एनएसजी: न्यूजीलैंड ने रचनात्मक रूख का भरोसा दिया
भारत और न्यूजीलैंड ने कारोबार, रक्षा और सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपने संबंधों को मजबूत बनाने पर सहमति व्यक्त की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री जॉन की से मिले और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) पर चर्चा हुई। न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री तीन दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंचे हुए हैं। जॉन की पिछली बार 2011 में भारत आये थे।
न्यूजीलैंड उन देशों में शामिल है जिन्होंने जून में दक्षिण कोरिया में आयोजित एनएसजी के पिछले पूर्ण सत्र में यह रुख अख्तियार किया था कि परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले देश भारत के मामले को अपवाद स्वरूप नहीं लिया जा सकता। पूर्ण सत्र में अमेरिका के पुरजोर समर्थन के बावजूद चीन ने इस आधार पर भारत के प्रयासों में अवरोध डाला था कि उसने एनपीटी पर दस्तखत नहीं किये हैं।
भारत और न्यूजीलैंड ने कारोबार, रक्षा और सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपने संबंधों को मजबूत बनाने पर सहमति व्यक्त की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके समकक्ष जान की के बीच बातचीत के दौरान न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि उनका देश एनएसजी की सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी के संदर्भ में जारी प्रक्रिया में रचनात्मक योगदान देगा ।
दोनों देशो के प्रधानमंत्रियों के बीच सार्थक बातचीत के बाद दोनों पक्षों ने दोहरा कराधान निषेध संधि और आय पर कर संबंधी राजकोषीय अपवंचन रोकथाम समेत तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किये । दोनों पक्षों ने विदेश मंत्री स्तरीय वार्ता करने के साथ साइबर मुद्दों पर आदान प्रदान करने की व्यवस्था स्थापित करने का भी निर्णय किया।
जॉन की के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों के बीच बातचीत के दौरान द्विपक्षीय संबंधों और बहुस्तरीय सहयोग के सभी आयामों पर विस्तृत और सार्थक चर्चा हुई।
मोदी: मैं परमाणु आपूर्ति समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता पर विचार करने के संबंध में न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री की के रचनात्मक रूख के प्रति आभारी हूं।
की ने कहा कि एनएसजी में भारत की सदस्यता के प्रयास के विषय पर उनकी विस्तृत चर्चा हुई ।
न्यूजीलैंड एनएसजी के सदस्यों के साथ काम करने को प्रतिबद्ध है, ताकि जितनी जल्दी संभव हो, एक फैसले पर पहुंचा जा सके।
दोनों नेताओं के बीच बातचीत के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि न्यूजीलैंड, भारत के संदर्भ में एनएसजी में शामिल होने के महत्व को समझता है । इसमें कहा गया है कि भारत ने जोर दिया कि इससे पेरिस समझौते के परिप्रेक्ष्य में भारत के स्वच्छ उर्जा के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी । सरकारी सूत्रों ने कहा, ‘ हम एनएसजी मुद्दे पर चर्चा से काफी उत्साहित हैं । न्यूजीलैंड भारत की स्वच्छ उर्जा जरूरतों को समझता है और भारत में परमाणु उर्जा के विस्तार के संदर्भ में परमाणु कारोबार पर वैश्विक नियमों के महत्व को समझता है।' न्यूजीलैंड उन देशों में शामिल था जिसने जून में दक्षिण कोरिया में एनएसजी की पिछली बैठक में यह रूख अख्तियार किया कि एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले देश भारत के मामले में कोई अपवाद नहीं होना चाहिए । बैठक में अमेरिका के समर्थन के बावजूद चीन ने इस आधार पर भारत की सदस्यता का मार्ग अवरूद्ध कर दिया था कि वह एनपीटी का हस्ताक्षरकर्ता नहीं है।
मोदी: दोनों देशों ने साइबर सुरक्षा के क्षेत्र समेत आतंकवाद एवं कट्टरपंथ के खिलाफ खुफिया सहयोग बढ़ाने और सुरक्षा संबंधों को मजबूत बनाने पर सहमति व्यक्त की।
संयुक्त बयान के मुताबिक, दोनों प्रधानमंत्रियों ने आतंकवादी खतरों के सभी स्वरूपों से निपटने के लिए द्विपक्षीय और संयुक्त राष्ट्र की व्यवस्था और विशेष तौर पर 1267 समिति के दायरे में द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की ।
जान की: न्यूजीलैंड वर्तमान प्रक्रिया में रचनात्मक योगदान देना जारी रखेगा जो एनएसजी में भारत की सदस्यता पर विचार करने के लिए चल रही है। एनएसजी में भारत की सदस्यता के प्रयास के विषय पर उनकी विस्तृत चर्चा हुई।
दोनों नेताओं के बीच बातचीत के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि न्यूजीलैंड, भारत के संदर्भ में एनएसजी में शामिल होने के महत्व को समझता है । इसमें कहा गया है कि भारत ने जोर दिया कि इससे पेरिस समझौते के परिप्रेक्ष्य में भारत के स्वच्छ उर्जा के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी।