385 कर्मचारियों की छंटनी कर रहा एडटेक यूनिकॉर्न Vedantu, बताई ये वजह...
एडटेक यूनिकॉर्न
और कर्मचारियों को निकालने की तैयारी में है. Entrackr ने मामले की जानकारी रखने वाले दो लोगों के हवाले से इसकी जानकारी दी.एक सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, "Vedantu एचआर, लर्निंग और कंटेंट जैसे वर्टिकल में लगभग 385 कर्मचारियों को निकाल रहा है. स्टार्टअप आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा कर सकता है."
यह ख़बर बोर्ड और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कर्नाटक में तैयारी कराने वाले परीक्षण तैयारी मंच Deeksha के Vedantu द्वारा बहुसंख्यक हिस्सेदारी के अधिग्रहण के तुरंत बाद आई है. वामसी कृष्णा के नेतृत्व वाली कंपनी ने सौदे पर 40 मिलियन डॉलर खर्च किए.
ऑफलाइन ट्यूशन सेंटर खोलने के लिए कंपनी एडटेक यूनिकॉर्न्स में भी शामिल हुई. Unacademy, Byju's और Physicswallah ने पहले ही देश भर में अपनी ऑफ़लाइन ट्यूशन कक्षाएं खोल दी हैं.
एक अन्य सूत्र ने कहा, "CXO सहित संस्थापक टीम भी 50% वेतन कटौती ले रही है. कंपनी में अब लगभग 3,300 कर्मचारी बचे हैं." वेदांतु ने आखिरी बार पिछले साल सितंबर में 10 करोड़ डॉलर जुटाए थे. इस फंडिंग के साथ ही कंपनी ने यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल किया.
मई में वेदांतु ने दो चरणों में 624 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला था. कंपनी ने कथित तौर पर अगस्त में अन्य 100 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया. वेदांतु के अलावा, बायजू ने हाल ही में घोषणा की कि वह 2,500 कर्मचारियों की छंटनी करेगा और Unacademy ने छंटनी के दूसरे दौर की घोषणा की. LEAD, Eruditus भी इस लिस्टम में शामिल हो गए, जबकि Lido, Udayy, SuperLearn, और Crejo.Fun ने अपना कारोबार स्थायी रूप से बंद कर दिया.
जबकि वेदांतु को अपने FY22 नंबर दर्ज करना बाकी है, वित्त वर्ष 2021 में कंपनी का ऑपरेटिंग रेवेन्यू 3.8 गुणा बढ़कर 93.7 करोड़ रुपये हो गया, जबकि FY20 में यह 24.6 करोड़ रुपये था. इस अवधि के दौरान कंपनी का घाटा 4 गुना बढ़कर 604.28 करोड़ रुपये हो गया.
हाइब्रिड और ऑफलाइन वर्टिकल पर ध्यान केंद्रित करते हुए अन्य 385 कर्मचारियों की छंटनी करने के Vedantu के इस कदम से पता चलता है कि स्कूलों, कॉलेजों और फिजिकल ट्यूशन सेंटरों के फिर से खुलने के साथ ऑनलाइन सीखने की गिरती मांग से एडटेक स्टार्टअप बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, खासकर ऐसे समय में जब फंडिंग की मंदी चल रही है.
इस साल अब तक अकेले एडटेक स्टार्टअप्स द्वारा 7,000 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी की गई है, जबकि पूरे स्टार्टअप इकोसिस्टम ने देश में 17,000 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी की है.