Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

12 साल के उम्र में ही ये बच्चा अपनी कॉमेडी से लोगों के दिलों में कर रहा है राज

12 साल के उम्र में ही ये बच्चा अपनी कॉमेडी से लोगों के दिलों में कर रहा है राज

Tuesday October 03, 2017 , 5 min Read

टीवी पर आने वाला हम सभी का पसंदीदा शो “द कपिल शर्मा शो” में ‘खजूर’ के नाम से सामने आने वाला ये बच्चा अपनी रोचक और मनमोहक एंट्री से धमाकेदार कॉमेडी कर दर्शकों को हंसने पर मजबूर कर देता है। खजूर का असली नाम कार्तिकेय राज है और आज कॉमेडी के दुनिया में काफी लोकप्रिय हो गया है। आईये एक नज़र डालें कार्तिकेय की उपलब्धियों और जीवन पर...

image


कला किसी उम्र की मोहताज़ नहीं होती। कला का दायरा सारे बन्धनों से परे है। कलाकार हमेशा अपनी दिल की सुनते हैं और अपनी दिल की ही करते हैं। कला को जितनी आज़ादी मिलती है इसमें उतना ही निखार आता है। 12 साल का ये बाल कलाकार अपनी काबिलियत और हुनर की बदौलत टेलीविजन जगत में आज करोड़ों दिलों पर राज कर रहा है और कपिल शर्मा के शो में अहम भूमिका निभा रहा है।टी.वी पर आने वाला हम सभी का पसंदीदा शो “द कपिल शर्मा शो” में ‘खजूर’ के नाम से सामने आने वाला ये बच्चा अपनी रोचक और मनमोहक एंट्री से धमाकेदार कॉमेडी कर दर्शकों को हँसने के लिए मजबूर कर देता है। खजूर का असली नाम कार्तिकेय राज है और आज कॉमेडी की दुनिया में काफी लोकप्रिय हो रहा है, लेकिन एक वक़्त ऐसा भी था जब उसके परिवार को दो वक्त की रोटी इकट्ठा करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती थी।

कार्तिकेय बिहार की राजधानी पटना का रहने वाला है। एक गरीब परिवार में जन्में कार्तिकेय के पिता मोती प्रसाद मजदूरी कर अपने परिवार का दाना-पानी चलाते थे। आमदनी बहुत कम होने के कारण अपने दो बेटों और एक बेटी के साथ पाँच लोगों का परिवार चलाना इनके लिए एक बड़ी चुनौती थी। उन दिनों को याद करते हुए कार्तिकेय की माँ कहती है कि “जिस दिन घर में दाल, चावल और सब्जी बनती थी, तो बच्चे समझते थे कि आज पार्टी है।”

खुद पेट काट कर रहने वाले कार्तिकेय के माता-पिता ने अपने तीनों बच्चों की पढाई में कोई कमी नहीं आने दी क्योंकि वे जानते थे कि शिक्षा ही वह दीपक है जो उनके बच्चों के भविष्य को उज्जवल कर सकता है। वे हमेशा अपने बच्चों को सही मार्ग दिखाते हुए उन्हें बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित करते रहे।

image


कार्तिकेय और उनके छोटे भाई अभिषेक साथ में ही स्कूल जाया करते थे, लेकिन कार्तिकेय बचपन से ही अपनी शरारतों के लिए जाने जाते थे। दिन भर खेल-कूद और मस्ती के अलावा उन्हें पढ़ने में कोई खास दिलचस्पी नहीं थी। इस वज़ह से उनकी माँ हर समय उनके भविष्य को लेकर चिंतित रहा करती थी, लेकिन ऊपर वाले ने तो कार्तिकेय के लिए पहले से ही कुछ और तय कर रखा था। कार्तिकेय की माँ बताती है मेरे दोनों बेटे जब पार्क में क्रिकेट खेलते थे, तो उन्हें पास की एक संस्था से गीत संगीत की आवाजें आती थीं। वो संगीत उन्हें आपनी ओर आकर्षित करता था।

एक दिन कार्तिकेय और उसके भाई ने साथ जाकर उस संस्था में दाखिला ले लिया और वहाँ के वातावरण को देखते हुए उसी संस्था में पढने का मन बना लिया। यहाँ एडमिशन लेने के बाद दोनों भाईयों की जिन्दगी बदल गयी। स्कूल के अध्यापकों द्वारा उनकी रूचि को परखते हुए उन्हें एक्टिंग की बारीकियों को बहुत अच्छे तरीके से सिखाया गया। साल 2013 में एक टी.वी. चैनेल की टीम ‘बेस्ट ड्रामेबाज’ शो के लिए धुरंधर बच्चों की खोज करते हुए पटना पहुँच गयी और वहाँ से 20 बच्चों का चयन किया। इन 20 बच्चे की लिस्ट में एक नाम कार्तिकेय राज का भी शामिल था। उस दिन मानो कार्तिकेय और उसके परिवार के लिए सूरज किसी और ही दिशा से बहार निकला था। उनके लिए सब कुछ अद्भुत सा लग रहा था। चैनल वाले कार्तिकेय के साथ-साथ अन्य बच्चों को ले कर कोलकता आ गये और उन्हें बड़े होटल के एसी कमरे में ठहराया गया। उस बड़े होटल की जिन्दगी कार्तिकेय के लिए नई और किसी सपने से कम न थी। वहाँ उन्हें जो खाना मिलता था, उसे वे आधा खा कर आधा अपनी माँ के लिए छुपा दिया करते थे। 

होटल में 5 दिन व्यतीत करने के बाद वे काफी खाना बचा कर अपने घर अपनी माँ के लिए ले आये।घर आ कर उन्होंने बड़ी खुशी से अपनी माँ को खाने वाली थैली दे कर कहा कि “माँ खा लो, बड़े होटल का खाना है| हमें कभी बड़े होटल का खाना नही मिला इसीलिए ले कर आया हूँ।” कार्तिकेय की माँ अपने आसुओं को पोछते हुए कहती हैं कि "चार साल बाद भी मुझे उस दिन की एक-एक बात याद है, मैंने उसके हाथ से थैला लिया और उसके सामने ही खाना खाय। घर आने तक खाना तो खराब हो चुका था लेकिन मैंने बच्चों को यह महसूस नहीं होने दिया। उसके बाद मुझे एहसास हुआ की मेरा बेटा मुझे कितना प्यार करता है। मैं खुद को गौरवांवित महसूस करती हूँ, कि मैं कार्तिकेय राज की माँ हूँ।"

image


कोलकता के सफ़र ने कार्तिकेय की जिन्दगी को एक नया मोड़ दे दिया। वो चैनल के कॉम्पटिशन में छठे राउंड तक ही पंहुचा था, इसी दौरान कपिल शर्मा की नज़र उसकी कॉमेडी करने की स्टाइल पर पड़ी, जोकि उन्हें बेहद पसंद आई। कपिल ने उस छोटे बच्चे कार्तिकेय को अपने साथ प्रोग्राम में कॉमेडी करने का अवसर दिया। आज कार्तिकेय ‘खजूर’ का रोल अदा कर के दर्शकों के बीच अपनी कॉमेडी का जलवा बिखेर रहा है।

कार्तिकेय मुंबई में रह कर काम के साथ पढ़ाई भी कर रहा है और लोगों का चहेता भी बना हुआ है। 12 वर्ष का कार्तिकेय आज उभरते कलाकारों के लिए प्रेरणा बन कर सामने आया है। इस बच्चे की सफलता इस बात का उदाहरण देती है, कि यदि इंसान अपने भीतर छुपी हुई कला को पहचान कर उस पर ईमानदारी से काम करे तो मंजिल खुद ब-खुद हमारे करीब आएगी। 

ये भी पढ़ें: चौदह साल का ह्यूमन कैलकुलेटर बना यूनिवर्सिटी का प्रोफेसर