कंप्यूटर साइंस में बनाना चाहते हैं करियर, इन 4 चार देशों में फ्री में होगी पढ़ाई
अगले दशक में कंप्यूटर साइंस पेशे में रोजगार 13 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है. कंप्यूटर साइंस कोर्सेज में क्वालिफाइड लोग अपनी नौकरियों से सालाना 1 करोड़ रुपये तक कमा सकते हैं.
आज के समय में कंप्यूटर साइंस कोर्से की काफी डिमांड है. अमेरिका में, कंप्यूटर और सूचना प्रौद्योगिकी के लिए कुल रोजगार अगले 10 सालों में 15 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है, जिससे लगभग 6 लाख 82 हजार 800 नए रोजगार पैदा होंगे.
यह ट्रेंड केवल अमेरिका में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में भी दिखाई देने वाली है. भारत में, अगले दशक में इस पेशे में रोजगार 13 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है. कंप्यूटर साइंस कोर्सेज में क्वालिफाइड लोग अपनी नौकरियों से सालाना 1 करोड़ रुपये तक कमा सकते हैं.
कई भारतीय छात्र कंप्यूटर साइंस की शिक्षा के लिए विदेश जाने लगे हैं. सामान्य तौर पर ऐसे छात्र अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा का विकल्प चुनते हैं. लेकिन इन देशों में अक्सर ट्यूशन फीस और घरों के किराए सहित अन्य चीजें काफी महंगी होती हैं.
इसका मतलब यह नहीं है कि जब कंप्यूटर साइंस कोर्स करने की बात आती है तो किफायती विकल्प नहीं होते हैं. हम यहां आपको ऐसे चार देशों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर आप कंप्यूटर साइंस में सस्ती शिक्षा के लिए विचार कर सकते हैं.
जर्मनी
जब भी कंप्यूटर साइंस की बात आती है तब जर्मनी हमेशा सबसे अच्छे विकल्प के रूप में सामने आता है. उच्च शिक्षा डेस्टिनेशन के रूप में भारतीय छात्रों के लिए जर्मनी एक आकर्षक जगह है. यहां कई विश्वस्तरीय यूनिवर्सिटीज तो हैं ही, साथ में आप यहां अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद भी रुक सकते हैं और तेजी से आगे बढ़ने वाली टेक इंडस्ट्री को ज्वाइन कर सकते हैं.
लेकिन भारतीय छात्रों के पास जर्मनी को चुनने का सबसे बड़ा कारण सस्ती पढ़ाई है. जर्मनी में ट्यूशन की लागत आम तौर पर सार्वजनिक विश्वविद्यालयों में फ्री होती है. भले ही आप वहां के नागरिक हों या अंतर्राष्ट्रीय छात्र हों.
बेल्जियम
भारतीय छात्रों के लिए बेल्जियम भी एक अफोर्डेबल स्टडी डेस्टिनेशन है. औसतन किराया अमेरिका की तुलना में 10.99 फीसदी कम है और यह भारतीयों के लिए एक अफोर्डेबल एजुकेशन डेस्टिनेशन बनाता है.
यहां के विश्वविद्यालयों का प्रदर्शन अच्छा रहता है. कई विश्वविद्यालय कंप्यूटर साइंस के अच्छे कोर्स मुहैया कराते हैं. इसमें कैथोलिएके यूनिवर्सिटी ल्यूवेन शामिल है, जिसे आम तौर पर बेल्जियम में शीर्ष संस्थानों में से एक माना जाता है.
नॉर्वे
नॉर्वे को आधी रात के सूरज की जमीन भी कहा जाता है. नॉर्वे बेहद खुबसूरत नजारों और हरे-भरे प्राकृतिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है. हालांकि, भारतीय छात्रों को नॉर्वे की इस खुसूरती से भी ज्यादा यह आकर्षित करता है कि वहां के सरकारी विश्वविद्यालय कोई ट्यूशन फीस नहीं लेते हैं. वहां सभी विदेशी छात्रों को मुफ्त शिक्षा मिलती है. नॉर्वे के 9 विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में टॉप पर रहते हैं.
नॉर्वेजियन यूनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (NTNU) कंप्यूटर साइंस के लिए देश में पहले स्थान पर है. चूंकि NTNU में ट्यूशन फीस मुफ्त है, तो छात्रों को केवल रहने के लिए खर्च करना पड़ता है.
ताइवान
पूर्वी एशिया में स्थित अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए सबसे किफायती देशों में से एक है. ताइवान में शिक्षा की औसत लागत सालाना 3 लाख 40 हजार रुपये आंकी गई है.