इंटरनेट की दुनिया में तहलका मचाने के बाद ई-कॉमर्स में कदम रखने की तैयारी में रिलायंस जियो
मोबाइल टेलिकॉम इंडस्ट्री में सफलता के झंडे बुलंद करने के बाद रिलायंस जियो अपने विशाल नेटवर्क और करोड़ों ग्राहकों का फायदा उठाने के लिए ई-कॉमर्स क्षेत्र में उतरने की तैयारी कर रहा है। कंपनी किराना दुकानों के साथ एक ऐसा मॉडल बनाने की कोशिश कर रही है, जिसके सहारे लोग जियो मनी या टेक्स्ट मेसेज की मदद से खरीदारी कर सकेंगे।
कंपनी अभी इसके लिए एक पायलट प्रॉजेक्ट चला रही है। यह प्रॉजेक्ट फिलहाल मुंबई, चेन्नई और अहमदाबाद में चल रहा है। इसमें कई स्टोर और अग्रणी ब्रैंड्स शामिल हैं। अगले साल जियो इसे लॉन्च कर सकता है।
कंपनी ने एक साल के अंदर 13.2 करोड़ ग्राहक बनाए हैं। जियो ऑनलाइन से ऑफलाइन में एंट्री करने जा रही है, जो पेटीएम और फोनपे जैसे ऑनलाइन पेमेंट कंपनियों के लिए चेतावनी है। पेटीएम और फोनपे जैसी कंपनियां भी किराना दुकानों के साथ इसी तरह की डील कर रही हैं। ई-कॉमर्स क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एमेजॉन और फ्लिपकार्ट भी किराना बिजनस में काफी निवेश कर रही हैं।
मोबाइल टेलिकॉम इंडस्ट्री में सफलता के झंडे बुलंद करने के बाद रिलायंस जियो अपने विशाल नेटवर्क और करोड़ों ग्राहकों का फायदा उठाने के लिए ई-कॉमर्स क्षेत्र में उतरने की तैयारी कर रहा है। कंपनी किराना दुकानों के साथ एक ऐसा मॉडल बनाने की कोशिश कर रही है, जिसके सहारे लोग जियो मनी या टेक्स्ट मेसेज की मदद से खरीदारी कर सकेंगे। कंपनी अभी इसके लिए एक पायलट प्रॉजेक्ट चला रही है। यह प्रॉजेक्ट फिलहाल मुंबई, चेन्नई और अहमदाबाद में चल रहा है। इसमें कई स्टोर और अग्रणी ब्रैंड्स शामिल हैं। अगले साल जियो इसे लॉन्च कर सकता है।
कंपनी ने एक साल के अंदर 13.2 करोड़ ग्राहक बनाए हैं। जियो ऑनलाइन से ऑफलाइन में एंट्री करने जा रही है, जो पेटीएम और फोनपे जैसे ऑनलाइन पेमेंट कंपनियों के लिए चेतावनी है। पेटीएम और फोनपे जैसी कंपनियां भी किराना दुकानों के साथ इसी तरह की डील कर रही हैं। ई-कॉमर्स क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एमेजॉन और फ्लिपकार्ट भी किराना बिजनस में काफी निवेश कर रही हैं।
इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक जियो ने इस मुद्दे पर बात करने से इनकार कर दिया है। लेकिन 650 अरब डॉलर की रीटेल इंडस्ट्री में ऑनलाइन से ऑफलाइन में उतरने जा रही जियो जैसी डिजिटल कंपनी की काफी बेहतर रणनीति है। इस बाजार में ई-कॉमर्स कंपनियों की हिस्सेदारी 3-4 पर्सेंट है। 8 पर्सेंट पर संगठित रिटेलर्स जैसे शॉपर्स स्टॉप और बिग बाजार का कब्जा है। वहीं, 88-89 पर्सेंट मार्केट किराना दुकानों के पास है।
अभी अहमदाबाद में जियो का जो प्रोजेक्ट चल रहा है वहां किराना स्टोर्स से सिर्फ टेक्स्ट मैसेज और जियो मनी से घर बैठे खरीदारी कर सकेंगे। रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि अगले साल जियो इस सर्विसको लॉन्च कर सकता है। जियो के एक एग्जिक्युटिव का कहना है कि हमने अभी इसके बिजनस मॉडल को फाइनल नहीं किया है। पायलट प्रॉजेक्ट में हमें जो इनपुट मिलेंगे, हम उस हिसाब से इसमें बदलाव और सुधार करेंगे। पायलट प्रॉजेक्ट के लिए जियो ने आईटीसी, विप्रो, डाबर, टाटा ग्लोबल बेवरेजेज, गोदरेज कन्ज्यूमर प्रॉडक्टस और अमूल को जोड़ा है। इकनॉमिक टाइम्स ने इस तथ्य की स्वतंत्र रूप से जांच नहीं की है।
जियो की तरफ से यह भी बताया कि पायलट प्रॉजेक्ट के साथ फिलहाल 15-20 ब्रैंड्स को जोड़ा गया है। वर्तमान योजना के अंतर्गत जियो अपने मोबाइल उपभोक्ताओं को एक विशेष ब्रांड के उत्पाद के लिए डिजिटल कूपन कोड भेजेगी। उपभोक्ता उस ब्रैंड्स की खरीदारी के लिए पड़ोस की किराना दुकान पर उन कूपन का उपयोग कर सकते हैं। जियो द्वारा चुने हुए स्टोर्स के मोबाइल या टैबलेट्स में ऐसा सॉफ्टवेयर रहेगा, जिसकी मदद से वे कूपन को पढ़ सकेंगे।
इसके अलावा रिलायंस जियो अब फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड और टेलीविजन क्षेत्र में धमाल मचाने की तैयारी कर रही है। मुकेश अंबानी ने नेतृत्व वाली कंपनी अगले साल की शुरुआत में 30 से ज्यादा शहरों में उच्च रफ्तार वाली फाइबर टु होम (एफटीटीएच) ब्रॉडबैंड सेवा शुरू करेगी, जिसके जरिये ग्राहकों को टीवी के साथ ही साथ इंटरनेट सेवा मुहैया कराई जा सकती है।
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