसे वापस कर दिए जाएंगे. केंद्र ने बुधवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश दिया है.
सहकारिता मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए सहारा समूह की 4 सहकारी समितियों के करीब 10 करोड़ निवेशकों की जमा राशि सहारा-सेबी रिफंड खाते से लौटाने का आदेश दिया."
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, बयान में यह भी कहा गया है कि गौरव अग्रवाल की सहायता से जस्टिस रेड्डी नौ महीने में भुगतान प्रक्रिया पूरी कर लेंगे.
इससे पहले दिन में, सुप्रीम कोर्ट ने सहकारी समितियों के जमाकर्ताओं को चुकाने के लिए सहारा समूह द्वारा बाजार नियामक सेबी के पास जमा किए गए ₹24,000 करोड़ में से ₹5,000 करोड़ के आवंटन की मांग करने वाली केंद्र की याचिका को स्वीकार कर लिया.
मार्च 2010 और जनवरी 2014 के बीच सहारा समूह की चार समितियां- सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपरपज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटीज एक्ट, 2002 के तहत पंजीकृत थीं.
इन सहकारी समितियों के जमाकर्ताओं को जमा राशि का भुगतान न करने के संबंध में देश भर से बड़ी संख्या में शिकायतें प्राप्त हुई थीं. समितियों को नोटिस जारी किए गए और शिकायतों के कारण केंद्रीय रजिस्ट्रार के समक्ष सुनवाई हुई.
एएनआई ने बताया कि सुनवाई के दौरान, सेंट्रल रजिस्ट्रार ने समितियों को निवेशकों को भुगतान न की गई राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया और समितियों को नए डिपॉजिट लेने और मौजूदा डिपॉजिट को रिन्यू करने से रोक दिया.
सहकारिता मंत्रालय ने जमाकर्ताओं से प्राप्त लगभग 1.22 लाख दावों का डिजिटलीकरण कर भुगतान के लिए इन समितियों को भेजा, लेकिन समितियों ने इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई नहीं की.
केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने इस मामले को प्राथमिकता के आधार पर उठाया है और आर्थिक मामलों के विभाग, राजस्व विभाग, सेबी, SFIO और ईडी आदि के साथ कई बैठकें की हैं.
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रालय ने शीर्ष अदालत के समक्ष दायर एक याचिका में अनुरोध किया था कि सहारा समूह की चार सहकारी समितियों के जमाकर्ताओं को भुगतान करने के लिए सहारा-सेबी रिफंड खाते से 5,000 करोड़ रुपये का उपयोग किया जा सकता है.
केंद्रीय पंजीयक के अधिवक्ता गौरव अग्रवाल के सहयोग से 9 माह में भुगतान की प्रक्रिया पूरी कराएंगे.
सहारा सोसायटी के वैध निवेशकों को उनकी पहचान और जमा के उचित प्रमाण के आधार पर उनके बैंक खातों के माध्यम से पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से निवेशकों को भुगतान किया जाएगा.
सहकारिता मंत्रालय उचित पारदर्शी तंत्र के माध्यम से सहारा समूह की सहकारी समितियों के वैध निवेशकों को जल्द ही भुगतान की प्रक्रिया शुरू करेगा, जिससे करोड़ों निवेशकों और उनके परिवारों को राहत मिलेगी.