कोरोना वायरस के असर से निपटने को रिजर्व बैंक को ब्याज दर घटाने की देखनी होगी गुंजाइश
नई दिल्ली, भारतीय रिजर्व बैंक को अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस के असर से निपटने के लिए ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश देखनी होगी। आईडीएफसी म्यूचुअल फंड की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
‘कोरोना वायरस और प्राथमिकता’ शीर्षक की रिपोर्ट में कहा गया है कि रिजर्व बैक की बताई गई प्राथमिकता ऋण में वृद्धि वापस लाना है।
रिपोर्ट कहती है,
‘‘मौद्रिक नीति समिति (कुल मिलाकर, जरूरी नहीं कि सभी सदस्यों की) की जो प्राथमिकता दिख रही है वह यह है कि जैसे ही मुद्रास्फीति ‘अनुमति’ दे (मुद्रास्फीति का दबाव कम हो) , नीतिगत रुख को नरम किया जाए। केंद्रीय बैंक की यह प्राथमिकता कोरोना वायरस के प्रभाव जमाने से पहले से है। ऐसे में जो नयी सूचनाएं सामने आ रही हैं, उसके आधार पर यह कदम देर सवेर उठाया ही जाना है।’’
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त मंत्री की प्राथमिकता भी रिजर्व बैंक से मिलती जुलती है। मसलन ऋण की वृद्धि को पटरी पर लाना।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जो दिक्कतें सामने आ हैं उनके आधार पर कहा जा सकता है कि इस मोर्चे पर गुंजाइश सीमित है। यही नहीं यदि कर की वृद्धि कमजोर रहती है और वित्तीय बाजारों की कमजोरी से पूंजीगत प्राप्तियों के लक्ष्य पर दबाव पड़ता है तो यह गुंजाइश और सिमट जाएगी।
रिपोर्ट में हालांकि कहा गया है कि इस बात की संभावना कम है कि सरकार राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पाने के लिए खर्चों के मोर्चे पर कुछ समझौता करेगी।