हर राइड पर एक रुपये के हिसाब से 'ओला' कैंसर मरीजों के लिए इकट्ठा करेगा पैसे
कैंसर मरीजों के इलाज के लिए ओला इस तरह करेगा काम...
अब ओला कैब के ग्राहकों के पास ऐप में राइड के बाद एक रुपया देकर सहयोग करने का विकल्प होगा। इस तरह से इकट्ठे हुए पैसों को देश में कैंसर मरीजों के इलाज में खर्च किया जाएगा।
भारत में कैंसर पीड़ितों की काफी लंबी तादाद है। सिर्फ 2017 में ही कैंसर के 14.5 लाख नए मामले सामने आए। आधारभूत संरचना की कमी, अकुशल मानव संसाधन और कैंसर रोधी अभियानों की कमी की वजह से कैंसर पीड़ितों की संख्या बढ़ती ही जा रही है।
कैब सर्विस प्रोवाइड करने वाली देश की कंपनी ओला कैब ने कैंसर मरीजों के लिए एक नई पहल 'माय राइड, माय कॉज' शुरू की है। इसके तहत ओला कैब का इस्तेमाल करने वाले लोग राइड के बाद एक रुपये अतिरिक्त देकर कैंसर मरीजों के लिए योगदान कर सकेंगे। ओला ने इसके लिए टाटा ट्रस्ट का अलामेलु चैरिटेबल फाउंडेशन के साथ मिलकर काम करने का फैसला किया है। अब ओला कैब के ग्राहकों के पास ऐप में राइड के बाद एक रुपया देकर सहयोग करने का विकल्प होगा। इस तरह से इकट्ठे हुए पैसों को देश में कैंसर मरीजों के इलाज में खर्च किया जाएगा।
भारत में कैंसर पीड़ितों की काफी लंबी तादाद है। सिर्फ 2017 में ही कैंसर के 14.5 लाख नए मामले सामने आए। आधारभूत संरचना की कमी, अकुशल मानव संसाधन और कैंसर रोधी अभियानों की कमी की वजह से कैंसर पीड़ितों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। इस स्थिति में बदलाव लाने के लिए टाटा ट्रस्ट सक्रियता से काम कर रहा है और कम पैसों में लोगों को रेग्युलर स्क्रीनिंग के लिए भी प्रेरित कर रहा है।
हर रोज भारत में दस लाख से ज्यादा लोग ओला कैब का इस्तेमाल करते हैं। इसलिए कैंसर मरीजों को इस अभियान से काफी मदद मिलने वाली है। इस पहल के बारे में बात करते हुए ओला के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी भाविश अग्रवाल ने कहा, 'हम इस पहल को पेश कर के काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। यह सामाजिक मुद्दों को समर्थन करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान है। ओला देश की समृद्धि में हर तरह से सहयोग करने के लिए तत्पर है। इस अभियान से जुटने वाले पैसे को देश के सबसे जरूरतमंद कैंसर पीड़ित लोगों पर खर्च किया जाएगा। '
उन्होंने बताया कि ग्राहकों के साथ ही कंपनी के कर्मचारी भी इस पहल में भागीदार बनेंगे और कैंसर के खिलाफ मिलकर लड़ेंगे। भाविश ने बताया कि ओला के ग्राहकों से जो पैसा इकट्ठा होगा उससे भारत के ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों के मरीजों को मदद मिल सकेगी। इससे न जाने कितनी जिंदगियां बच सकेंगी। टाटा ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी वेंकटरमन ने कहा कि पूरे देश में कैंसर को लेकर जागरूकता फैलाने की जरूरत है। इसके लिए सरकार, एनजीओ, अस्पताल और हम सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वे ओला कैब के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं।
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