महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए बेंगलुरु में चलेंगे 500 पिंक ऑटोरिक्शा
महिलाओं की यात्रा को अनुकूल बनाने के लिए अब बेंगलुरु में भी चलेंगे पिंक अॉटोरिक्शा...
इन रिक्शों को महिलाओं की सुरक्षा के अनुकूल बनाया गया है और इसमें सीसीटीवी कैमरा सहित जीपीएस ट्रैकर भी लगे हुए हैं। एक महीने बाद मार्च में इनके सड़क पर उतरने की उम्मीद जताई जा रही है।
'चूंकि रिक्शा सिर्फ महिलाओं के लिए रिजर्व रहेगा इसलिए उसमें बैठने वाले लोगों की संख्या कम होगी। इसलिए महिलाओं को ट्रिप की ज्यादा कीमत अदा करनी पड़ेगी। लेकिन सीसीटीवी और जीपीएस जैसी चीजें होने की वजह से इस रिक्शे में पॉइंट है।'
देश भर में हर रोज रेप और छेड़खानी की न जाने कितनी घटनाएं रिपोर्ट होती हैं। इसीलिए हर कोई महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर है। इसीलिए बेंगलुरु में अब पिंक ऑटोरिक्शा चलाने की खबर सामने आई है। भुवनेश्वर, दिल्ली, असम के बाद बेंगलुरु को भी महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने की कोशिश की जा रही है। इन रिक्शों को महिलाओं की सुरक्षा के अनुकूल बनाया गया है और इसमें सीसीटीवी कैमरा सहित जीपीएस ट्रैकर भी लगे हुए हैं। एक महीने बाद मार्च में इनके सड़क पर उतरने की उम्मीद जताई जा रही है। बृहत बेंगलुरु महानगर पालिके (BBMP) की वेलफेयर स्कीम के तहत ये ऑटोरिक्शा चलाए जा रहे हैं।
बृहत बेंगलुरु महानगर पालिके के चेयरमैन अब्दुल रकीब जाकिर ने बताया, 'हमने अपनी इस वेलफेयर स्कीम के जरिए 500 पिंक रिक्शा बांटने का लक्ष्य रखा है। हर एक रिक्शे के लिए 80,000 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। बाकी की रकम लाभार्थी द्वारा जुटाया जाएगा।' इस रिक्शा को चलाने वाले स्त्री और पुरुष दोनों हो सकते हैं। लेकिन महिलाओं को रिक्शा चलाने की प्राथमिकता दी जाएगी। रकीब ने बताया कि पुरुष ड्राइवरों को महिलाओं के साथ कैसे पेश आया जाए इसकी ट्रेनिंग भी दी जाएगी। इससे महिला यात्रियों का सफर सुरक्षित सुनिश्चित किया जा सकेगा।
रकीब BBMP की सोशल जस्टिस की स्टैंडिंग कमिटि से भी जुड़े हुए हैं। पिछले साल नवंबर में बेंगलुरु के मेयर संपत राज ने इसकी घोषणा की थी जिसके बाद 20 प्रतिशत पार्किंग लॉट को महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिया गया था। रिक्शे के अलावा मेट्रो और बीएमटीसी में भी महिलाओं के लिए अलग से सीटें आरक्षित की गई हैं जिससे कि महिलाओं के सफर को सुरक्षित एवं सुविधाजनक बनाया जा सके।
हालांकि महिलाओं के लिए अलग से पिंक रिक्शे तो चला दिए गए हैं, लेकिन लोगों का कहना है कि इससे सुरक्षित सफर की गारंटी नहीं दी जा सकती। एक टेक प्रोफेशनल अमीरा ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, 'चूंकि रिक्शा सिर्फ महिलाओं के लिए रिजर्व रहेगा इसलिए उसमें बैठने वाले लोगों की संख्या कम होगी। इसलिए महिलाओं को ट्रिप की ज्यादा कीमत अदा करनी पड़ेगी। लेकिन सीसीटीवी और जीपीएस जैसी चीजें होने की वजह से इस रिक्शे में पॉइंट है।' बेंगलुरू की मेयर ने कहा कि रिस्पॉन्स आने के बाद ऐसे ही और रिक्शे लाए जाएंगे।
संपत राज ने कहा, 'आगे की रणनीति लोगों की प्रतिक्रिया मिलने के बाद ही तय की जाएगी। हमने परिवहन विभाग को लिखकर परमिट की मांग की है। जिसके बाद ऑटोरिक्शे के टेंडर निकाले जाएंगे।' उन्होंने कहा कि सीसीटीवी कैमरे और जीपीएस पर 24,000 हजार का अतिरिक्त खर्च किया जाएगा। इसमें रिक्शे की लागत नहीं जुड़ी होगी। उन्होंने कहा कि सुरक्षित सफर की आस में महिलाएं रात में बस स्टॉप पर इंतजार किया करती हैं। उन्हें रात में ऑटोरिक्शा मिलने में भी दिक्कत होती है। नगरपालिका के इस कदम से उनकी समस्या का समाधान हो सकेगा।
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